- योगी के मंत्री दिनेश खटीक ने सार्वजनिक मंच पर हस्तिनापुर सीट से तीसरी बार चुनाव न लड़ने का फैसला किया
- दिनेश खटीक ने हस्तिनापुर पर द्रौपदी के श्राप को राजनीतिक मिथक स्वीकार किया और चुनाव हारने का कारण बताया
- उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी के प्रभाव से ही वह दो बार विधायक और मंत्री बन सके
योगी सरकार के एक मंत्री ने एक बड़ा बयान देकर सबको चौंका दिया है. जल शक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने सार्वजनिक मंच से घोषणा की है कि वह अब 'श्रापित' हस्तिनापुर सीट से तीसरी बार चुनाव नहीं लड़ेंगे. मेरठ के खरखौदा में एक निजी कॉलेज के वार्षिकोत्सव के दौरान, कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम की मौजूदगी में दिनेश खटीक ने अपने मन की बात साझा की. उन्होंने कहा कि हस्तिनापुर की भूमि पर द्रौपदी का श्राप है.
मंत्री ने कहा, "पता नहीं क्यों मेरे मन में एक बात आती है कि एक बार विधायक बनने के बाद हस्तिनापुर से कभी दोबारा कोई एमएलए नहीं बना. लोग मुझसे पूछते थे कि क्या आप दोबारा जीतेंगे? कुदरती बात है कि मैं दो बार विधायक बना और दो बार मंत्री भी बना, लेकिन अब मुझे इस श्रापित भूमि से तीसरी बार चुनाव नहीं लड़ना है."
मेरठ : हस्तिनापुर में द्रौपदी के श्राप से डरे मंत्री दिनेश खटीक, कहा- 'श्रापित भूमि से अब नहीं लड़ूंगा चुनाव, तीसरी बार नहीं बनूंगा श्रापित भूमि से एमएलए'#Meerut pic.twitter.com/R5GS5kRmL7
— NDTV India (@ndtvindia) December 25, 2025
"मोदी-योगी की वजह से पार हुई नैया"
दिनेश खटीक ने स्वीकार किया कि हस्तिनापुर के उस पुराने 'मिथक' को तोड़ने में वह केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रभाव के कारण सफल रहे. उन्होंने कहा, "जब यहां कोई दोबारा नहीं जीत पाया, तो दिनेश खटीक की क्या औकात थी? लेकिन देश में मोदी और प्रदेश में योगी जैसे व्यक्तित्व थे, जिन्होंने मेरी नैया पार लगाई और मुझे दोबारा विधायक बनाया."
क्या है हस्तिनापुर का वो 'मिथक'?
राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा लंबे समय से रही है कि हस्तिनापुर से जो भी विधायक दोबारा चुनाव लड़ता है, वह हार जाता है. दिनेश खटीक ने इस राजनीतिक मिथक को पौराणिक आधार देते हुए इसे महाभारत काल की द्रौपदी के श्राप से जोड़ दिया है. राज्यमंत्री का यह बयान अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. आचार्य प्रमोद कृष्णम के सामने किए गए इस एलान के बाद अब कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या दिनेश खटीक अगले चुनाव में अपनी सीट बदलेंगे या सक्रिय राजनीति से विश्राम लेंगे. फिलहाल, उनके इस 'श्रापित भूमि' वाले बयान ने विपक्षी दलों को भी चर्चा का नया मुद्दा दे दिया है.
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