
यूपी के बदायूं में एक मुस्लिम के मंदिर में नमाज़ पढ़ने का वीडियो वायरल होने के बाद उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. कार्रवाई के बाद मंदिर के पुजारी का कहना है कि वह पिछले करीब 40 साल से मंदिर में आता-जाता था. सेवा करता था, साफ-सफाई भी करता था. परिवार वालों का कहना है कि उनसे मंदिर में नमाज पढ़ने जैसी गलती कैसे हुई, ये उन्हें भी नहीं पता. बहरहाल परिजन उसकी जमानत के लिए कोर्ट के चक्कर काट रहे हैं.
मंदिर में नमाज़ पढ़ते हुए जिस शख्स का वीडियो वायरल हुआ है, उसका नाम अली मोहम्मद है. ये वीडियो वैसे तो तीन महीने पुराना बताया जा रहा है लेकिन अब वायरल होने पर पुलिस ने संज्ञान लिया है. बदायूं की दातागंज पुलिस ने दो सिपाहियों की शिकायत पर आरोपी अली मोहम्मद के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज कर जेल भेज दिया है.
दातागंज कोतवाली के तहत पापड़ गांव के बाहर ब्रह्मदेव नाम से एक मंदिर है. वहां कई देवी-देवताओं की प्रतिमाएं हैं. दातागंज के सीओ केके तिवारी ने बताया कि कोतवाली क्षेत्र के डहरपुर गांव निवासी अली मोहम्मद का मंदिर परिसर में नमाज़ पढ़ते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. इसके बाद दातागंज कोतवाली में तैनात हेड कांस्टेबल सुरेंद्र कुमार और विश्वजीत सिंह ने अली मोहम्मद के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया. इस पर उसे गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया है.
इस मामले में जब मंदिर के पुजारी परमात्मा दास से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अली मोहम्मद पिछले करीब 40 वर्षों से मंदिर आता-जाता रहा है. वह मंदिर में अक्सर साफ-सफाई का काम भी करता था. पुजारी ने बताया कि यह वीडियो तीन महीने पुराना है. तब मामला शांत हो गया था. लेकिन अब किसी ने वीडियो वायरल कर दिया. इसके बाद तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गईं.
एनडीटीवी ने अली मोहम्मद के घर जाकर उनकी बहू शायमा से बात की. शायमा ने बताया कि उनके ससुर अली मोहम्मद कई वर्षों से पापड़ गांव के मंदिर जाते थे. अक्सर वहीं रहते भी थे. वे मंदिर की साफ-सफाई का काम करते थे. नमाज पर उन्होंने कहा कि उनसे गलती कैसे हुई, यह उन्हें भी नहीं पता. फिलहाल पुलिस ने उनके ससुर को जेल भेज दिया है. उनके पति जान मोहम्मद जमानत के लिए बदायूं शहर की कोर्ट के चक्कर काट रहे हैं.
जेल जाने से पहले अली मोहम्मद ने मीडिया से बातचीत में बताया था कि वे मंदिर परिसर में साफ-सफाई का काम करते थे. वहां गायों का गोबर भी डालते थे. जिस दिन उन्होंने नमाज अदा की, उस दिन भी वे सफाई कर रहे थे, जिससे देर हो गई थी. इसी वजह से उन्होंने वहीं नमाज पढ़ ली. अली मोहम्मद ने कहा कि इसके लिए वे क्षमा चाहते हैं.
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