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यूपी: श्रावस्ती के इकौना में लोगों को आज भी पुल का इंतजार, आवाजाही के लिए लड़की का पुल ही सहारा

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि हमारे लिए यह पुल बहुत जरूरी है. इकौना और भिनगा तक आने जाने में लंबा रास्ता तय करना पड़ता है और नाव से जाने में काफी खर्च आता है.

यूपी: श्रावस्ती के इकौना में लोगों को आज भी पुल का इंतजार, आवाजाही के लिए लड़की का पुल ही सहारा
लखनऊ:

उत्तर प्रदेश का श्रावस्ती जिला विकास में बहुत पीछे है. आजादी के इतने सालों बाद भी इकौना के ककरा घाट पर लोग आज भी लकड़ी के पुल का सहारा लेकर नदी को पार करते हैं. कई बार नदी पार करते समय लोग हादसे का भी शिकार हो चुके हैं, जिसमें कई जानें गई हैं.

जिले के इकौना के ककरा घाट (मझौवा घाट) पर राप्ती नदी को पार करने के लिए गांव के ही लोग हर साल लकड़ी का पुल बनाते हैं. जो साल के आखिर में बाढ़ के समय बह जाता है, लेकिन इन सबके बीच लगभग 8 से 9 महीने लोग इसी लकड़ी के पुल का सहारा लेकर एक तरफ से दूसरे तरफ जाने को मजबूर हैं.

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स्थानीय लोग आजादी के बाद से ही यहां पक्के पुल के निर्माण की मांग कर रहे हैं, लेकिन आज तक उनकी ये मांग पूरी नहीं हुई है. पिछले दो साल से सिर्फ ये चर्चा है कि यहां पक्का पुल बनाए जाने को लेकर मंजूरी मिल चुकी हैं.

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि हमारे लिए यह पुल बहुत जरूरी है. इकौना और भिनगा तक आने जाने में लंबा रास्ता तय करना पड़ता है और नाव से जाने में काफी खर्च आता है, इसलिए हम खुद ही लकड़ी का पुल बना लेते हैं.

अमार रिजवी की रिपोर्ट

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