Uyghur Region
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चीन डायरी: उरुमुची के इंटरनेशनल इस्लामिक इंस्टिट्यूट में छात्रों को मिलती है इमाम की ट्रेनिंग
- Monday August 19, 2019
- कादम्बिनी शर्मा
चीन सरकार के बुलावे पर मैं इस समय उरुमुची में हूं. आज उरुमुची के इंटरनेशनल इस्लामिक इंस्टिट्यूट जाने का मौक़ा मिला. वहां, पर छात्रों को इमाम के काम के लिए ट्रेनिंग दी जाती है. छात्रों को मासिक भत्ता भी मिलता है. क़ुरान की पढाई में भी छात्र यहां महारत हासिल करते हैं.
- ndtv.in
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चीन के उइगर क्षेत्र की राजधानी उरुमुची : एक शांत, खूबसूरत शहर, न कांटों की तारें और न बेहिसाब सुरक्षाबल
- Sunday August 18, 2019
- Reported by: कादम्बिनी शर्मा, Edited by: मानस मिश्रा
दिल्ली से लगभग आधी रात को उड़ान भर के, ग्वांगझू में फ़्लाइट बदल कर क़रीब पंद्रह घंटे बाद जब मेरा जहाज़ शिनजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र (Autonomous Region) की राजधानी उरुमुची के पास पहुंचा तो सबसे पहले नज़र आए बर्फ़ से ढके ऊंचे-ऊंचे पहाड़ और गहरी खाइयां. गोबी रेगिस्तान भी यहीं है जो सहारा के बाद दूसरा सबसे बड़ा रेगिस्तान है.चीन सरकार के बुलावे पर मैं यहाँ आई हूं इसलिए एयरपोर्ट पर मुझे लेने दो लोग पहुंचे थे, एक सरकारी अधिकारी और एक इंटरप्रेटर. असल में यहां दूसरे देशों से आए लोगों को जो सबसे बड़ी समस्या होती है वो है भाषा की. बीजिंग में भी अंग्रेज़ी बेहद कम लोग बोलते हैं, फिर उरुमुची में क्या उम्मीद करते?
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चीन डायरी: उरुमुची के इंटरनेशनल इस्लामिक इंस्टिट्यूट में छात्रों को मिलती है इमाम की ट्रेनिंग
- Monday August 19, 2019
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चीन सरकार के बुलावे पर मैं इस समय उरुमुची में हूं. आज उरुमुची के इंटरनेशनल इस्लामिक इंस्टिट्यूट जाने का मौक़ा मिला. वहां, पर छात्रों को इमाम के काम के लिए ट्रेनिंग दी जाती है. छात्रों को मासिक भत्ता भी मिलता है. क़ुरान की पढाई में भी छात्र यहां महारत हासिल करते हैं.
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चीन के उइगर क्षेत्र की राजधानी उरुमुची : एक शांत, खूबसूरत शहर, न कांटों की तारें और न बेहिसाब सुरक्षाबल
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दिल्ली से लगभग आधी रात को उड़ान भर के, ग्वांगझू में फ़्लाइट बदल कर क़रीब पंद्रह घंटे बाद जब मेरा जहाज़ शिनजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र (Autonomous Region) की राजधानी उरुमुची के पास पहुंचा तो सबसे पहले नज़र आए बर्फ़ से ढके ऊंचे-ऊंचे पहाड़ और गहरी खाइयां. गोबी रेगिस्तान भी यहीं है जो सहारा के बाद दूसरा सबसे बड़ा रेगिस्तान है.चीन सरकार के बुलावे पर मैं यहाँ आई हूं इसलिए एयरपोर्ट पर मुझे लेने दो लोग पहुंचे थे, एक सरकारी अधिकारी और एक इंटरप्रेटर. असल में यहां दूसरे देशों से आए लोगों को जो सबसे बड़ी समस्या होती है वो है भाषा की. बीजिंग में भी अंग्रेज़ी बेहद कम लोग बोलते हैं, फिर उरुमुची में क्या उम्मीद करते?
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