
टेक्सॉस के जिस किशोर की बनाई घड़ी को उसके शिक्षक द्वारा भूलवश बम समझ लेने की वजह से गिरफ्तार किया गया था, उसके परिवार वालों ने 1.5 करोड़ डॉलर का मुआवजा और इरविंग शहर के मेयर तथा पुलिस प्रमुख से लिखित माफी की मांग की है। टेक्सास के किशोर अहमद मोहम्मद के वकील ने यह जानकारी दी।
1.5 करोड़ डॉलर की मांग
स्थानीय समाचार पत्रों में अहमद के परिवार के एक अटॉर्नी के पत्र प्रकाशित हुए हैं, जिनमें टेक्सास के इरविंग शहर से क्षतिपूर्ति के तौर पर एक करोड़ डॉलर और जिले के स्थानीय स्कूल से 50 लाख डालॅर की मांग की गई है। पत्र में कहा गया है कि अगर 60 दिन में जवाब नहीं मिला तो अदालत में मुकदमा दायर किया जाएगा।
अहमद के परिवार ने पत्र में तर्क दिया है कि किशोर की प्रतिष्ठा को स्थायी ठेस पहुंची है। इसमें कहा गया है कि घटना की वजह से अहमद पर तीव्र मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ा और वह सदमे से गुजरा। साथ ही परिवार को भी गहरी शारीरिक और मानसिक वेदना से गुजरना पड़ा। कतर के एक फांउडेशन ने अहमद की पढ़ाई का खर्च उठाने की पेशकश की, जिसके बाद उसका परिवार कतर चला गया।
इरविंग में नौवीं कक्षा के छात्र अहमद ने पेंसिल के केस से एक डिजिटल घड़ी बनाई और अपने शिक्षक को दिखाने के लिए स्कूल ले आया था। शिक्षक ने भूलवश उसे बम समझ लिया। कुछ घंटे बाद अहमद को हथकड़ी लगा कर गिरफ्तार कर लिया गया था।
ओबामा ने किया था आमंत्रित
14 वर्षीय अहमद की बहन ने उसकी हथकड़ी वाली फोटो ट्विटर पर डाली और सनसनी फैल गई। फोटो में अहमद ने टी-शर्ट पहनी है, जिसमें अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का लोगो लगा है। बाद में अहमद को छोड़ दिया गया। घटना के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अहमद को व्हाइट हाउस में आमंत्रित किया और उसकी ‘कूल क्लॉक’ के बारे में ट्वीट भी किया। बाद में अहमद व्हाइट हाउस में ‘एस्ट्रोनॉमी नाइट’ के दौरान ओबामा से भी मिला।
घड़ी को समझा झांसा देने वाला बम
पत्र के अनुसार, इरविंग के मेयर बेथ वान ड्यूने ने एक टीवी शो में घड़ी को ‘झांसा देने वाला बम’ (होक्स बम) बताते हुए कहा था कि पुलिस की पूछताछ में अहमद ने सहयोग नहीं किया। अटॉर्नी केली होलिंग्सवर्द के अनुसार, परिवार ने वान ड्यूने तथा इसमें शामिल अन्य से माफी की मांग की है क्योंकि वे लोग इरविंग लौटना चाहते हैं।
अहमद को घरवालों से संपर्क भी नहीं करने दिया
केली का दावा है कि अहमद ने एक दिन पहले ही एक अन्य शिक्षक को यह घड़ी दिखाई थी लेकिन अगले दिन अंग्रेजी की कक्षा में घड़ी दिखाने पर एक शिक्षक ने कहा कि यह ‘‘बम की तरह’’ दिखती है। पत्र के अनुसार, अहमद को अपने अभिभावकों से संपर्क नहीं करने दिया गया और एक लिखित बयान में दस्तखत करने के लिए बाध्य किया गया जिसमें यह स्वीकारोक्ति थी कि उसका इरादा ‘एक होक्स बम’ को स्कूल लाने का था। प्राचार्य ने उसे धमकी दी थी कि स्वीकारोक्ति वाले बयान पर हस्ताक्षर न करने पर उसे स्कूल से निकाल दिया जाएगा।
1.5 करोड़ डॉलर की मांग
स्थानीय समाचार पत्रों में अहमद के परिवार के एक अटॉर्नी के पत्र प्रकाशित हुए हैं, जिनमें टेक्सास के इरविंग शहर से क्षतिपूर्ति के तौर पर एक करोड़ डॉलर और जिले के स्थानीय स्कूल से 50 लाख डालॅर की मांग की गई है। पत्र में कहा गया है कि अगर 60 दिन में जवाब नहीं मिला तो अदालत में मुकदमा दायर किया जाएगा।
अहमद के परिवार ने पत्र में तर्क दिया है कि किशोर की प्रतिष्ठा को स्थायी ठेस पहुंची है। इसमें कहा गया है कि घटना की वजह से अहमद पर तीव्र मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ा और वह सदमे से गुजरा। साथ ही परिवार को भी गहरी शारीरिक और मानसिक वेदना से गुजरना पड़ा। कतर के एक फांउडेशन ने अहमद की पढ़ाई का खर्च उठाने की पेशकश की, जिसके बाद उसका परिवार कतर चला गया।
इरविंग में नौवीं कक्षा के छात्र अहमद ने पेंसिल के केस से एक डिजिटल घड़ी बनाई और अपने शिक्षक को दिखाने के लिए स्कूल ले आया था। शिक्षक ने भूलवश उसे बम समझ लिया। कुछ घंटे बाद अहमद को हथकड़ी लगा कर गिरफ्तार कर लिया गया था।
ओबामा ने किया था आमंत्रित
14 वर्षीय अहमद की बहन ने उसकी हथकड़ी वाली फोटो ट्विटर पर डाली और सनसनी फैल गई। फोटो में अहमद ने टी-शर्ट पहनी है, जिसमें अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का लोगो लगा है। बाद में अहमद को छोड़ दिया गया। घटना के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अहमद को व्हाइट हाउस में आमंत्रित किया और उसकी ‘कूल क्लॉक’ के बारे में ट्वीट भी किया। बाद में अहमद व्हाइट हाउस में ‘एस्ट्रोनॉमी नाइट’ के दौरान ओबामा से भी मिला।
घड़ी को समझा झांसा देने वाला बम
पत्र के अनुसार, इरविंग के मेयर बेथ वान ड्यूने ने एक टीवी शो में घड़ी को ‘झांसा देने वाला बम’ (होक्स बम) बताते हुए कहा था कि पुलिस की पूछताछ में अहमद ने सहयोग नहीं किया। अटॉर्नी केली होलिंग्सवर्द के अनुसार, परिवार ने वान ड्यूने तथा इसमें शामिल अन्य से माफी की मांग की है क्योंकि वे लोग इरविंग लौटना चाहते हैं।
अहमद को घरवालों से संपर्क भी नहीं करने दिया
केली का दावा है कि अहमद ने एक दिन पहले ही एक अन्य शिक्षक को यह घड़ी दिखाई थी लेकिन अगले दिन अंग्रेजी की कक्षा में घड़ी दिखाने पर एक शिक्षक ने कहा कि यह ‘‘बम की तरह’’ दिखती है। पत्र के अनुसार, अहमद को अपने अभिभावकों से संपर्क नहीं करने दिया गया और एक लिखित बयान में दस्तखत करने के लिए बाध्य किया गया जिसमें यह स्वीकारोक्ति थी कि उसका इरादा ‘एक होक्स बम’ को स्कूल लाने का था। प्राचार्य ने उसे धमकी दी थी कि स्वीकारोक्ति वाले बयान पर हस्ताक्षर न करने पर उसे स्कूल से निकाल दिया जाएगा।
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