इस्लामाबाद:
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने शुक्रवार को तय किया कि वह चुनावों की तारीख पहले रख देने के विरोध में अगले सप्ताह होने वाले राष्ट्रपति चुनाव का बहिष्कार करेगी।
पीपीपी के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार राजा रब्बानी ने कहा कि चुनावों की तारीख को 6 अगस्त की बजाय 30, जुलाई कर देने से प्रचार अभियान के लिए जरूरी अवधि में जबरदस्त कमी हुई है। चुनाव आयोग ने घोषणा की थी कि चुनाव 6 अगस्त को होंगे। इस्लाम के पवित्र माह के 27वें दिन पड़ने वाली इस तारीख को पवित्र माना जाता है।
पीएमएल-एन के प्रमुख राजा जफरूल हक ने मंगलवार को अदालत में याचिका दाखिल करके तारीख में परिवर्तन करने की अपील की। उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को चुनाव की तारीख में बदलाव करते हुए इसे 30 जुलाई कर दिया। रब्बानी ने कहा, यह हमारे अधिकारों और संविधान का उल्लंघन है, क्योंकि अदालत ने हमारे विचार सुने बिना ही फैसला कर लिया।
यह निर्णय चुनाव के नतीजों को प्रभावित नहीं करने वाला है, क्योंकि पीएमएल-एन के उम्मीदवार मम्नून हुस्सैन पहले ही आसानी से इस मुकाबले को जीतते हुए दिखाई दे रहे हैं। एक बड़ी पार्टी द्वारा बहिष्कार किए जाने के बावजूद चुनाव आयोजित किए जाएंगे, क्योंकि इन चुनावों में पूर्व क्रिकेटन इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ द्वारा नामित एक उम्मीदवार समेत कई अन्य उम्मीदवार मैदान में हैं। पीएमएल-एन ने अभी तक बहिष्कार के फैसले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
उम्मीदवारों की अंतिम सूची 27 जुलाई को जारी की जाएगी। राष्ट्रपति का चयन चार प्रांतीय विधानसभाओं और राष्ट्रीय संसद के द्वारा किया जाता है। नए राष्ट्रपति 8 सितंबर को शपथ ग्रहण करेंगे और वर्तमान राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की जगह लेंगे।
पीपीपी के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार राजा रब्बानी ने कहा कि चुनावों की तारीख को 6 अगस्त की बजाय 30, जुलाई कर देने से प्रचार अभियान के लिए जरूरी अवधि में जबरदस्त कमी हुई है। चुनाव आयोग ने घोषणा की थी कि चुनाव 6 अगस्त को होंगे। इस्लाम के पवित्र माह के 27वें दिन पड़ने वाली इस तारीख को पवित्र माना जाता है।
पीएमएल-एन के प्रमुख राजा जफरूल हक ने मंगलवार को अदालत में याचिका दाखिल करके तारीख में परिवर्तन करने की अपील की। उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को चुनाव की तारीख में बदलाव करते हुए इसे 30 जुलाई कर दिया। रब्बानी ने कहा, यह हमारे अधिकारों और संविधान का उल्लंघन है, क्योंकि अदालत ने हमारे विचार सुने बिना ही फैसला कर लिया।
यह निर्णय चुनाव के नतीजों को प्रभावित नहीं करने वाला है, क्योंकि पीएमएल-एन के उम्मीदवार मम्नून हुस्सैन पहले ही आसानी से इस मुकाबले को जीतते हुए दिखाई दे रहे हैं। एक बड़ी पार्टी द्वारा बहिष्कार किए जाने के बावजूद चुनाव आयोजित किए जाएंगे, क्योंकि इन चुनावों में पूर्व क्रिकेटन इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ द्वारा नामित एक उम्मीदवार समेत कई अन्य उम्मीदवार मैदान में हैं। पीएमएल-एन ने अभी तक बहिष्कार के फैसले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
उम्मीदवारों की अंतिम सूची 27 जुलाई को जारी की जाएगी। राष्ट्रपति का चयन चार प्रांतीय विधानसभाओं और राष्ट्रीय संसद के द्वारा किया जाता है। नए राष्ट्रपति 8 सितंबर को शपथ ग्रहण करेंगे और वर्तमान राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की जगह लेंगे।
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