प्रतीकात्मक तस्वीर
कुआलालंपुर:
मलाया को ब्रिटेन से आजादी मिलने से पहले वहां जन्मे लगभग 7,000 भारतीयों को अफसरशाही से कई साल तक लड़ने के बाद अंतत: मलेशियाई नागरिकता मिल गई है.
मलेशियन इंडियन कांग्रेस (एमआईसी) के अध्यक्ष एस सुब्रमण्यम ने कहा कि अब तक लगभग 7,000 भारतीयों को नागरिकता मिल गई है, लेकिन बहुत से लोगों का पंजीकरण अभी बाकी है.
उन्होंने कहा, ‘‘औसत तौर पर, नागरिकता हासिल करने के लिए संभवत: 15 हजार से ज्यादा भारतीयों का पंजीकरण अभी बाकी है. इस मुद्दे के हल तक यह प्रक्रिया जारी रहेगी.’’ रविवार को श्री मुरूगन सेंटर द्वारा आयोजित धार्मिक उत्सव ‘‘कल्वी यथिरई’’ में शामिल होने के बाद उन्होंने कहा, ‘‘हम इसे तत्काल सुलझाने के तरीके खोजेंगे.’’
प्रधानमंत्री नजीब रजाक ने हाल ही में कहा था कि जिन्हें अभी नागरिकता नहीं मिली है, उन्हें अपना अधिकार प्राप्त करना चाहिए.
सुब्रमण्यम ने उम्मीद जताई के सरकार जातीय भारतीयों के लिए नागरिक पंजीकरण प्रक्रिया को आसान बनाएगी. इसके लिए वह मौजूदा प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए मौजूदा लालफीताशाही को कम करेगी.
उन्होंने कहा, ‘‘कई लोगों ने बार-बार आवेदन किया लेकिन लालफीताशाही के कारण वे विफल हो गए. मैं यह मानता हूं कि मुख्य समस्या दस्तावेजों की है क्योंकि उनके जन्म संबंधी रिकॉर्ड गायब हैं. यदि लालफीताशाही घटा दी जाती है तो यह मुद्दा इस साल तक हल हो जाएगा.’’ मलाया वर्ष 1957 में ब्रिटेन से आजाद हुआ था.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
मलेशियन इंडियन कांग्रेस (एमआईसी) के अध्यक्ष एस सुब्रमण्यम ने कहा कि अब तक लगभग 7,000 भारतीयों को नागरिकता मिल गई है, लेकिन बहुत से लोगों का पंजीकरण अभी बाकी है.
उन्होंने कहा, ‘‘औसत तौर पर, नागरिकता हासिल करने के लिए संभवत: 15 हजार से ज्यादा भारतीयों का पंजीकरण अभी बाकी है. इस मुद्दे के हल तक यह प्रक्रिया जारी रहेगी.’’ रविवार को श्री मुरूगन सेंटर द्वारा आयोजित धार्मिक उत्सव ‘‘कल्वी यथिरई’’ में शामिल होने के बाद उन्होंने कहा, ‘‘हम इसे तत्काल सुलझाने के तरीके खोजेंगे.’’
प्रधानमंत्री नजीब रजाक ने हाल ही में कहा था कि जिन्हें अभी नागरिकता नहीं मिली है, उन्हें अपना अधिकार प्राप्त करना चाहिए.
सुब्रमण्यम ने उम्मीद जताई के सरकार जातीय भारतीयों के लिए नागरिक पंजीकरण प्रक्रिया को आसान बनाएगी. इसके लिए वह मौजूदा प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए मौजूदा लालफीताशाही को कम करेगी.
उन्होंने कहा, ‘‘कई लोगों ने बार-बार आवेदन किया लेकिन लालफीताशाही के कारण वे विफल हो गए. मैं यह मानता हूं कि मुख्य समस्या दस्तावेजों की है क्योंकि उनके जन्म संबंधी रिकॉर्ड गायब हैं. यदि लालफीताशाही घटा दी जाती है तो यह मुद्दा इस साल तक हल हो जाएगा.’’ मलाया वर्ष 1957 में ब्रिटेन से आजाद हुआ था.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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