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Fixed Deposits Tips: 10 लाख की 1 FD या 1 लाख की 10 FDs, क्‍या है फायदे का सौदा?

बैंक और नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (NBFCs) की FD स्कीम्स के इंटरेस्ट रेट में समय के हिसाब से काफी फर्क होता है. इसलिए, FD स्कीम का फायदा उठाने का राज सही स्कीम चुनने में है.

Fixed Deposits Tips: 10 लाख की 1 FD या 1 लाख की 10 FDs, क्‍या है फायदे का सौदा?

निवेश के जरिए गारंटीड रिटर्न की चाह रखने वाले निवेशकों के बीच फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) हमेशा से एक लोकप्रिय विकल्प रहा है. बैंक और नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां (NBFCs) निवेशकों की शॉर्ट-टर्म और लॉन्ग-टर्म जरूरतों को पूरा करने के लिए अलग-अलग समय के लिए कई तरह की FD स्कीम्स ऑफर करती हैं. FDs के इंटरेस्ट रेट में समय के हिसाब से काफी फर्क होता है. इसलिए, FD स्कीम का फायदा उठाने का राज सही स्कीम चुनने में है.

क्या है FD में पैसा लगाने का सही तरीका?

मान लेते हैं कि आप 10 लाख रुपए FD में लगाना चाहते हैं. तो इस दौरान क्या आपको पूरी रकम एक ही FD में लगानी चाहिए या फिर इसे 1 लाख रुपए की छोटी-छोटी FDs में बांट देना चाहिए?

इन दोनों ही तरीकों के अपने-अपने फायदे हैं, लेकिन आखिरी फैसला आपके फाइनेंशियल लक्ष्यों, लिक्विडिटी की जरूरतों, रिस्क लेने की क्षमता और मौजूदा आर्थिक स्थितियों के आधार पर होना चाहिए. आइए देखते हैं कि 10 लाख रुपए को एक ही FD में इन्वेस्ट करने और उसे बराबर छोटी-छोटी रकम में बांटने से रिटर्न जेनरेट करने में कैसे मदद मिल सकती है.

₹10 लाख एक FD में 

सबसे पहले कैलकुलेशन देखते हैं - 

कुल निवेश : 10 लाख रुपए

टेन्योर : 10 साल

अनुमानित इंटरेस्ट रेट : 7% प्रति वर्ष

अनुमानित रिटर्न: 9.67 लाख रुपए 

मैच्योरिटी पर कुल अमाउंट : 19.67 लाख रुपए 

₹10 लाख एक FD में निवेश करने का फायदा 

एक सिंगल डिपॉजिट को मैनेज और ट्रैक करना आसान होता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि आपको केवल एक मैच्योरिटी डेट को ट्रैक करना होता है.

₹10 लाख एक FD में निवेश करने के नुकसान 

इमरजेंसी में भारी नुकसान की संभावना : यह सबसे बड़ी कमी है. अगर आपको अचानक किसी इमरजेंसी के लिए 50,000 रुपए की जरूरत पड़ती है, तो आपको पूरी 10 लाख रुपए की FD तोड़नी पड़ेगी. इससे पूरे अमाउंट पर प्री-मैच्योर विड्रॉल पेनल्टी लगती है, न कि केवल उस अमाउंट पर जो आपने निकाला है.

सुरक्षा : अगर आप पूरे 10 लाख रुपए एक ही बैंक में रखते हैं और वह डूब जाता है, तो डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (DICGC) केवल 5 लाख रुपए तक का ही बीमा करता है.

1-1 लाख रुपए 10 FDs में 

ध्यान देने वाली बात यह है कि अगर आप 7% सालाना इंटरेस्ट रेट मानकर 10 लाख रुपए के इन्वेस्टमेंट को 10 FDs में बांटते हैं, तो मैच्योरिटी पर आपका फाइनल अमाउंट उतना ही होगा, जितना 10 लाख रुपए एक FD में निवेश करने पर था. इस उदाहरण में 19.67 लाख रुपए. 

1-1 लाख रुपए 10 FDs में निवेश करने के फायदे 

इमरजेंसी में कम नुकसान : अगर आपको 1 लाख रुपए की जरूरत है, तो आप केवल एक FD तोड़ते हैं. बाकी 9 लाख रुपए बिना किसी पेनल्टी के इंटरेस्ट कमाते रहते हैं.

इंश्योरेंस कवर : अगर आप इन 10 FDs को दो या तीन अलग-अलग बैंकों में बांट देते हैं (5 लाख रुपए से कम), तो DICGC नियमों के तहत आपके पूरे 10 लाख रुपए का पूरा इंश्योरेंस हो जाता है.

इंटरेस्ट रेट एवरेजिंग: अगर अगले साल ब्याज दरें बढ़ती हैं, तो आप अपनी मैच्योर होने वाली 1 लाख रुपए की FD को नई, ज्यादा दरों पर फिर से इन्वेस्ट कर सकते हैं. आप पूरी रकम के लिए कम दर पर बंधे हुए नहीं रहते हैं.

1-1 लाख रुपए 10 FDs में निवेश करने का नुकसान 

आपको 10 अलग-अलग मैच्योरिटी डेट्स को ट्रैक करना होगा और 10 अलग-अलग तरह के पेपरवर्क (या डिजिटल एंट्री) को मैनेज करना होगा. इस दौरान रिन्यूअल और इंटरेस्ट क्रेडिटिंग भी अलग-अलग होते हैं.

आपको क्या करना चाहिए?

FD इन्वेस्टमेंट ऑप्शन चुनने का कोई फिक्स्ड फॉर्मूला नहीं है. अगर आपको चीजें सिंपल रखना पसंद है, आपके पास एक्स्ट्रा पैसे हैं और आपको भरोसा है कि मैच्योरिटी से पहले आपको पैसों की जरूरत नहीं पड़ेगी, तो 10 लाख रुपए एक ही FD में इन्वेस्ट करना फायदेमंद साबित हो सकता है. दूसरी ओर, अगर आपके लिए फ्लेक्सिबिलिटी और बदलते इंटरेस्ट रेट्स पर रिस्पॉन्ड करने की क्षमता मायने रखती है, तो अमाउंट को कई FD में बांटना ज्यादा बेहतर ऑप्शन है.

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