How To Break A Fixed Deposit: फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposits) अपनी सिक्योरिटी और फिक्स्ड रिटर्न के चलते भारत में निवेश करने का एक लोकप्रिय तरीका है. ज्यादातर निवेशक जो रिस्क नहीं लेना चाहते वो फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करते हैं. हालांकि, कई बार आपको FD की मैच्योरिटी डेट (Maturity date) से पहले ही अचानक फंड की जरूरत पड़ सकती है. लेकिन मैच्योर होने से पहले FD तोड़ने पर आम तौर पर बैंक जुर्माना लगाते हैं. आज हम आपको डिटेल में बताएंगे की जरूरत पड़ने पर आप अपने फिक्स्ड डिपॉजिट को कैसे तोड़ सकते हैं.
FD (Fixed Deposits) तोड़ने से पहले, आपको प्रीमैच्योर विड्रॉल (Premature withdrawal) पर लगने वाली पेनल्टी के बारे में पता होना चाहिए. आपको बता दें कि बैंक आमतौर पर FD तोड़ने पर जुर्माना वसूलते हैं और यह राशि आपके बैंक, FD की अवधि और जमा की गई रकम के आधार पर अलग-अलग होती है.
फिक्स्ड डिपॉजिट तोड़ने का तरीका (Steps To Break a Fixed Deposit):
फिक्स्ड डिपॉजिट को तोड़ने के लिए नीचे दिए इन स्टेप्स को फॉलो करना होगा.
1. अपनी बैंक की ब्रांच में जाएं (Visit Your Bank Branch)
FD तोड़ने का सबसे आम तरीका यह है कि आप अपने बैंक की ब्रांच में जाएं जहां आपने FD खोली थी. कुछ बैंक आपको अपने ऑनलाइन बैंकिंग पोर्टल के जरिए भी FD को तोड़ने की इजाजत देते हैं. वहीं कुछ बैंक अपने मोबाइल बैंकिंग ऐप के माध्यम से भी यह सुविधा प्रदान करते हैं.
2. जरूरी डॉक्यूमेंट (Required Documents)
* ओरिजनल FD की रसीद (Original FD receipt)
* फोटो आइडेंटिफिकेशन प्रूफ के लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट, आदि
* एड्रेस प्रूफ के लिए आधार कार्ड, पासपोर्ट, यूटिलिटी बिल, आदि
* अगर लागू हो, तो नॉमिनी किए गए व्यक्ति की डिटेल और उसका आइडेंटिफिकेशन प्रूफ (Identification proof).
3. प्रीमैच्योर विड्रॉल फॉर्म भरें (Fill Out The Premature Withdrawal Form)
मैच्योर होने से पहले FD तोड़ने के लिए आपको एक प्रीमैच्योर विड्रॉल फॉर्म (Premature Withdrawal Form) भरना होगा, जो आपको बैंक से मिल जाएगा. उस फॉर्म में FD तोड़ने की वजह सहित सभी जरूरी डिटेल सही-सही भरें.
4. पेनल्टी को कैलकुलेट करें (Calculate The Penalty)
समय विड्रॉल करने पर बैंक FD पर दिए जाने वाले इंटरेस्ट रेट और उसकी अवधि के आधार पर जुर्माने को कैलकुलेट करता है. उसकी बाद जुर्माने की रकम (Penalty amount) आपके टोटल FD अमाउंट से काट ली जाती है.
5. फंड हासिल करें (Receive The Funds)
एक बार यह प्रक्रिया पूरी हो जाने पर आपको जुर्माना काटकर बाकी की रकम दे दी जाएगी. बैंक की पॉलिसी और FD की रकम के आधार पर फंड आपके सेविंग अकाउंट (savings account) में जमा किया जा सकता है या फिर कैश में इसका भुगतान किया जा सकता है.
जुर्माने पर असर डालने वाले फैक्टर (Factors Affecting The Penalty)
1. FD की अवधि (Tenure Of The FD)
लंबी अवधि की एफडी (Longer-Term FDs): लंबी अवधि वाली FD में समय से पहले निकासी पर अक्सर ज्यादा जुर्माना यानी पेनल्टी लगाई जाती है. ऐसा इसलिए है क्योंकि बैंक अपने निवेश और संचालन की योजना बनाने के लिए लॉन्ग टर्म डिपॉजिट पर निर्भर करते हैं. और लंबी अवधि की एफडी (long-term FD) तोड़ने से उनकी बनाई गई योजनाएं प्रभावित होती हैं, जिससे जुर्माने की रकम बढ़ जाती है.
* छोटी अवधि की एफडी (Shorter-Term FDs): छोटी अवधि वाली एफडी पर आम तौर पर कम जुर्माना लगाया जाता है या यहां तक कि कई बार वो पेनल्टी-फ्री (penalty-free) भी हो सकती हैं. बैंक छोटी अवधि के डिपॉजिट के मामले में ज्यादा लचीले होते हैं क्योंकि वे आसानी से फंड का दोबारा निवेश कर सकते हैं.
2. बैंक की पॉलिसी (Bank's Policy)
* अलग-अलग बैंक अलग-अलग पॉलिसी (Different Banks, Different Policies): समय से पहले FD विड्रॉल के मामले में हर बैंक की अपनी अलग पॉलिसी होती है. कुछ बैंक दूसरों की तुलना में ज्यादा जुर्माना (higher penalties) लगा सकते हैं.
* स्पेशल स्कीम (Special Schemes): कुछ बैंक स्पेशल FD स्कीम पर समय से पहले निकासी (premature withdrawal) के लिए कम पेनल्टी या फिर कोई पेनल्टी न लेने की भी पेशकश कर सकते हैं. ये स्कीम अक्सर स्पेसिफिक कस्टमर सेगमेंट को टारगेट करती हैं या कुछ प्रोडक्ट से लिंक्ड होती हैं.
3. इंटरेस्ट रेट सिनेरियो (Interest Rate Scenario)
* बढ़ती ब्याज दरें (Rising Interest Rates): अगर आपकी FD खोलने के बाद ब्याज दरें बढ़ गई हैं, तो समय से पहले निकासी (premature withdrawal) पर जुर्माना ज्यादा हो सकता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि बैंक फंड पर ज्यादा ब्याज कमाने का मौका गंवा रहा होता है.
* गिरती ब्याज दरें (Falling Interest Rates): यदि ब्याज दरें कम हो गई हैं, तो प्रीमैच्योर विड्रॉल पर जुर्माना कम हो सकता है. हालांकि, यह ध्यान रखना जरूरी है कि ऐसा हमेशा नहीं होता है, क्योंकि बैंक ब्याज दरें गिरने पर भी अपने हितों की रक्षा के लिए जुर्माना लगा सकते हैं.
4. एफडी के टाइप (FD Type)
स्टैंडर्ड एफडी (Standard FDs): ट्रेडिशनल FD पर आमतौर पर ऊपर बताए गए फैक्टर के आधार पर स्टैंडर्ड पेनल्टी रेट (Standard penalty rate) लगाया जाता है.
टैक्स-सेविंग एफडी (Tax-Saving FDs): इन FD में स्पेसिफिक पेनल्टी रूल शामिल हो सकते हैं, जो टैक्स के नियमों (tax laws) और बैंक की पॉलिसियों (bank policies) के आधार पर भिन्न हो सकते हैं.
सीनियर सिटीजन एफडी (Senior Citizen FDs): बैंक वरिष्ठ नागरिकों (Senior citizens) के लिए स्पेशल FD स्कीम की पेशकश कर सकते हैं, जिन पर समय से पहले निकासी पर कम या कोई जुर्माना नहीं लगता.
5. जमा की गई राशि (Amount Deposited)
ज्यादा राशि (Higher Amounts): बड़े अमाउंट वाली FD के लिए, पेनल्टी एक स्पेसिफिक रेट के बजाय कमाए गए ब्याज का एक निश्चित प्रतिशत हो सकता है.
* कम राशि (Lower Amounts) : छोटी रकम वाली FD पर उस पर मिलने वाले ब्याज की परवाह किए बिना एक निश्चित जुर्माना राशि (fixed penalty amount) लगाई जा सकती है.
इन सभी फैक्टर्स को समझकर और अपनी वित्तीय जरूरतों को ध्यान में रखकर आप अपनी FD को समय से पहले तोड़ने का सोच समझकर डिसीजन ले सकते हैं.
जुर्माने को कम करने की टिप्स (Tips To Minimise Penalties)
* पेनल्टी स्ट्रक्चर कर लें चेक (Check The Penalty Structure): FD में निवेश करने से पहले, समय से पहले निकासी (premature withdrawal) के लिए उस बैंक के पेनल्टी स्ट्रक्चर के बारे में पता कर लें.
* छोटी अवधि चुनें (Choose A Shorter Tenure): अगर आपको लगता है कि आपको थोड़े समय बाद फंड की जरूरत पड़ सकती है, तो पेनल्टी को कम करने के लिए छोटी अवधि की एफडी (Shorter Tenure FD) का विकल्प चुनें.
* लिक्विड एफडी के विकल्प पर करें विचार (Consider A Liquid FD): कुछ बैंक जल्दी निकासी (early withdrawal) पर कम या बिना किसी जुर्माने (no penalty) के लिक्विड एफडी (liquid FDs) की पेशकश करते हैं.
* इमरजेंसी फंड (Emergency Fund): अचानक पड़ने वाली जरूरतों के लिए FD तोड़ने से बचने के लिए एक इमरजेंसी फंड (Emergency Fund) तैयार रखें.
एफडी तोड़ने के ऑल्टरनेटिव ऑप्शन (Alternative Options To Breaking An FD)
अगर आपको अचानक पैसे की जरूरत पड़ जाती है लेकिन आप समय से पहले विड्रॉल पर लगने वाले जुर्माने से बचना चाहते हैं, तो इन विकल्पों पर विचार करें:
एफडी पर लोन (Loan Against FD): आप अपनी FD को तोड़े बिना उस पर लोन ले सकते हैं. इस तरीके से आप अपने पैसे की जरूरत भी पूरी कर पाएंगे और आपको अपनी FD को तोड़ने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी.
ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी के साथ FD (FD With Overdraft Facility): कुछ बैंक ओवरड्राफ्ट सुविधा (Overdraft Facility) के साथ एफडी की पेशकश करते हैं, जिससे आप अपनी FD को तोड़े बिना एक निश्चित रकम निकाल सकते हैं.
हालांकि कुछ परिस्थितियों में FD (fixed deposit) को तोड़ना एक सही विकल्प हो सकता है, लेकिन तोड़ने से पहले हर पहलू को समझ लेना जरूरी है. इस पर लगने वाली पेनल्टी के बारे में पता होने और ऑल्टरनेटिव विकल्पों की समझ आपको सही निर्णय लेने में मदद कर सकती है. ऊपर बताई गई सभी जानकारी FD को समय से पहले तोड़ने के लिए क्या करना होगा, और उस पर आपको कितना जुर्माना देना होगा, ये समझने में आपकी मदद कर सकती है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं