नई दिल्ली:
ओसामा बिन लादेन को मारा तो अमेरिका ने लेकिन उसे मरवाया उसके ही डिप्टी अल जवाहिरी ने। ये दावा सऊदी अरब के एक अखबार का है। तो क्या जवाहिरी ने डबल क्रॉस किया या रोमन अंपायर वाले ब्रूटस की भूमिका निभाई। अखबार ने कहा है कि अल जवाहिरी के कहने पर ही ओसामा ने अपना ठिकाना अफगान−पाक सीमा से बदल कर ऐबटाबाद में बनाया। सउदी अरब के अखबार का सनसनीखेज दावा है कि सत्ता की अंदरूनी खींचतान में ओसामा मारा गया। इसका मतलब यह कि ओसामा का वफादार ही उसका गद्दार निकला। कहा जा रहा है कि ओसामा का यह नंबर टू नंबर वन बनने की जल्दी में था। प्रश्न उठ रहे हैं कि क्या अलकायदा के भीतर गद्दी की लड़ाई के चक्कर में ओसामा मारा गया। सऊदी अरब के अख़बार अल−वतन के इस दावे पर यकीन करना मुश्किल है लेकिन सूत्रों के हवाले से छपी इस खबर में यही दावा किया गया है कि जिस कूरियर ने CIA को ओसामा की जानकारी दी वो अल जवाहिरी का भी वफादार था। अख़बार का एक और दावा हैरान करने वाला है कि अल जवाहिरी के कहने पर ही ओसामा ने अपना ठिकाना बदल लिया और वो पाक-अफगान सीमा से निकल कर पाकिस्तान के ऐबटाबाद चला गया। इस साज़िश को हवा देने वाले दावा कर रहे हैं कि अल−कायदा में दो गुट बन गए हैं। एक गुट मिस्त्र के आतंकवादियों का है जिसका नेता अल जवाहिरी है, दूसरा गुट यमन के आतंकवादियों का है जिसका एक नेता अनवर अल अवलिकी है और दोनों की लड़ाई में ओसामा मारा गया। ओसामा की मौत के बाद अल कायदा का मुखिया बनने की लड़ाई तेज़ हो गई है। माना जा रहा है कि फिलहाल यमनी आतंकी का नाम सबसे आगे है।
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