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3 years ago

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे से हालात खराब हैं. काबुल एयरपोर्ट से आईं तस्वीरों ने पूरी दुनिया को झकझोर के रख दिया. वहां के हालात पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का बयान आया है. अफ़ग़ानिस्तान से अपने सैनिकों को निकालने के फैसले का बचाव करते हुए बाइडेन ने कहा कि अफगानिस्तान को अमेरिका ने बीच मंझधार में नहीं छोड़ा  है. 20 साल में तीन लाख  अफगानी सैनिक तैयार किए. सालों तक वहां काम किया, लेकिन वहां के राष्ट्रपति बिना लड़े ही भाग खड़े हुए. सवाल राष्ट्रपति अशरफ गनी से किए जाने चाहिए. बाइडेन ने अफगानिस्तान में भ्रष्टाचार को बड़ी समस्या बताया. उन्होंने माना कि अफगानिस्तान में उम्मीद से पहले बड़े बदलाव हो गए.

बता दें कि अफगानिस्तान से भागते हुए राष्ट्रपति अशरफ गनी ने अपने हेलीकॉप्टर में ठूंस-ठूंस कर नकदी भरी, लेकिन जगह की कमी के कारण नोटों से भरे कुछ बैग रनवे पर ही छोड़ने पड़ गए थे. रूस की आधिकारिक मीडिया ने एक खबर में यह दावा किया. गौरतलब है कि रविवार को काबुल पर तालिबान के कब्जे के साथ ही अमेरिका समर्थित गनी सरकार गिर गयी और राष्ट्रपति देश-विदेश के सामान्य लोगों की तरह देश छोड़ने पर मजबूर हो गए. वहीं अफगानिस्तान से भारतीयों की वापसी पर विदेश मंत्रालय का बयान आया है. विदेश मंत्रालय ने कहा, अफगानिस्तान में पिछले कुछ दिनों से हालात बहुत तेजी से बदल रहे हैं. भारत सरकार अफगानिस्तान के घटनाक्रमों पर बारीक निगाह रखे हुई है. हमने वहां मौजूद अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए लगातार एडवाइजरी जारी करते रहे हैं, जिसमें लौटने की अपील भी शामिल है. कुछ भारतीय अभी भी वहां हैं और उनके संपर्क में हैं जो लौटना चाहते हैं.

LIVE UPDATES:
 

अफगानिस्‍तान के हालात की समीक्षा के लिए पीएम ने बुलाई उच्‍चस्‍तरीय बैठक
अफगानिस्‍तान के हालात ने भारत के लिए चिंता बढ़ा दी है. वहां की स्थिति की समीक्षा के लिए आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने निवास पर उच्चस्तरीय बैठक बुलाई. बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण के अलावा राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी मौजूद हैं.जानकारी के अनुसार अफगानिस्‍तानकी स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री लगातार शीर्ष अधिकारियों के संपर्क में हैं. वे कल देर रात तक हालात के बारे में जानकारी ले रहे थे
अफगानिस्‍तान पर तालिबान का कब्‍जा भारत के लिए चिंता की बात नहीं: पूर्व राजनयिक
भाषा की खबर के अनुसार, एक पूर्व राजनयिक ने कहा है कि अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा भारत के लिए चिंता का विषय नहीं है. सऊदी अरब, ओमान और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में भारतीय राजदूत रह चुके तल्मीज अहमद ने कहा कि वर्तमान में अफगानिस्तान में भारत की कोई भूमिका नहीं है. उन्‍होंने इस सुझाव को सिरे से खारिज कर दिया कि भारत को तालिबान के साथ संपर्क बनाना चाहिए. उन्होंने इनविचारों को 'बिल्कुल व्यर्थ'करार दिया कि अगर तालिबान अफगानिस्तान पर पूर्ण नियंत्रण हासिल कर लेता है तो भारत 'खतरे में'पड़ जाएगा.

अफगानी छात्र अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर हैं चितित
भाषा की खबर के अनुसार, पंजाब के शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई कर अफगान छात्र अपने देश में तालिबान के कब्जे के बाद अपने परिवारों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं.लुधियाना स्थित पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) में पढ़ाई कर रहे अफगान छात्र नूर अली नूरी ने कहा, 'पिछले कुछ दिनों से हमारी रातों की नींद उड़ी हुई है. हमारे परिवार हालांकि अभी तक सुरक्षित हैं, लेकिन हमारे देश में हो रहे घटनाक्रमों के चलते बुरी तरह डरे हुए हैं.' पीएयू में पीएचडी कर रहे एक अन्य अफगान छात्र अहमद मुबाशेर ने कहा 'मुझे अपने परिवार, अपने भाई-बहन को लेकर चिंता है.'अफगानिस्तान के बागलान प्रांत निवासी मुबोशर (32) ने कहा कि वह अपने परिवार के लगातार संपर्क में है. अफगानिस्तान में रह रहे उसके साथी देश छोड़ना चाहते हैं.
तालिबानी 'राज' के बाद अमेरिकी टीवी रिपोर्टर को पहनना पड़ा हिजाब
अफगानिस्‍तान पर तालिबान के नियंत्रण के बाद एक अमेरिकी टीवी रिपोर्टर क्लेरिसा वॉर्ड की तस्वीर भी वायरल हो रही थीं, जिसमें कहा जा रहा था कि 24 घंटे में इस महिला पत्रकार को अपने आपको बदलना पड़ा. पहले वह बिना हिजाब के घूम सकती थीं, लेकिन अब वह हिजाब पहनकर अपना काम कर रही हैं.साथ ही ये भी कहा गया कि महिलाओं की स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि आने वाला समय उनके लिए कितना खराब होने वाला है. सोचिए कितना डर का माहौल है. 

'तालिबान के आगे कभी नहीं झुकूंगा' : अफगानिस्‍तान के पूर्व उप राष्‍ट्रपति ने भरी हुंकार
अफगानिस्‍तान के उपराष्‍ट्रपति अमरुल्‍ला सालेह ने साफ कहा है कि उनकी सरकार के कमज़ोर पड़ने के बाद तालिबान ने भले ही राजधानी काबुल पर कब्ज़ा कर लिया है, लेकिन वह समर्पण नहीं करने वाले. ऐसा प्रतीत होता है कि वह देश के अपने अंतिम ठिकाने, काबुल के पूर्वोत्‍तर में स्थित पंजशीर घाटी की ओर कूच कर गए हैं. अंडरग्राउंड होने के पहले सालेह ने रविवार को ट्विटर पर लिखा, 'मैं उन लाखों लोगों को निराश नहीं करूंगा, जिन्‍होंने मुझे चुना. मैं तालिबान के साथ कभी भी नहीं रहूंगा, कभी नहीं.' 
फेसबुक ने तालिबान को किया बैन
फेसबुक ने तालिबान को अपने प्लेटफॉर्म से पूरी तरह बैन कर दिया है. फेसबुक का कहना है कि अमेरिकी कानून के तहत तालिबान एक आतंकी संगठन है और इसलिए हमारी सर्विस में वह बैन रहेगा. फेसबुक की नीतियों के मुताबिक- आतंकी संगठन को प्लेटफॉर्म पर जगह नहीं दी जा सकती. तालिबान या उससे जुड़े किसी भी अकाउंट या पोस्ट को फेसबुक पर जगह नहीं मिलेगी. हम उनके द्वारा मेंटेन किए जा रहे अकाउंट्स को हटा रहे हैं. 
अफगानिस्तान में हालात न सुधरे तो बढ़ सकती है ड्राई फ्रूट्स की कीमतें
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन के डीजी अजय सहायी ने एनडीटीवी से खास बातचीत में अफगानिस्तान में होने वाले आयात को लेकर चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि  हमारे लिए चिंता का विषय, पता नहीं नई सरकार का ट्रेड को लेकर क्या रुख होगा. हम एक्सपोर्टर्स को कह रहे हैं कि वहां एक्सपोर्ट कर रहे हैं तो अपना पेमेंट करने के लिए क्रेडिट इंश्योरेंस ज़रूर ले लीजिए. Importers के लिए समस्या ज़्यादा रूट बंद है, ये वाया पाकिस्तान होता है, ये बंद है. इंपोर्ट ज्यादा प्रभावित हो रहा है. एक्सपोर्ट तो ज्यादा दुबई के रास्ते से होता है तो वह फिलहाल प्रभावित नहीं है. अगर लंबे समय तक ऐसी स्थिति रही तो मुमकिन है ड्राई फ्रूट्स की कीमतें बढ़ जाएं. क्योंकि 80 प्रतिशत ड्राई फ्रूट्स यहीं से आयात होता है. बाकी चीजों में शायद कोई असर नहीं पड़े.  
काबुल से 100 से अधिक भारतीयों को लेकर जामनगर उतरा वायुसेना का सी-17 विमान
भारतीय वायुसेना का एक विमान अफगानिस्तान के काबुल से 100 से अधिक लोगों को लेकर गुजरात के जामनगर में मंगलवार को उतरा.एक अधिकारी ने बताया कि सी-19 विमान दोपहर 12 बजे से ठीक पहले जामनगर में भारतीय वायुसेना अड्डे पर उतरा. काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान की राजधानी में पैदा हुए मौजूदा हालात के मद्देनजर आपात स्थिति में लोगों को वहां से निकाले जाने के तहत विमान ने भारतीय कर्मियों को लेकर काबुल से उड़ान भरी थी : PTI
यूपी के 17 लोग काबुल में हैं फंसे, कारखाने का मालिक नहीं दे रहा पासपोर्ट
यूपी के 17 लोग अफगानिस्तान के काबुल में फंसे हुए हैं जो अपनी सुरक्षित वापसी के लिए सरकार से गुहार कर रहे हैं, जिनमें चंदौली ज़िले के अमोहपुर गांव के सूरज भी हैं, जो काबुल के एक कारखाने में वेल्डिंग का काम करने गए थे. उनका कहना है कि उनके कारखाने के मालिक ने उन लोगों का पासपोर्ट अपने पास जमा कर लिया था. अब उनके पास वापसी के लिए पासपोर्ट भी नहीं है. सूरज के पिता बुधिराम लकवा के शिकार हैं और बेटे के लिए बहुत परेशान हैं. सूरज की पत्नी भी अफगानिस्तान के हालात देख डरी हुई हैं.
तालिबान ने दी सरकारी कर्मचारियों को 'माफी', काम पर लौटने के लिए कहा
अफगानिस्‍तान से अमेरिकी-नाटो सैनिकों के वापस लौटने के बाद तालिबान ने मुल्‍क पर पूरी तरह नियंत्रण कर लिया है. राजधानी काबुल पर रविवार रात कब्‍जा करने के बाद तालिबान ने मंगलवार को सभी सरकारी कर्मचारियों को 'आम माफी' (General amnesty) देते हुए काम पर लौटने की अपील की है. तालिबान की ओर से जारी बयान में कहा गया है, 'सभी के लिए आम माफी का ऐलान किया जा रहा है...ऐसे में आप अपनी रूटीन लाइफ पूरे विश्‍वास के साथ शुरू कर सकते हैं. ' 
काबुल में तैनात आईटीबीपी के 100 जवानों को लेकर आ रहा है वायुसेना का विमान
काबुल में तैनात आईटीबीपी के करीब 100 जवानों को लेकर वायुसेना के जहाज ने भारत के लिए उड़ान भरी. काबुल में तैनात आईटीबीपी के जवान वायुसेना के ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट सी 17 से भारत आ रहे हैं. यह एयरक्राफ्ट करीब  दो-तीन घंटे बाद गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर लैंड करेगा. इससे पहले सोमवार को आईटीबीपी के 50 जवान देश लौट चुके हैं.आईटीबीपी के जवान काबुल, मजारे शरीफ, हेरात , कंधार और जलालाबाद में इंडियन मिशन की सुरक्षा में तैनात थे. ये जवान विदेश मंत्रालय के डेपुटेशन पर तैनात थे. सुरक्षा कारणो की वजह से आधिकारिक तौर पर आईटीबीपी की ओर से कुछ नहीं बताया गया है पर सूत्रों का कहना है अब अफगानिस्तान में आईटीबीपी के सभी जवान निकल चुके हैं.
भारत ने काबुल दूतावास के स्टाफ को सुरक्षित निकाला
भारत ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल स्थित भारतीय दूतावास के स्टॉफ को सुरक्षित निकाल लिया है. उन्हें विशेष विमान के जरिये भारत लाया जा रहा है. खबरों के मुताबिक, अफगानिस्तान में मानवीय संकट के बीच भारत ने यह बड़ी कामयाबी हासिल की है. स्पेशल एयरफोर्स फ्लाइट के जरिये अफगानिस्तान में भारतीय दूतावास के कर्मी स्वदेश आ रहे हैं. दरअसल, अफगानिस्तान में एयरस्पेस सोमवार को बंद हो गया था, जिसके बाद विमानों की आवाजाही अटक गई थी. हालांकि इसके दोबारा शुरुआत होने के बाद से भारत अपने नागरिकों और अन्य लोगों को स्वदेश लाने की प्रक्रिया शुरू कर चुका है. 
अफगानिस्तान से आने वाले बादाम, अंजीर पिस्ता की कीमतें बढ़ीं
ड्राई फ्रूट रिटेलर्स एसोसिएशन जम्मू के अध्यक्ष ज्योति गुप्ता ने बताया कि अफगानिस्तान से बादाम, अंजीर, पिस्ता आता है. एक हफ्ते के अंदर ही दाम 200-250 रुपये प्रति किलो बढ़े हैं। 15-20 दिन से कोई माल नहीं आ रहा. रक्षाबंधन आ रहा है और बरसात का मौसम भी है इसलिए सूखे फलों की मांग और बढ़ गई है. 
अफगानिस्तान के लिए इमरजेंसी ऑनलाइन वीजा प्रक्रिया शुरू, भारत में प्रवेश के आवेदन पर तेजी से फैसला होगा
भारत ने अफगानिस्तान के मौजूदा हालात को देखते हुए वीजा  प्रक्रिया को आसान बनाने का फैसला किया है. भारत ने आपात स्थिति में तुरंत वीजा देने के लिए ऑनलाइन आवेदन और निपटारे की नई श्रेणी बनाई है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक ट्वीट कर कहा, अफगानिस्तान में मौजूदा हालातों को देखते हुए वीजा प्रावधानों की समीक्षा की गई है. इलेक्ट्रानिक वीजा की नई श्रेणी बनाई गई है, जिसे ई-इमजेंसी एक्स-मिस्क वीजा नाम दिया गया है. यह भारत में प्रवेश के वीजा आवेदनों का तेजी से निपटारा करेगा. सरकार पहले ही कह चुकी है कि वो अफगानिस्तान से हिन्दुओं और सिखों की वापसी में मदद करेगी. 

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