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This Article is From Aug 02, 2015

जमीन अदला-बदली को बांग्ला मीडिया ने बताया 'आधी रात की आजादी'

जमीन अदला-बदली को बांग्ला मीडिया ने बताया 'आधी रात की आजादी'
ढाका: बांग्लादेश और भारत के बीच एन्क्लेव के आदान-प्रदान संबंधी समझौते के लागू होने की खबर बांग्लादेश के मीडिया की सुखिर्यां रही जिसमें इस ऐतिहासिक घटनाक्रम को 'आधी रात की आजादी' करार दिया है।

देश के सबसे बड़े अखबार 'डेली स्टार' की हेडलाइन है 'फ्री, फाइनली' (अंतत: आजाद)। शुक्रवार आधीरात से जैसे ही घड़ी की सूई एक मिनट आगे बढ़ी समझौते के बाद बांग्लादेश में शामिल हुई बस्तियों के लोगों ने अपने देश (बांग्लादेश) का झंडा फहरा कर खुशी मनाई। दोनों देशों के बीच इस समझौते के लागू होने के साथ ही 1947 में भारत विभाजन के वक्त से मौजूद यह जटिल सीमा समस्या सुलझ गई।

भारतीय एन्क्लेव के निवासियों ने 68 मोमबत्तियां जलायीं और 68 गुब्बारे छोड़े जिन पर 'बांग्लादेश, बांग्लादेश' लिखा हुआ था। इसके साथ ही उनकी 68 वर्षों की दुर्दशा समाप्त हो गयी।

आधी रात को हुए इस समारोह का कवरेज कर रहे 'चैनल 71' के संवाददाता ने कहा, 'दर्शकों मैं आपको एक बात बताना चाहूंगा। मैं अभी एक मिनट पहले जिस जगह पर खड़ा था वह भारत के कूच बिहार जिले में था, और अब एक मिनट बाद भी मैं उसी धरती पर खड़ा हूं लेकिन अब वह बांग्लादेश के कुरीग्राम जिले का अभिन्न अंग है।'

वहीं 'इंडिपेंडेंट' अखबार में आज की पहली खबर है 'एन्क्लेव अब इतिहास : भारत-बांग्लादेश भूमि आदान-प्रदान के साथ 50,000 से ज्यादा लोगों की राज्यविहिनता की स्थिति खत्म'।

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