पिता हर बेटे के लिए एक छत के समान होता है, उसका इस संसार से जाना छत के टूट जाने जैसा है, लेकिन पिता की यही अंतिम विदाई जब एक बेटा ढोल-ताशे, गाजे-बाजे और डांस के साथ नोट लुटाते हुए करे, तो आप इसे क्या कहेंगे? जी हां, उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर जिले में एक बेटे ने पिता की अंतिम विदाई कुछ इसी अंदाज में की. मामला तकरीबन 20 दिन पुराना है, लेकिन अब इसका वीडियो सामने आया है, तो चर्चाओं का बाज़ार गर्म है. पिता की मौत पर बेटा साथियों संग खूब नाचा और श्मशान घाट तक पहुंचा. इस दौरान बेटे ने नोट भी लुटाए.
श्मशान घाट तक जमकर नाचा
ये पूरा वाकया उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर ज़िले का है, जहां नगर कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत नारायणपुर वार्ड के दुर्गापुर मोहल्ले में रहने वाले श्रीराम के पिता रामकिशोर मिश्रा का निधन कुछ दिन पूर्व हो गया था. पिता ने 80 वर्ष की आयु में संसार छोड़ा, तो उनकी अंतिम विदाई पुत्र श्रीराम ने बैंड बाजे और जश्न के साथ की. अंतिम संस्कार श्मशान घाट हथिया नाला पर हुआ, जहां साथियों संग बेटे श्रीराम ने जमकर डांस किया और पैसे लुटाए.
उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर ज़िले से एक वीडियो सामने आया है. जिसमें दुर्गापुर मोहल्ले में रहने वाले श्री राम के पिता ने 80 वर्ष की आयु में संसार छोड़ा तो उनकी अंतिम विदाई बेटे ने बैंड बाजे और जश्न के साथ निकाली.#UttarPradesh pic.twitter.com/7mc30HNpm6
— NDTV India (@ndtvindia) January 3, 2025
तेरहवीं के भोज में भी बैंड बाजा...
तेरहवीं यानी अंतिम संस्कार के भोज में भी बैंड बाजे के साथ लोगों को भोजन कराया गया. परिवार और घर वाले भी मुखिया के निधन पर जश्न मानते और नाचते गाते देखे गए. ऐसी विदाई पर पुत्र श्रीराम के अपने तर्क हैं कि अंतिम विदाई रोकर करनी ही नहीं चाहिए, रोने से जाने वाले की आत्मा को तकलीफ होती है. यह भी जीवन का एक उत्सव है और इसी तरह मनाया जाना चाहिए.
बेटे श्रीराम ने कहा, 'फिलहाल एक बुजुर्ग का अपनी समस्त जिम्मेदारियों के निर्वाह के बाद लगभग पूर्ण आयु में जाना सुखद ही माना जाना चाहिए. अब जहां एक ओर कुछ लोग इसे उचित नहीं मानते, वहीं कुछ लोग इसे सही भी मानते हैं. अब भविष्य में देखना है कि आज के बदलते परिवेश में समाज इसे अपनाता है या तिरस्कार करता है.
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