लाहौर/ नई दिल्ली : लश्करे तैयबा के कमांडर और 2008 के मुंबई हमले के मास्टरमाइंड जकीउर रहमान लखवी को करीब छह साल हिरासत में गुजारने के बाद शुक्रवार को रिहा कर दिया गया।
लाहौर हाई कोर्ट (एलएचसी) द्वारा लखवी की हिरासत निलंबित करने और तत्काल उसकी रिहाई का आदेश देने के बाद लखवी को रावलपिंडी के अदियाला जेल से रिहा कर दिया गया। भारत ने अदालत के फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया करते हुए कहा था कि इससे सीमा पार आतंकवाद पर पाकिस्तान द्वारा बार-बार दिए गए भरोसे की कीमत ‘खत्म’ होती है।
55 साल के लखवी की अगवानी के लिए जमात उद दावा के समर्थक जेल के बाहर खड़े थे। अदालत ने एक सुरक्षा अधिनियम के तहत लखवी को हिरासत में लेने के पंजाब सरकार के आदेश को गुरुवार को निलंबित करते हुए उसकी तत्काल रिहाई का आदेश दिया था।
इससे पहले लखवी के वकील राजा रिजवान अब्बासी ने कहा था कि सरकार के पास उनके मुवक्किल को रिहा करने के अलावा कोई दूसरा ‘कानूनी विकल्प’ नहीं बचा है। अब्बासी ने कहा, ‘एलएचसी द्वारा मेरे मुवक्किल की हिरासत को खारिज किए जाने के बाद अब सरकार के पास उसे रिहा करने के अलावा कोई अन्य ‘कानूनी विकल्प’ नहीं बचा है। ना तो सरकार और ना ही अदियाला जेल प्रशासन इस समय अदालत के आदेश का उल्लंघन कर सकते हैं।’
लखवी और छह अन्य पर 2008 के मुंबई हमले की योजना बनाने और उसे अंजाम देने का मामला दर्ज है। इस हमले में 166 लोग मारे गए थे जबकि 300 से ज्यादा घायल हुए थे।
लश्करे तैयबा के संस्थापक और जमात उद दावा के प्रमुख हाफिज सईद के करीबी रिश्तेदार लखवी को दिसंबर 2008 में गिरफ्तार किया गया था और 26/11 हमले के सिलसिले में 25 नवंबर, 2009 को छह अन्य के साथ उसे अभ्यारोपित किया गया था। मामले में 2009 से सुनवाई चल रही है।
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