
Gold Investment Tips: भारत में निवेशकों की रुचि गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (Gold ETF in India) में तेजी से बढ़ी है. फरवरी में नेट इनफ्लो में 1,979.84 करोड़ रुपये रहा है. यह जानकारी एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) द्वारा बुधवार को दी गई. इससे पहले फरवरी 2024 में गोल्ड ईटीएफ में निवेश (Gold ETFs investment) 997.22 करोड़ रुपये था, जो कि सालाना आधार पर ईटीएफ इनफ्लो में 99 प्रतिशत की बढ़ोतरी के दिखाता है.
भारत में गोल्ड ईटीएफ नेट इनफ्लो में लगातार 10वें महीने उछाल
वैश्विक आर्थिक अस्थिरता और शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के कारण भारत में गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF in India) में नेट इनफ्लो लगातार 10वें महीने सकारात्मक रहा है. गोल्ड की कीमतों (Gold Price Update) में हो रही बढ़ोतरी के कारण गोल्ड ईटीएफ का एसेट्स अंडर मैनेजमेंट फरवरी के अंत में 55,677.25 करोड़ रुपये रहा है.गोल्ड ईटीएफ का एयूएम फरवरी 2024 में 28,529.88 करोड़ रुपये था, जो कि जनवरी 2025 में 51,839.39 करोड़ रुपये था.
क्यों बढ़ रहा गोल्ड ईटीएफ में निवेश?
बाजार विश्लेषकों का मानना है कि गोल्ड ईटीएफ की बढ़ती मांग का कारण इक्विटी बाजारों में जारी गिरावट और वैश्विक अनिश्चितता है. निवेशक गोल्ड जैसी सुरक्षित-संपत्तियों की ओर रुख कर रहे हैं, जिसने ऐतिहासिक रूप से बाजार में गिरावट के दौरान स्थिरता प्रदान की है. फरवरी में भारत में गोल्ड की कीमतों (Gold Rate In India) में 4 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिससे यह अधिक आकर्षक निवेश विकल्प बन गया.
वैश्विक मोर्चे पर गोल्ड ईटीएफ में 2025 में लगातार दूसरे महीने मजबूत इनफ्लो देखा गया.वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (डब्ल्यूजीसी) के अनुसार, फरवरी में दुनिया भर में गोल्ड ईटीएफ में 9.4 बिलियन डॉलर का नेट इनफ्लो देखा गया, जो मार्च 2022 के बाद से सबसे अधिक मासिक वृद्धि है.गोल्ड ईटीएफ की कुल होल्डिंग में 99.9 टन की वृद्धि हुई, जिससे फरवरी के अंत तक गोल्ड ईटीएफ का वैश्विक एयूएम रिकॉर्ड 306 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया.
फरवरी में सोने की कीमतों में 4% की बढ़ोतरी
व्यापार तनाव और कमजोर अमेरिकी डॉलर को लेकर चिंताओं के कारण गोल्ड की वैश्विक मांग में उछाल आया है. फरवरी में डॉलर के लिहाज से गोल्ड की कीमतों (Gold rate update) में 1 प्रतिशत और भारतीय रुपये में 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई.
Gold ETF में निवेश के फायदे
गोल्ड ईटीएफ के कई फायदे(Gold investment benefits) हैं, जिनमें सबसे अहम इसकी आसानी से ट्रेड होने की सुविधा है, जहां आप इसे स्टॉक मार्केट में खरीद या बेच सकते हैं. इसमें फिजिकल गोल्ड की तरह कोई स्टोरेज कॉस्ट नहीं होती और न ही आभूषणों की तरह मेकिंग कॉस्ट चुकानी पड़ती है. इसके अलावा, आप इसमें छोटे यूनिट्स में भी निवेश कर सकते हैं, जिससे यह किफायती बनता है. साथ ही, इसकी पारदर्शिता के कारण सोने की कीमतों की निगरानी करना बेहद आसान होता है.
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