
अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी की फाइल फोटो
काबुल:
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने राजधानी काबुल में हाल में हुए हमले को लेकर पाकिस्तान की आलोचना की है। इन हमलों में कम से कम 56 लोग मारे गए थे।
गनी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'अंतिम कुछ दिनों से पता चलता है कि पाकिस्तान में अब भी पहले की ही तरह आत्मघाती बम हमलावर ट्रेनिंग कैंप और बम बनाने वाली फैक्टरियां मौजूद हैं।' उन्होंने कहा, 'हम शांति की उम्मीद करते हैं लेकिन हमें पाकिस्तान से युद्ध के संदेश मिल रहे हैं।'
पाकिस्तान पहले से तालिबानी आतंकवादियों का समर्थन करता रहा है और कई अफगान नागरिक पाकिस्तान पर आरोप लगाते रहे हैं कि वह अपनी धरती पर आतंकवादियों को पनाह देता है ताकि अफगानिस्तान पर अपना प्रभाव कायम रख सके।
पिछले साल सत्ता में आने के बाद से गनी ने पाकिस्तान से बातचीत को प्रोत्साहित किया और इस प्रक्रिया में इस उम्मीद से उन्होंने राजनीतिक वार्ता को बढ़ाया कि इस्लामाबाद तालिबान को बातचीत की मेज़ पर लाने में राजी हो जाएगा। लेकिन आज की उनकी टिप्पणी पड़ोसी देश के खिलाफ सबसे कड़ी टिप्पणी है।
प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को (रविवार को) टेलीफोन कर मैंने पाकिस्तान से कहा कि वह जिस तरह से आतंकवाद को पाकिस्तान में देखते हैं वैसे ही वह अफगानिस्तान में भी देखें।' उन्होंने कहा कि मैंने पाकिस्तान की सरकार से पूछा कि अगर शाह शहीद की तरह जनसंहार इस्लामाबाद में हुआ होता और षड्यंत्रकर्ता अफगानिस्तान में होते तो आप क्या करते।
आपको बता दें कि काबुल में शुक्रवार को भीषण ट्रक बम हमला हुआ था। वहीं सोमवार को काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के प्रवेश द्वार पर एक कार बम हमलावर के हमले में कम से कम पांच लोग मारे गए।
गनी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'अंतिम कुछ दिनों से पता चलता है कि पाकिस्तान में अब भी पहले की ही तरह आत्मघाती बम हमलावर ट्रेनिंग कैंप और बम बनाने वाली फैक्टरियां मौजूद हैं।' उन्होंने कहा, 'हम शांति की उम्मीद करते हैं लेकिन हमें पाकिस्तान से युद्ध के संदेश मिल रहे हैं।'
पाकिस्तान पहले से तालिबानी आतंकवादियों का समर्थन करता रहा है और कई अफगान नागरिक पाकिस्तान पर आरोप लगाते रहे हैं कि वह अपनी धरती पर आतंकवादियों को पनाह देता है ताकि अफगानिस्तान पर अपना प्रभाव कायम रख सके।
पिछले साल सत्ता में आने के बाद से गनी ने पाकिस्तान से बातचीत को प्रोत्साहित किया और इस प्रक्रिया में इस उम्मीद से उन्होंने राजनीतिक वार्ता को बढ़ाया कि इस्लामाबाद तालिबान को बातचीत की मेज़ पर लाने में राजी हो जाएगा। लेकिन आज की उनकी टिप्पणी पड़ोसी देश के खिलाफ सबसे कड़ी टिप्पणी है।
प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को (रविवार को) टेलीफोन कर मैंने पाकिस्तान से कहा कि वह जिस तरह से आतंकवाद को पाकिस्तान में देखते हैं वैसे ही वह अफगानिस्तान में भी देखें।' उन्होंने कहा कि मैंने पाकिस्तान की सरकार से पूछा कि अगर शाह शहीद की तरह जनसंहार इस्लामाबाद में हुआ होता और षड्यंत्रकर्ता अफगानिस्तान में होते तो आप क्या करते।
आपको बता दें कि काबुल में शुक्रवार को भीषण ट्रक बम हमला हुआ था। वहीं सोमवार को काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के प्रवेश द्वार पर एक कार बम हमलावर के हमले में कम से कम पांच लोग मारे गए।
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