Who Was Karim Lala Sanjay Raut Claims
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क्या अमिताभ बच्चन की फिल्म जंजीर में 'शेर खान' का करैक्टर डॉन करीम लाला पर आधारित था, 10 बड़ी बातें
- Friday January 17, 2020
- Edited by: मानस मिश्रा
शिवसेना नेता संजय राउत ने 'इंदिरा गांधी मुंबई जाकर (अंडरवर्ल्ड डॉन) करीम लाला से मुलाकात किया करती थीं' वाले बयान को वापस ले लिया है. उन्होंने कहा, "कांग्रेस के हमारे मित्रों को बुरा नहीं मानना चाहिए. अगर किसी को लगता है कि मेरे बयान से इंदिरा गांधी की छवि धूमिल हुई है, या किसी की भावनाएं आहत हुई हैं, तो मैं अपना बयान वापस लेता हूं." बता दें कि पुणे में एक कार्यक्रम में संजय राउत ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी तब के मुंबई के डॉन करीम लाला से मिलने आती थीं. हालांकि मीडिया पर बयान आने के बाद संजय राउत ने सफाई दी. उन्होंने कहा करीम लाला पठानों में काफ़ी लोकप्रिय थे. काफी पठान अपनी समस्या को लेकर आते थे करीम लाला से मिलते थे ऐसे में पठानों की समस्या पर इंदिरा गांधी या कोई भी पीएम हो करीम लाला से मिलते थे. राउत ने कहा कि कोई उनके बयान को तोड़-फोड़ कर दिखाता है तो ये उनकी राजनीतिक मजबूरी है. शिवसेना सांसद ने कहा कि उनके मन में इंदिरा, नेहरू और राजीव गांधी के लिए मन में आदर था और हमेशा रहेगा. हालांकि अब संजय राउत ने भले ही बयान को वापस ले लिया हो लेकिन इस पर विवाद खड़ा हो गया है. करीम लाला को मरे लगभग 18 साल हो चुके हैं और अब आज की पीढ़ी में ये जानने की इच्छा बढ़ गई है कि ये करीम लाला आख़िर था कौन?
- ndtv.in
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क्या अमिताभ बच्चन की फिल्म जंजीर में 'शेर खान' का करैक्टर डॉन करीम लाला पर आधारित था, 10 बड़ी बातें
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शिवसेना नेता संजय राउत ने 'इंदिरा गांधी मुंबई जाकर (अंडरवर्ल्ड डॉन) करीम लाला से मुलाकात किया करती थीं' वाले बयान को वापस ले लिया है. उन्होंने कहा, "कांग्रेस के हमारे मित्रों को बुरा नहीं मानना चाहिए. अगर किसी को लगता है कि मेरे बयान से इंदिरा गांधी की छवि धूमिल हुई है, या किसी की भावनाएं आहत हुई हैं, तो मैं अपना बयान वापस लेता हूं." बता दें कि पुणे में एक कार्यक्रम में संजय राउत ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी तब के मुंबई के डॉन करीम लाला से मिलने आती थीं. हालांकि मीडिया पर बयान आने के बाद संजय राउत ने सफाई दी. उन्होंने कहा करीम लाला पठानों में काफ़ी लोकप्रिय थे. काफी पठान अपनी समस्या को लेकर आते थे करीम लाला से मिलते थे ऐसे में पठानों की समस्या पर इंदिरा गांधी या कोई भी पीएम हो करीम लाला से मिलते थे. राउत ने कहा कि कोई उनके बयान को तोड़-फोड़ कर दिखाता है तो ये उनकी राजनीतिक मजबूरी है. शिवसेना सांसद ने कहा कि उनके मन में इंदिरा, नेहरू और राजीव गांधी के लिए मन में आदर था और हमेशा रहेगा. हालांकि अब संजय राउत ने भले ही बयान को वापस ले लिया हो लेकिन इस पर विवाद खड़ा हो गया है. करीम लाला को मरे लगभग 18 साल हो चुके हैं और अब आज की पीढ़ी में ये जानने की इच्छा बढ़ गई है कि ये करीम लाला आख़िर था कौन?
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