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न्यूनतम आय योजना धोखा, कांग्रेस का इतिहास रहा है कि गरीब को नारे दो और साधन मत दो : अरुण जेटली
- Monday March 25, 2019
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को अब तक की सबसे बड़ी न्यूनतम आय का वादा किया जिसके तहत देश के करीब 5 करोड़ गरीब परिवारों को हर महीने 6000 रुपये दिए जाएंगे. इस पर केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस की यह योजना एक धोखा और छलावा है.
- ndtv.in
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राहुल गांधी ने किया दुनिया की सबसे बड़ी न्यूनतम आय योजना का वादा, गरीबों को मिलेंगे सालाना 72 हजार रुपये
- Monday March 25, 2019
- एनडीटीवी
लोकसभा चुनाव 2019 से ठीक पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बड़ा चुनावी वादा किया है. चुनावी जंग में बाजी अपने नाम करने के लिए राहुल गांधी ने न्यूनतम आय गारंटी योजना (The minimum income guarantee scheme) का वादा किया.
- ndtv.in
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ग़रीबों को न्यूनतम आय कैसे सुनिश्चित होगी?
- Thursday January 31, 2019
- रवीश कुमार
इस रिपोर्ट के आधार पर बैंक के बोर्ड ने चंदा कोचर को निकाल दिया है. चंदा कोचर को दिया जाने वाला बोनस वगैरह सब रोक लिया गया है. उन्हें अब कोई सुविधा नहीं मिलेगी. बकाया राशि भी नहीं दी जाएगी. उन्हें जो शेयर वगैरह मिले थे अब सब रोक लिए जाएंगे. जस्टिस श्रीकृष्णा ने अपनी जांच में चंदा कोचर को दोषी पाया है. बताया है कि उनके कार्यकाल में नियमों को तोड़ कर कई फैसले लिए गए और उसकी जानकारी बैंक की सालाना रिपोर्ट से छिपाई गई.
- ndtv.in
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आम बजट 2017 : 8 लाख रुपये तक की इनकम हो सकती है टैक्स फ्री!
- Wednesday February 1, 2017
- Written by: चतुरेश तिवारी
वित्त मंत्री अरुण जेटली बुधवार को अपना चौथा आम बजट पेश करेंगे. मंगलवार को पेश किए गए आर्थिक सर्वे में भी सरकार ने स्वीकार किया है नोटबंदी से अर्थव्यवस्था को झटका लगा है. ऐसे में जेटली बजट में कुछ कर राहत दे सकते हैं जिससे अर्थव्यवस्था को रफ्तार मिल सके. इसके अलावा 93 साल में ऐसा पहली बार होगा जब रेल बजट पेश नहीं होगा. ऐसे में यह बजट कई मायनों में अलग है. यह भी पहली बार हो रहा है कि आम बजट 28 या 29 फरवरी की बजाय 1 फरवरी को पेश किया जा रहा है.
- ndtv.in
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जानिए क्या है सबके लिए आमदनी योजना? क्या इसे लागू करना आसान है?
- Tuesday January 31, 2017
- Reported by: अखिलेश शर्मा, Edited by: चतुरेश तिवारी
सरकार ने पहली बार सभी नागरिकों को लिए आमदनी यानी यूनिवर्सल बेसिक इनकम (यूबीआई) की बात औपचारिक रूप से छेड़ी है. मंगलवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा संसद में रखे गए आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि चाहे यूबीआई को लागू करने का समय अभी नहीं आया हो लेकिन इस पर गंभीर रूप से चर्चा होनी चाहिए. आर्थिक सर्वेक्षण में यूनिवर्सल बेसिक इनकम यानी सबके लिए आमदनी योजना की वकालत की गई है. सर्वेक्षण में कहा गया है कि यूनिवर्सल बेसिक इनकम यानी यूबीआई गरीबी कम करने के लिए कई सामाजिक कल्याण योजनाओं का विकल्प हो सकती है.
- ndtv.in
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...तो मोदी सरकार इस फार्मूले से बढ़ाएगी गरीबों की आय, बजट में हो सकती है घोषणा
- Tuesday January 31, 2017
- Edited by: चतुरेश तिवारी
मोदी सरकार ने आर्थिक सर्वेक्षण 2016-17 पेश किया. सर्वे में देश के हर नागरिकों को हर महीने एक तयशुदा आमदनी सुनिश्चित करने के लिए यूनिवर्सल बेसिक इनकम स्कीम लागू करने की सिफारिश की गई है. सरकार का मानना है कि इससे गरीबी हटाने में मदद मिलेगी. नीति आयोग का जहां कहना है कि देश के पास गरीबों की आमदनी बढ़ाने की परियोजना चलाने के लिए जरूरी वित्तीय संसाधन नहीं हैं. वहीं, सरकार के वित्त वर्ष 2016-17 के आर्थिक सर्वेक्षण में गरीबी हटाने के लिए चलाई जा रही विभिन्न सामाजिक कल्याण योजनाओं की जगह पर एक सार्वभौमिक बुनियादी आय (यूनिवर्सल बेसिक इनकम) योजना चलाने की वकालत की गई है.
- ndtv.in
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न्यूनतम आय योजना धोखा, कांग्रेस का इतिहास रहा है कि गरीब को नारे दो और साधन मत दो : अरुण जेटली
- Monday March 25, 2019
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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को अब तक की सबसे बड़ी न्यूनतम आय का वादा किया जिसके तहत देश के करीब 5 करोड़ गरीब परिवारों को हर महीने 6000 रुपये दिए जाएंगे. इस पर केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस की यह योजना एक धोखा और छलावा है.
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राहुल गांधी ने किया दुनिया की सबसे बड़ी न्यूनतम आय योजना का वादा, गरीबों को मिलेंगे सालाना 72 हजार रुपये
- Monday March 25, 2019
- एनडीटीवी
लोकसभा चुनाव 2019 से ठीक पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बड़ा चुनावी वादा किया है. चुनावी जंग में बाजी अपने नाम करने के लिए राहुल गांधी ने न्यूनतम आय गारंटी योजना (The minimum income guarantee scheme) का वादा किया.
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ग़रीबों को न्यूनतम आय कैसे सुनिश्चित होगी?
- Thursday January 31, 2019
- रवीश कुमार
इस रिपोर्ट के आधार पर बैंक के बोर्ड ने चंदा कोचर को निकाल दिया है. चंदा कोचर को दिया जाने वाला बोनस वगैरह सब रोक लिया गया है. उन्हें अब कोई सुविधा नहीं मिलेगी. बकाया राशि भी नहीं दी जाएगी. उन्हें जो शेयर वगैरह मिले थे अब सब रोक लिए जाएंगे. जस्टिस श्रीकृष्णा ने अपनी जांच में चंदा कोचर को दोषी पाया है. बताया है कि उनके कार्यकाल में नियमों को तोड़ कर कई फैसले लिए गए और उसकी जानकारी बैंक की सालाना रिपोर्ट से छिपाई गई.
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आम बजट 2017 : 8 लाख रुपये तक की इनकम हो सकती है टैक्स फ्री!
- Wednesday February 1, 2017
- Written by: चतुरेश तिवारी
वित्त मंत्री अरुण जेटली बुधवार को अपना चौथा आम बजट पेश करेंगे. मंगलवार को पेश किए गए आर्थिक सर्वे में भी सरकार ने स्वीकार किया है नोटबंदी से अर्थव्यवस्था को झटका लगा है. ऐसे में जेटली बजट में कुछ कर राहत दे सकते हैं जिससे अर्थव्यवस्था को रफ्तार मिल सके. इसके अलावा 93 साल में ऐसा पहली बार होगा जब रेल बजट पेश नहीं होगा. ऐसे में यह बजट कई मायनों में अलग है. यह भी पहली बार हो रहा है कि आम बजट 28 या 29 फरवरी की बजाय 1 फरवरी को पेश किया जा रहा है.
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जानिए क्या है सबके लिए आमदनी योजना? क्या इसे लागू करना आसान है?
- Tuesday January 31, 2017
- Reported by: अखिलेश शर्मा, Edited by: चतुरेश तिवारी
सरकार ने पहली बार सभी नागरिकों को लिए आमदनी यानी यूनिवर्सल बेसिक इनकम (यूबीआई) की बात औपचारिक रूप से छेड़ी है. मंगलवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा संसद में रखे गए आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि चाहे यूबीआई को लागू करने का समय अभी नहीं आया हो लेकिन इस पर गंभीर रूप से चर्चा होनी चाहिए. आर्थिक सर्वेक्षण में यूनिवर्सल बेसिक इनकम यानी सबके लिए आमदनी योजना की वकालत की गई है. सर्वेक्षण में कहा गया है कि यूनिवर्सल बेसिक इनकम यानी यूबीआई गरीबी कम करने के लिए कई सामाजिक कल्याण योजनाओं का विकल्प हो सकती है.
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...तो मोदी सरकार इस फार्मूले से बढ़ाएगी गरीबों की आय, बजट में हो सकती है घोषणा
- Tuesday January 31, 2017
- Edited by: चतुरेश तिवारी
मोदी सरकार ने आर्थिक सर्वेक्षण 2016-17 पेश किया. सर्वे में देश के हर नागरिकों को हर महीने एक तयशुदा आमदनी सुनिश्चित करने के लिए यूनिवर्सल बेसिक इनकम स्कीम लागू करने की सिफारिश की गई है. सरकार का मानना है कि इससे गरीबी हटाने में मदद मिलेगी. नीति आयोग का जहां कहना है कि देश के पास गरीबों की आमदनी बढ़ाने की परियोजना चलाने के लिए जरूरी वित्तीय संसाधन नहीं हैं. वहीं, सरकार के वित्त वर्ष 2016-17 के आर्थिक सर्वेक्षण में गरीबी हटाने के लिए चलाई जा रही विभिन्न सामाजिक कल्याण योजनाओं की जगह पर एक सार्वभौमिक बुनियादी आय (यूनिवर्सल बेसिक इनकम) योजना चलाने की वकालत की गई है.
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