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This Article is From Sep 22, 2021

चीनी हैकरों ने आधार डेटा रखने वाली भारतीय एजेंसी और मीडिया समूह के डेटा में लगाई सेंध : रिपोर्ट

UIDAI के पास करोड़ों भारतीयों का बायोमीट्रिक डेटा सुरक्षित है. कहा जा रहा है कि करीब दो महीने पहले चीनी हैकरों (Chinese Hackers) ने इस गोपनीय डेटा में सेंध लगाई.

चीनी हैकरों ने आधार डेटा रखने वाली भारतीय एजेंसी और मीडिया समूह के डेटा में लगाई सेंध : रिपोर्ट
AADHAR के डेटा को यूआईडीएआई ने पूरी तरह सुरक्षित बताया है
नई दिल्ली:

दुनिया भर में बदनाम चीनी हैकर (Chinese Hackers) भारतीय सुरक्षा और जांच एजेंसियों की संवेदनशील जानकारियों में सेंध लगाने की कोशिशों से बाज नहीं आ रहे हैं. ताजा वाकया आधार के डेटा के जरिये भारतीय एजेंसियों और मीडिया संगठनों को निशाना बनाए जाने का है. ब्लूमबर्ग में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक,आधार का डेटाबेस सुरक्षित रखने वाली यूआईडीएआई (UIDAI) और देश के एक बड़े मीडिया समूह के डेटा में चीन समर्थित हैकरों ने सेंध लगाई है. हालांकि साइबर सिक्योरिटी कंपनी के हवाले की इस रिपोर्ट का प्रभावित एजेंसी ने गलत ठहराया है. 

लद्दाख में भारत और चीनी सेनाओं के बीच हालात थोड़ा सामान्य होने के बीच इस खुलासे ने हड़कंप मचा दिया है. हालांकि इन दावों का भारतीय एजेंसियों ने पुरजोर तरीके से खंडन किया है. साइबर सुरक्षा कंपनी (Cyber Security company) रिकॉर्डेड फ्यूचर ने चीनी हैकरों की इस हरकत का खुलासा किया है. 

यूआईडीएआई के पास करोड़ों भारतीयों का बायोमीट्रिक डेटा सुरक्षित है. कहा जा रहा है कि करीब दो महीने पहले चीनी हैकरों ने इस गोपनीय डेटा में सेंध लगाई. यूआईडीएआई आधार डेटा को लेकर लगातार यह भरोसा देता रही है कि यह इनक्रिप्टेड डेटा है और सिर्फ कई स्तर पर पर प्रमाणीकरण के बाद ही इस तक पहुंच बनाई जा सकती है. पहले भी आधार के डेटा में सेंध लगाने की खबरें आती रही हैं.

आधार में भारतीय नागरिकों के नाम, आधार नंबर, जन्मतिथि जैसी सामान्य जानकारियों के साथ उंगलियों के निशान जैसा बायोमीट्रिक डेटा भी होता है. एक अन्य मीडिया समूह का डेटा भी पिछले 6 माह के दौरान उड़ाने का दावा भी साइबर सुरक्षा कंपनी की रिपोर्ट में है, हालांकि कोई विस्तृत ब्योरा नहीं उपलब्ध कराया गया है.

कंपनी ने अपनी आंतरिक सुरक्षा रिपोर्ट में इसे गलत दावा करार दिया है. चीन की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है. हैकरों ने हैकिंग में जिस टूल का इस्तेमाल किया है, वो अक्सर सरकार समर्थित हैकरों के समूह APT द्वारा इस्तेमाल किया जाता रहा है.

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