हॉलीवुड एक्टर रिचर्ड गियर (Hollywood Actor Richard Gere) ने एनडीटीवी (NDTV) से एक्सक्लूसिव (Excusive) बातचीत में कहा कि चीन (China) इस दुनिया की सबसे बड़ी दिक्कत है. रिचर्ड दलाई लामा (Dalai Lama) के करीबी मित्र हैं और तिब्बती अंतरराष्ट्रीय अभियान के अध्यक्ष हैं. हाल ही में रिचर्ड तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के 87वें जन्मदिन पर भारत में धर्मशाला पहुंचे थे. एनडीटीवी से बातचीत में उन्होंने कहा, " मैं जहां भी जाता हूं अमेरिकी संसद , विदेश मंत्रायल या कहीं भी, सभी यह कहते हैं कि हमें चीन के बारे में कुछ करना होगा. सभी जानते हैं कि रूस (Russia) इस धरती की सबसे बड़ी दिक्कत नहीं है. चीन (China) है. "
आगे उन्होंने कहा, " 1990 के दशक में अमेरिका ने भोलेपन से काम लिया जब निक्सन और किसिंगर चीन गए थे. लेकिन विचार यह था कि अगर आप एक बड़े मध्यम वर्गीय और पढे लिख मध्यम वर्ग को चीन में आगे बढ़ा सकते हो तो यहां लोकतंत्र आएगा और कानून माने जाएंगे और अंतरराष्ट्रीय नागरिक होंगे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ."
आगे वह कहते हैं, " उस जगह के बारे में ऐसा मंत्रमुग्ध माहौल बना दिया गया कि वहां लोग कई बिलियन बना सकते हैं और दुनिया को चीन की सख्त ज़रूरत है. मैं बस इतना जानता हूं कि दुनिया तो चीन की सख्त ज़रूरत है या नहीं लेकिन हमें अच्छे नागरिकों की ज़रूरत है. हमें ऐसे नागरिकों की ज़रूरत है जिनपर दुनिया भरोसा कर सके. जो मानवाधिकार समझ सकें."
एनडीटीवी ने उनसे सवाल किया कि जब प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने दलाई लामा को उनके जन्मदिन पर बधाई दी तो चीन ने उसका विरोध किया और कहा कि दलाई लामा अलगाववादी हैं. इस पर आप क्या कहेंगे? रिचर्ड गीयर ने कहा, " यह बेहद घृणित है. यह पागलपन है."
भारत में दलाई लामा की हमेशा इज्जत की जाती है और उन्हें विशेष अतिथि माना जाता है. भारत में तिब्बत की निर्वासित सरकार को पनाह मिली हुई है. इस पर रिसर्ड गियर ने कहा, "चीन बहुत ही असुरक्षित महसूस करता है. इसी कारण उनका सर्विलांस बजट किसी देश के सैन्य बजट से बढ़ कर है. अपने लोगों की इतनी निगरानी आप तभी करते हैं जब आप असुरक्षित होते हैं. जबकि दलाई लामा ने हमेशा खुद को सच्चे और अच्चे व्यक्ति के तौर पर साबित किया है. एक बार उन्होंने अपनी जीभ निकाल कर मुझसे कहा, कि इस जीभ ने आज तक झूठ नहीं बोला. मुझे नहीं लगता कोई और ऐसा कह सकता है. मैं तो नहीं कह सकता. लेकिन मैं उनकी बात पर भरोसा करता हूं."
दलाई लामा और चीन के चरित्र में अंतर बताते हुए रिचर्ड कहते हैं, " एक तरफ दलाई लामा जैसे जिम्मेदार व्यक्ति हैं जिनके पास कोई निजी शक्ति नहीं है, कोई पैसा नहीं है, कोई अर्थव्यवस्था नहीं है, उनके पास कोई बंदूक नहीं है. लेकिन फिर भी चीन की कम्युनिस्ट पार्टी उनसे घबराई रहती है. एक ऐसा व्यक्ति जो केवल शांति और अहिंसा की बात करता है, बातचीत की बात करता है उससे चीन को परेशानी है. सभी इंसानों को बातचीत से अपनी समस्याएं सुलझानीं चाहिएं."
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