- मुरादाबाद के जामिया असानुल बनात गर्ल्स मदरसे में विदेशी फंडिंग के सुबूत जिला प्रशासन ने पाए हैं
- मदरसे में सातवीं से आठवीं में दाखिले के दौरान 13 वर्षीय बच्ची से वर्जिनिटी सर्टिफिकेट मांगा गया था
- पुलिस ने मदरसे की प्रिंसिपल और एडमिशन सेल इंचार्ज शाहजहां के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया
यूपी के मुरादाबाद के पाकबड़ा क्षेत्र के जामिया असानुल बनात गर्ल्स मदरसे का मामला तूल पकड़ चुका है. सातवीं से आठवीं में दाखिले के दौरान 13 साल की बच्ची से वर्जिनिटी सर्टिफिकेट मांगे जाने के बाद अब यहां विदेशी फंडिंग के सुबूत मिलने की बात सामने आई है. इसकी पुष्टि ख़ुद ज़िला प्रशासन ने की है.
मुरादाबाद के डीएम अनुज कुमार सिंह ने बताया कि इस मदरसे में विदेशी फंडिंग के सुबूत मिले हैं. उन्होंने कहा कि एफआईआर दर्ज होने के बाद विदेशी फंडिंग की शिकायत आई थी, जिस पर जांच कमेटी बनाई गई है. इस कमेटी में एसपी सिटी, एडीएम प्रशासन और सीडीओ शामिल हैं. डीएम ने कहा कि अगर फंड के गलत इस्तेमाल की पुष्टि होती है तो रिपोर्ट संबंधित एजेंसी को भेजी जाएगी और सख्त कार्रवाई की जाएगी.

मुरादाबाद के डीएम अनुज कुमार सिंह
वर्जिनिटी सर्टिफिकेट मांगने के मामले के सामने आते ही पुलिस ने तेजी से कार्रवाई की. मदरसे की प्रिंसिपल और एडमिशन सेल इंचार्ज शाहजहां के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया. शाहजहां को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया, जबकि बाकी स्टाफ से पूछताछ जारी है. मामले की जांच के लिए एसडीएम सदर राम मोहन मीणा, महिला कल्याण विभाग और शिक्षा विभाग की टीम ने मदरसे का औचक निरीक्षण किया. छात्राओं से बात की गई और एडमिशन रिकॉर्ड की गहन जांच की गई.

प्रशासन ने साफ कहा है कि नाबालिग बच्चियों के साथ किसी भी तरह का अपमानजनक या अनैतिक व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. यह मामला अब विदेशी फंडिंग के एंगल से भी जांच के घेरे में है. लोगों में गुस्सा है और सोशल मीडिया पर बच्ची को न्याय दिलाने की मांग बढ़ती जा रही है.
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