 
                                            कोलंबो में चीन के विदेश मंत्री के साथ श्रीलंका के विदेश मंत्री आर. विक्रमसिंघे।
                                                                                                                        - श्रीलंका की तीन दिन की यात्रा पर हैं चीन के विदेश मंत्री वांग यी
- चीन के मंत्री बोले, अन्य देशों से हमारे रिश्ते नहीं होंगे प्रभावित
- कोलंबो बंदरगाह शहर परियोजना में चीन कर रहा है मदद
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                                                                                कोलंबो: 
                                        चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा है कि चीन और श्रीलंका के बीच घनिष्ठ संबंध का अन्य देशों के साथ उनके रिश्तों पर कोई प्रभाव नहीं होगा। यी इस महीने बाद में होने जा रही श्रीलंकाई राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना की चीन यात्रा से पहले श्रीलंका की तीन दिवसीय सरकारी यात्रा पर हैं।
यी ने भारत की ओर इशारा करते हुए कहा, 'चीन और श्रीलंका के बीच इस बात की सहमति है कि हमारे सहयोग में कोई भी तीसरा देश निशाने पर नहीं है और न ही यह अन्य देशों के साथ हमारे अपने संबंधों को प्रभावित करेगा। हम साझे विकास लक्ष्य को हासिल करने के लिए अन्य क्षेत्रीय देशों के साथ घनिष्ठता के साथ काम करने को तैयार हैं।' निकट अतीत में भारत ने 1.5 अरब डॉलर की कोलंबो बंदरगाह शहर परियोजना को लेकर चिंता जताई थी। यह परियोजना समुद्र में चीन द्वारा बनाई जानी है।
चीन के विदेश मंत्री ने कहा, 'इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि अंतरराष्ट्रीय स्थिति और घरेलू एजेंडे में क्या बदलाव आता है, हमारी रणनीतिक और सहयोगपरक साझेदारी विकसित होती रहेगी।' उन्होंने कहा कि चीन की 21 वीं सदी के समुद्री रेशम मार्ग को प्राथमिकता बनाने की मंशा है और वह श्रीलंका को हिंद महासागर में नौवहन केंद्र बनने में मदद पहुंचाना चाहता है। श्रीलंका के विदेश मंत्री मंगला समरवीरा ने कहा कि उनका देश श्रीलंकाई अर्थव्यवस्था के विकास में चीनी उपक्रमों के योगदान के प्रति आशाभरी निगाहों से देख रहा है।
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
                                                                        
                                    
                                यी ने भारत की ओर इशारा करते हुए कहा, 'चीन और श्रीलंका के बीच इस बात की सहमति है कि हमारे सहयोग में कोई भी तीसरा देश निशाने पर नहीं है और न ही यह अन्य देशों के साथ हमारे अपने संबंधों को प्रभावित करेगा। हम साझे विकास लक्ष्य को हासिल करने के लिए अन्य क्षेत्रीय देशों के साथ घनिष्ठता के साथ काम करने को तैयार हैं।' निकट अतीत में भारत ने 1.5 अरब डॉलर की कोलंबो बंदरगाह शहर परियोजना को लेकर चिंता जताई थी। यह परियोजना समुद्र में चीन द्वारा बनाई जानी है।
चीन के विदेश मंत्री ने कहा, 'इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि अंतरराष्ट्रीय स्थिति और घरेलू एजेंडे में क्या बदलाव आता है, हमारी रणनीतिक और सहयोगपरक साझेदारी विकसित होती रहेगी।' उन्होंने कहा कि चीन की 21 वीं सदी के समुद्री रेशम मार्ग को प्राथमिकता बनाने की मंशा है और वह श्रीलंका को हिंद महासागर में नौवहन केंद्र बनने में मदद पहुंचाना चाहता है। श्रीलंका के विदेश मंत्री मंगला समरवीरा ने कहा कि उनका देश श्रीलंकाई अर्थव्यवस्था के विकास में चीनी उपक्रमों के योगदान के प्रति आशाभरी निगाहों से देख रहा है।
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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                                        चीन-श्रीलंका, घनिष्ठ संबंध, श्रीलंकाई राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना, China's Foreign Minister Wang Yi, India, China-Sri Lanka, Relations, Sri Lanka President Maithripala Sirisena, भारत, चीनी विदेश मंत्री वांग यी
                            
                        