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नाटक प्रस्तुति

'नाटक प्रस्तुति' - 9 News Result(s)
  • प्रियदर्शन के नाटक 'बेटियां मन्नू की' का मंचन, ऑडिटोरियम में गूंजता स्त्री अस्मिता का सवाल

    प्रियदर्शन के नाटक 'बेटियां मन्नू की' का मंचन, ऑडिटोरियम में गूंजता स्त्री अस्मिता का सवाल

    सिर्फ 4 कलाकारों ने इन 9 रचनाओं की अलग-अलग स्थितियों को जीवंत कर दिया. कलाकारों की दमदार प्रस्तुति ने स्त्री के जीवन की उधेड़बुन और परिवार और अपनी इच्छा को चुनने के अंतर्द्वंद्व को बखूबी दर्शाया.

  • 'लिव-इन' :  बनते-टूटते रिश्तों और इससे परिवारों के बिखरने पर सवाल उठाने वाली नाट्य प्रस्तुति

    'लिव-इन' : बनते-टूटते रिश्तों और इससे परिवारों के बिखरने पर सवाल उठाने वाली नाट्य प्रस्तुति

    बदलते समय के साथ संयुक्त परिवारों की जगह 'न्यूक्लियर फैमिली' अस्तित्व में आई और इसके बाद अब एक नए तरह के रिश्ते बनने लगे हैं- 'लिव-इन रिलेशन', जो कि परिवार की सीमाओं से बंधन मुक्त हैं. इन बनते-टूटते रिश्तों के बीच सिर्फ और सिर्फ स्त्री-पुरुष हैं.. न तो बच्चे हैं, न ही कोई जिम्मेदारी.. सिर्फ एक 'कॉन्ट्रेक्ट' है जो एक स्त्री-पुरुष के बीच है. यह अलिखित कॉन्ट्रेक्ट कभी भी तोड़ा जा सकता है और नया कॉन्ट्रेक्ट बनाया जा सकता है. पश्चिमी देशों का यह प्रचलन भारत में भी फैलता जा रहा है. स्त्री-पुरुष के बीच सिर्फ यौन संबंधों और कुछ हद तक व्यवसायिकता के लिए बनने वाले इन संबंधों के बीच परिवार नाम की संस्था कहीं पीछे छूटती दिखती है.

  • नाट्य समीक्षा : भारत रंग महोत्सव में आज के हालात का स्वाद देने वाले 'सुदामा के चावल'

    नाट्य समीक्षा : भारत रंग महोत्सव में आज के हालात का स्वाद देने वाले 'सुदामा के चावल'

    भगवान कृष्ण और सुदामा की मित्रता की पौराणिक कथा दोस्ती की मिसाल के रूप में उद्धृत की जाने वाली कहानी है. लेकिन इस सीधी सपाट कहानी में सुदामा के चरित्र का कोई प्रतिपक्ष भी हो सकता है. द्वापर युग के सुदामा के चरित्र की यदि कलयुग की परिस्थितियों में कल्पना की जाए तो उसमें आज की दूषित मानसिकता भी दिखाई दे सकती है. कहानी वही है, चरित्र भी वही हैं लेकिन इन चरित्रों का आचार-विचार वह है जो आज के आम जीवन में देखा जाता है. नाटक 'सुदामा के चावल' में इस पौराणिक कथा की प्रभावी प्रस्तुति हुई. राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के प्रतिष्ठित आयोजन 'भारत रंग महोत्सव' के तहत रविवार को दिल्ली के कमानी थिएटर में हुई इस शानदार नाट्य प्रस्तुति का प्रेक्षकों ने जमकर आनंद लिया. प्रस्तुति के दौरान हाल कई बार तालियों और ठहाकों से गूंजा.

  • दर्शकों के मन में बस गईं साल 2017 की यह पांच यादगार नाट्य प्रस्तुतियां

    दर्शकों के मन में बस गईं साल 2017 की यह पांच यादगार नाट्य प्रस्तुतियां

    साल 2017 बीतने को है और साल 2018 दस्तक दे रहा है. इस साल देश-दुनिया के साथ-साथ राजधानी दिल्ली में भी रंगमंचीय अभिव्यक्तियां विवध रंगों के साथ दर्शकों के सामने आईं. कुछ यादगार नाट्य प्रदर्शनों ने सफलता के झंडे गाड़े और प्रेक्षकों के मन में अमिट छाप छोड़ गए.

  • चेखव के परिसर को 'भारत रंग महोत्सव' के लिए किया गया साकार

    चेखव के परिसर को 'भारत रंग महोत्सव' के लिए किया गया साकार

    चेखव स्टुडियो थियेटर की प्रस्तुति ‘चेखव चायका’ के लिए रानावि परिसर में ऐसा माहौल और सेट बनाया गया जो आभास दे कि नाटक चेखव के एतिहासिक एस्टेट में हो रहा है, जहाँ चेखव रहते थे और रचनाकर्म करते थे. दरअसल चेखव स्टुडियो थियेटर रूस का नाट्य समूह है जो मूल रूप से वहां रंगकर्म करता है, जहां चेखव रहते थे और उनकी स्मृति में वहां म्युजियम बना दिया गया है.

  • भारंगम 2017 : 'आखिर यह रंगमंच है किसका' का जवाब तलाशने जुटेंगे दुनियाभर के कलाकार

    भारंगम 2017 : 'आखिर यह रंगमंच है किसका' का जवाब तलाशने जुटेंगे दुनियाभर के कलाकार

    एक फरवरी को कावलाम नारायण पणिक्कर निर्देशित नाटक ‘उत्तररामचरित’ के मंचन के साथ उन्नीसवां भारत रंग महोत्सव (भारंगम) शुरु होकर 21 फरवरी को कलकत्ता क्वायर की प्रस्तुति से समापन होगा.

  • दो कालजयी त्रासदियों के जरिए शेक्सपियर का स्मरण

    दो कालजयी त्रासदियों के जरिए शेक्सपियर का स्मरण

    अंग्रेजी साम्राज्य का सूरज तो डूब गया लेकिन शेक्सपियर के रूप में एक ऐसा प्रकाश दे गया जिसकी चमक विश्व की सभी भाषाओं में और विशेषकर उन भाषाओं के रंगमंच पर है. हर अभिनेता, हर निर्देशक जीवन में कम से कम एक बार शेक्सपियर के किसी नाटक का हिस्सा बनाना चाहता है या बन चुका होता है.

  • गीत-संगीत से छात्राओं ने दर्शकों का मन मोहा, अभिनेता जिमी शेरगिल भी थे मौजूद

    गीत-संगीत से छात्राओं ने दर्शकों का मन मोहा, अभिनेता जिमी शेरगिल भी थे मौजूद

    उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के ग्रामीण इलाके कुंडा में कृपालु शिक्षण संस्थान की छात्राओं ने गीत, संगीत, नृत्य नाटिका एवं नाटक पेश कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. सांस्कृतिक समारोह में फिल्म अभिनेता जिमी शेरगिल की मौजूदगी से छात्राओं ने उत्साह के साथ अपनी प्रस्तुति दी, जिसे लोगों ने काफी सराहा.

  • मुंबई के पृथ्वी थिएटर में नाटक की प्रस्तुति से खुश हैं ऋचा चड्ढा

    मुंबई के पृथ्वी थिएटर में नाटक की प्रस्तुति से खुश हैं ऋचा चड्ढा

    अभिनेत्री ऋचा चड्ढा के लिए लोकप्रिय पृथ्वी थिएटर में प्रस्तुति देना हमेशा खास रहा है. उन्होंने यहां नाटक 'व्हाइट रैबिट रेड रैबिट' में काम किया था. ऋचा ने बताया, "पृथ्वी में प्रस्तुति हमेशा मेरे लिए खास है, क्योंकि मैं जब स्कूल में थी, तो मैंने अपनी पहली प्रस्तुति पृथ्वी थिएटर के मंच पर ही दी थी. मुंबई में यह मेरा पहला नाटक था, जिसमें मुझे छोटी सी भूमिका मिली थी."

'नाटक प्रस्तुति' - 9 News Result(s)
  • प्रियदर्शन के नाटक 'बेटियां मन्नू की' का मंचन, ऑडिटोरियम में गूंजता स्त्री अस्मिता का सवाल

    प्रियदर्शन के नाटक 'बेटियां मन्नू की' का मंचन, ऑडिटोरियम में गूंजता स्त्री अस्मिता का सवाल

    सिर्फ 4 कलाकारों ने इन 9 रचनाओं की अलग-अलग स्थितियों को जीवंत कर दिया. कलाकारों की दमदार प्रस्तुति ने स्त्री के जीवन की उधेड़बुन और परिवार और अपनी इच्छा को चुनने के अंतर्द्वंद्व को बखूबी दर्शाया.

  • 'लिव-इन' :  बनते-टूटते रिश्तों और इससे परिवारों के बिखरने पर सवाल उठाने वाली नाट्य प्रस्तुति

    'लिव-इन' : बनते-टूटते रिश्तों और इससे परिवारों के बिखरने पर सवाल उठाने वाली नाट्य प्रस्तुति

    बदलते समय के साथ संयुक्त परिवारों की जगह 'न्यूक्लियर फैमिली' अस्तित्व में आई और इसके बाद अब एक नए तरह के रिश्ते बनने लगे हैं- 'लिव-इन रिलेशन', जो कि परिवार की सीमाओं से बंधन मुक्त हैं. इन बनते-टूटते रिश्तों के बीच सिर्फ और सिर्फ स्त्री-पुरुष हैं.. न तो बच्चे हैं, न ही कोई जिम्मेदारी.. सिर्फ एक 'कॉन्ट्रेक्ट' है जो एक स्त्री-पुरुष के बीच है. यह अलिखित कॉन्ट्रेक्ट कभी भी तोड़ा जा सकता है और नया कॉन्ट्रेक्ट बनाया जा सकता है. पश्चिमी देशों का यह प्रचलन भारत में भी फैलता जा रहा है. स्त्री-पुरुष के बीच सिर्फ यौन संबंधों और कुछ हद तक व्यवसायिकता के लिए बनने वाले इन संबंधों के बीच परिवार नाम की संस्था कहीं पीछे छूटती दिखती है.

  • नाट्य समीक्षा : भारत रंग महोत्सव में आज के हालात का स्वाद देने वाले 'सुदामा के चावल'

    नाट्य समीक्षा : भारत रंग महोत्सव में आज के हालात का स्वाद देने वाले 'सुदामा के चावल'

    भगवान कृष्ण और सुदामा की मित्रता की पौराणिक कथा दोस्ती की मिसाल के रूप में उद्धृत की जाने वाली कहानी है. लेकिन इस सीधी सपाट कहानी में सुदामा के चरित्र का कोई प्रतिपक्ष भी हो सकता है. द्वापर युग के सुदामा के चरित्र की यदि कलयुग की परिस्थितियों में कल्पना की जाए तो उसमें आज की दूषित मानसिकता भी दिखाई दे सकती है. कहानी वही है, चरित्र भी वही हैं लेकिन इन चरित्रों का आचार-विचार वह है जो आज के आम जीवन में देखा जाता है. नाटक 'सुदामा के चावल' में इस पौराणिक कथा की प्रभावी प्रस्तुति हुई. राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के प्रतिष्ठित आयोजन 'भारत रंग महोत्सव' के तहत रविवार को दिल्ली के कमानी थिएटर में हुई इस शानदार नाट्य प्रस्तुति का प्रेक्षकों ने जमकर आनंद लिया. प्रस्तुति के दौरान हाल कई बार तालियों और ठहाकों से गूंजा.

  • दर्शकों के मन में बस गईं साल 2017 की यह पांच यादगार नाट्य प्रस्तुतियां

    दर्शकों के मन में बस गईं साल 2017 की यह पांच यादगार नाट्य प्रस्तुतियां

    साल 2017 बीतने को है और साल 2018 दस्तक दे रहा है. इस साल देश-दुनिया के साथ-साथ राजधानी दिल्ली में भी रंगमंचीय अभिव्यक्तियां विवध रंगों के साथ दर्शकों के सामने आईं. कुछ यादगार नाट्य प्रदर्शनों ने सफलता के झंडे गाड़े और प्रेक्षकों के मन में अमिट छाप छोड़ गए.

  • चेखव के परिसर को 'भारत रंग महोत्सव' के लिए किया गया साकार

    चेखव के परिसर को 'भारत रंग महोत्सव' के लिए किया गया साकार

    चेखव स्टुडियो थियेटर की प्रस्तुति ‘चेखव चायका’ के लिए रानावि परिसर में ऐसा माहौल और सेट बनाया गया जो आभास दे कि नाटक चेखव के एतिहासिक एस्टेट में हो रहा है, जहाँ चेखव रहते थे और रचनाकर्म करते थे. दरअसल चेखव स्टुडियो थियेटर रूस का नाट्य समूह है जो मूल रूप से वहां रंगकर्म करता है, जहां चेखव रहते थे और उनकी स्मृति में वहां म्युजियम बना दिया गया है.

  • भारंगम 2017 : 'आखिर यह रंगमंच है किसका' का जवाब तलाशने जुटेंगे दुनियाभर के कलाकार

    भारंगम 2017 : 'आखिर यह रंगमंच है किसका' का जवाब तलाशने जुटेंगे दुनियाभर के कलाकार

    एक फरवरी को कावलाम नारायण पणिक्कर निर्देशित नाटक ‘उत्तररामचरित’ के मंचन के साथ उन्नीसवां भारत रंग महोत्सव (भारंगम) शुरु होकर 21 फरवरी को कलकत्ता क्वायर की प्रस्तुति से समापन होगा.

  • दो कालजयी त्रासदियों के जरिए शेक्सपियर का स्मरण

    दो कालजयी त्रासदियों के जरिए शेक्सपियर का स्मरण

    अंग्रेजी साम्राज्य का सूरज तो डूब गया लेकिन शेक्सपियर के रूप में एक ऐसा प्रकाश दे गया जिसकी चमक विश्व की सभी भाषाओं में और विशेषकर उन भाषाओं के रंगमंच पर है. हर अभिनेता, हर निर्देशक जीवन में कम से कम एक बार शेक्सपियर के किसी नाटक का हिस्सा बनाना चाहता है या बन चुका होता है.

  • गीत-संगीत से छात्राओं ने दर्शकों का मन मोहा, अभिनेता जिमी शेरगिल भी थे मौजूद

    गीत-संगीत से छात्राओं ने दर्शकों का मन मोहा, अभिनेता जिमी शेरगिल भी थे मौजूद

    उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के ग्रामीण इलाके कुंडा में कृपालु शिक्षण संस्थान की छात्राओं ने गीत, संगीत, नृत्य नाटिका एवं नाटक पेश कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. सांस्कृतिक समारोह में फिल्म अभिनेता जिमी शेरगिल की मौजूदगी से छात्राओं ने उत्साह के साथ अपनी प्रस्तुति दी, जिसे लोगों ने काफी सराहा.

  • मुंबई के पृथ्वी थिएटर में नाटक की प्रस्तुति से खुश हैं ऋचा चड्ढा

    मुंबई के पृथ्वी थिएटर में नाटक की प्रस्तुति से खुश हैं ऋचा चड्ढा

    अभिनेत्री ऋचा चड्ढा के लिए लोकप्रिय पृथ्वी थिएटर में प्रस्तुति देना हमेशा खास रहा है. उन्होंने यहां नाटक 'व्हाइट रैबिट रेड रैबिट' में काम किया था. ऋचा ने बताया, "पृथ्वी में प्रस्तुति हमेशा मेरे लिए खास है, क्योंकि मैं जब स्कूल में थी, तो मैंने अपनी पहली प्रस्तुति पृथ्वी थिएटर के मंच पर ही दी थी. मुंबई में यह मेरा पहला नाटक था, जिसमें मुझे छोटी सी भूमिका मिली थी."

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