अफगानिस्तानी विदेशमंत्री ने उस बयान का स्वागत किया, जिसमें कुछ हज़ार सैनिक यहां भेजने की बात कही गई थी...
वाशिंगटन:
अफगानिस्तान चाहता है कि तालिबान और इस्लामिक स्टेट के खिलाफ लड़ाई में सैन्य बलों की कमी को पूरा करने के लिए अमेरिका और बल अफगानिस्तान में भेजे. अफगानिस्तान के विदेश मंत्री सलाहुद्दीन रब्बानी ने अफगानिस्तान में अमेरिका के शीर्ष कमांडर जॉन निकल्सन की उस बात का स्वागत किया, जिसमें उन्होंने अमेरिका या गठबंधन के अन्य पक्षों से और कुछ हज़ार सैनिक युद्ध से प्रभावित इस देश में भेजने की बात कही थी.
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने अब तक यह नहीं बताया है कि वह निकल्सन की टिप्पणी की प्रतिक्रिया में और अधिक सैन्य बल अफगानिस्तान भेजेगा या नहीं. अफगानिस्तान में अभी 8,400 अमेरिकी सैनिक तनात हैं. यहां अमेरिकी सैनिक आतंकवादियों से मुकाबला करने के लिए अभियान चला रहे हैं और अफगानिस्तान के सैनिकों को प्रशिक्षण दे रहे हैं. अफगानिस्तान में 16 साल से युद्ध चल रहा है.
काबुल के एक सैन्य अस्पताल पर इस महीने हुए भीषण हमले का हवाला देते हुए रब्बानी ने कहा कि अफगानिस्तान अपने सैन्य बलों की कमी को पूरा करने के लिए अमेरिका की मदद चाहता है. रब्बानी ने कहा, "हमें विश्वास है कि (अमेरिकी) राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाला अमेरिकी प्रशासन रणनीतिक रूप से इस मामले से जुड़ा रहेगा और अपना सहायता जारी रखेगा..."
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने अब तक यह नहीं बताया है कि वह निकल्सन की टिप्पणी की प्रतिक्रिया में और अधिक सैन्य बल अफगानिस्तान भेजेगा या नहीं. अफगानिस्तान में अभी 8,400 अमेरिकी सैनिक तनात हैं. यहां अमेरिकी सैनिक आतंकवादियों से मुकाबला करने के लिए अभियान चला रहे हैं और अफगानिस्तान के सैनिकों को प्रशिक्षण दे रहे हैं. अफगानिस्तान में 16 साल से युद्ध चल रहा है.
काबुल के एक सैन्य अस्पताल पर इस महीने हुए भीषण हमले का हवाला देते हुए रब्बानी ने कहा कि अफगानिस्तान अपने सैन्य बलों की कमी को पूरा करने के लिए अमेरिका की मदद चाहता है. रब्बानी ने कहा, "हमें विश्वास है कि (अमेरिकी) राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाला अमेरिकी प्रशासन रणनीतिक रूप से इस मामले से जुड़ा रहेगा और अपना सहायता जारी रखेगा..."
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