फाइल फोटो...
वॉशिंगटन:
एक शीर्ष अमेरिकी थिंक टैंक ने आज कहा कि एक परमाणु प्रतिद्वंद्वी के तौर पर भारत से निपटने के लिए चीन 'अलग रुख' अपनाने पर विचार कर सकता है, क्योंकि वह भारतीय सेना को अपने बराबर नहीं आने देना चाहता।
रैंड कॉरपोरेशन ने चीन पर अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा जरूरतें पूरी करने के लिए भारत ने सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण पर जोर दिया है, लेकिन चीन अपने परमाणु बल संरचना एवं अन्य सामरिक-निवारक जरूरतों के बाबत अमेरिका को ही प्रमुख संभावित प्रतिद्वंद्वी मानता है।
थिंक टैंक ने रिपोर्ट में कहा, 'बहरहाल, यह संभव है कि चीन-भारत की परमाणु क्षमताओं को लेकर ज्यादा चिंतित हो जाए। इससे बदलाव हो सकते हैं और थिएटर परमाणु मिसाइलों का बड़ा शस्त्रागार बन सकता है।'
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
रैंड कॉरपोरेशन ने चीन पर अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा जरूरतें पूरी करने के लिए भारत ने सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण पर जोर दिया है, लेकिन चीन अपने परमाणु बल संरचना एवं अन्य सामरिक-निवारक जरूरतों के बाबत अमेरिका को ही प्रमुख संभावित प्रतिद्वंद्वी मानता है।
थिंक टैंक ने रिपोर्ट में कहा, 'बहरहाल, यह संभव है कि चीन-भारत की परमाणु क्षमताओं को लेकर ज्यादा चिंतित हो जाए। इससे बदलाव हो सकते हैं और थिएटर परमाणु मिसाइलों का बड़ा शस्त्रागार बन सकता है।'
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