संकटग्रस्त इराक में 40 भारतीय कामगारों का अपहरण कर लिया गया है, जिसके बाद सरकार ने उनका पता लगाने के लिए हरसंभव प्रयास शुरू कर दिए हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरूद्दीन ने संवाददाताओं से कहा कि कामगारों में अधिकतर पंजाब एवं उत्तर भारत के अन्य इलाकों के हो सकते हैं और इराक के मोसुल शहर में वे एक निर्माण कम्पनी के लिए काम कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार के पास अपहर्ताओं के बारे में कोई सुराग या जिन लोगों का अपहरण हुआ है, उनके बारे में ठोस सूचना नहीं है और जो भी सूचना मिली है वह अंतरराष्ट्रीय रेड क्रिसेंट एवं अन्य मानवाधिकार संगठनों के माध्यम से मिली है।
उन्होंने कहा, 'हां, तारिक नूर अलहुदा कंपनी के लिए काम करने वाले 40 भारतीयों का अपहरण हुआ है।'
अकबरूद्दीन ने बताया कि सरकार को 'ऐसा कोई फोन कॉल नहीं आया है जिसमें किसी फिरौती की मांग का संकेत हो या इराक में भारतीयों का अपहरण करने के बारे में कोई बात हो।' मोसुल बगदाद से 400 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में स्थित है।
उन्होंने कहा कि भारत कई मानवाधिकार एजेंसियों, इराक में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन और इराक की सरकार के संपर्क में है ताकि अपहृत लोगों के बारे में और सूचनाएं इकट्ठी की जा सकें।
प्रवक्ता ने कहा, 'ये कठिन स्थितियां हैं। हम कम्पनी के साथ काम कर रहे हैं। हम इंटरनेशनल रेड क्रिसेंट के साथ भी काम करने का प्रयास कर रहे हैं जिसने हमें पुष्टि की है (अपहरण के बारे में)। लेकिन उन्होंने यह भी संकेत दिया है कि इस चरण में उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि अपहृत 40 भारतीय कामगार किस स्थान पर हैं।'
इराक में युद्ध की स्थिति गंभीर होती जा रही है और अलकायदा के समर्थन वाले आतंकवादी विभिन्न शहरों पर कब्जा कर रहे हैं और बगदाद की तरफ बढ़ते जा रहे हैं।
यह पूछने पर कि क्या भारतीयों का अपहरण हुआ है तो अकबरूद्दीन ने केवल इतना कहा कि सरकार और सूचना जुटाने का प्रयास कर रही है। साथ ही उन्होंने जोर दिया कि स्थिति से निपटने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि इससे भारत के लिए 'काफी कठिन स्थिति' पैदा हो गई है जो इराक में कई सहयोगियों के साथ काम कर रहा है।
उन्होंने कहा कि हम कोशिश कर रहे हैं और देख रहे हैं कि अपने प्रयास को आगे ले जाने के लिए क्या बेहतरीन तरीके होंगे। उन्होंने कहा कि इंटरनेशनल रेड क्रिसेंट को भारतीयों के स्थान के बारे में पता नहीं है।
उन्होंने कहा, 'यह ऐसी स्थिति है जहां विभिन्न स्रोतों से सूचना आ रही है। इन सूचनाओं को हम जोड़ रहे हैं।'
प्रवक्ता ने कहा कि इस चरण में सरकार ज्यादा से ज्यादा सूचना प्राप्त करने का प्रयास कर रही है और मोसुल में संपर्क स्थापित करने का प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा, 'हम हर किसी के साथ काम करने का प्रयास कर रहे हैं जो इन विकट परिस्थितियों में हमारे साथ सहयोग कर सकते हैं।'
यह पूछने पर कि क्या सरकार अमेरिका से सहयोग ले रही है तो उन्होंने अभियान की विस्तृत चर्चा से इंकार कर दिया और कहा कि इस तरह की स्थिति में सरकार ऐसी सूचनाएं साझा करने नहीं जा रही है।
तिकरित में फंसी 46 नर्सों के बारे में उन्होंने कहा कि भारत के आग्रह के बाद इंटरनेशनल रेड क्रिसेंट उनके संपर्क में है। उन्होंने कहा कि कई नर्सों ने वही रुकने को प्राथमिकता दी।
उन्होंने कहा, 'उनका सहयोग करने में हम कोई कोरकसर नहीं छोड़ेंगे।' सरकार ने इराक में पूर्व राजदूत रहे सुरेश रेड्डी को वहां भेजने का निर्णय किया है ताकि भारतीय मिशन को वहां मजबूत किया जा सके।
इराक में फिलहाल 10 हजार से ज्यादा भारतीयों के होने का अनुमान है। एमईए ने कहा कि हिंसा प्रभावित इलाकों में करीब 100 भारतीय हैं।
इराक में मौजूद भारतीयों के बारे में जानकारी के लिए विदेश मंत्रालय ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। नंबर इस प्रकार हैं-
बग़दाद- +964 770 484 3247, + 964 770 444 4899
भारत - +91 11 2301 2113, 2301 7905, 2301 4104