
प्रतीकात्मक चित्र
वाशिंगटन:
अमेरिका की दक्षिण एशिया रणनीति के तहत आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में पाकिस्तान के सहयोग से अमेरिका असंतुष्ट है. अपने हालिया बयान में अमेरिका ने कहा कि उसे अब यह देखना बाकी है कि पाकिस्तान तालिबान एवं हक्कानी नेटवर्क को रोकने के लिए कौन से कदम उठा रहा है. ट्रम्प प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह बात कही. मुंबई-आतंकवादी हमले के आरोपी हाफिज सईद की रिहाई को उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक कदम पीछे जाने जैसा बताया.
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अधिकारी ने कहा कि पांच साल हक्कानी नेटवर्क के बंधक बने रहे कोलमैन परिवार का पाकिस्तान के भीतर से रिहा होना, पाकिस्तान का आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में समर्थन न देने का संकेत जैसा है. अक्टूबर में अमेरिकी खुफिया जानकारी के आधार पर पाकिस्तानी सेना ने कतलान कोलमैन, उनके पति जोशुआ बॉयल और उनके तीन बच्चों को रिहा कराया था. अफगान तालिबान से संबद्ध आतंकवादियों ने पांच साल पहले अफगानिस्तान की सीमा से लगी कुर्रम घाटी से इन सभी का अगवा किया था. अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि कूटनीतिक दबाव के साथ खुफिया एजेंसियों के अनवरत काम के चलते कोलमैन परिवार रिहा हो पाया है.
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इसलिए मैं इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हूं कि यह कार्य इस दिशा में (अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की अगस्त में घोषित दक्षिण एशिया रणनीति के तहत पाकिस्तान द्वारा किया गया कार्य) एक कदम आगे है. उन्होंने कहा, कि हमें खुशी है कि कोलमैन अब मुक्त हैं और उन्हें रिहा कर दिया गया है. लेकिन हमें अब भी यह देखना बाकी है कि पाकिस्तान तालिबान एवं हक्कानी नेटवर्क को रोकने के लिये कदम उठा रहा है.
VIDEO: मोदी और ट्रंप ने की आतंकवाद को लेकर बात
इस संदर्भ में उन्होंने जो कुछ भी किया है उससे हम संतुष्ट नहीं हैं.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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अधिकारी ने कहा कि पांच साल हक्कानी नेटवर्क के बंधक बने रहे कोलमैन परिवार का पाकिस्तान के भीतर से रिहा होना, पाकिस्तान का आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में समर्थन न देने का संकेत जैसा है. अक्टूबर में अमेरिकी खुफिया जानकारी के आधार पर पाकिस्तानी सेना ने कतलान कोलमैन, उनके पति जोशुआ बॉयल और उनके तीन बच्चों को रिहा कराया था. अफगान तालिबान से संबद्ध आतंकवादियों ने पांच साल पहले अफगानिस्तान की सीमा से लगी कुर्रम घाटी से इन सभी का अगवा किया था. अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि कूटनीतिक दबाव के साथ खुफिया एजेंसियों के अनवरत काम के चलते कोलमैन परिवार रिहा हो पाया है.
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इसलिए मैं इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हूं कि यह कार्य इस दिशा में (अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की अगस्त में घोषित दक्षिण एशिया रणनीति के तहत पाकिस्तान द्वारा किया गया कार्य) एक कदम आगे है. उन्होंने कहा, कि हमें खुशी है कि कोलमैन अब मुक्त हैं और उन्हें रिहा कर दिया गया है. लेकिन हमें अब भी यह देखना बाकी है कि पाकिस्तान तालिबान एवं हक्कानी नेटवर्क को रोकने के लिये कदम उठा रहा है.
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इस संदर्भ में उन्होंने जो कुछ भी किया है उससे हम संतुष्ट नहीं हैं.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)