Sc St Prevention Of Atrocities Act
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आरक्षण नीति पर पुनर्विचार की जरूरत : न्यायमूर्ति पंकज मिथल
- Thursday August 1, 2024
- Reported by: भाषा
न्यायमूर्ति मिथल ने कहा कि संवैधानिक व्यवस्था में कोई जाति व्यवस्था नहीं है और देश जातिविहीन समाज की ओर बढ़ चुका है, सिवाय दलित, पिछड़े या अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को आरक्षण देने के सीमित उद्देश्यों को छोड़कर.
- ndtv.in
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यूपी: दलित महिलाओं को मंदिर में घुसने से रोकने का VIDEO हुआ वायरल, मामला हुआ दर्ज
- Thursday October 31, 2019
- Reported by: आलोक पांडे, Edited by: आरिफ खान मंसूरी
वीडियो में सुना जा सकता है कि महिलाएं कह रही हैं कि उन्हें पूजा करने का अधिकार है और जब तक उन्हें पूजा नहीं करने दी जाएगी, वे मंदिर से नहीं जाएंगी. इसके बाद वह युवक उंगुली उठाकर कहता है, 'आराम से बात कर'. इस पर एक महिला ने कहा कि "अगर हमें मारना चाहते हैं, तो मारो. लेकिन हम यहां बैठेंगे. हम यहीं रहेंगे.' एक अन्य महिला ने कहा, "तुम हमें मार क्यों नहीं देते? हम यहीं मरेंगे. लाठियां लाओ. हम यहां बैठे रहेंगे. हम नहीं जाएंगे. पूरे गांव को ले आओ.'
- ndtv.in
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SC/ST Act पर सुमित्रा महाजन: बच्चों को दी जा चुकी चॉकलेट समझा-बुझाकर ही वापस ली जा सकती है
- Friday September 7, 2018
- भाषा
अनुसूचित जाति-जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम (SC/ST Act ) में संशोधनों पर अनारक्षित समुदाय के आक्रोश के बीच लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने गुरुवार को कहा कि इन कानूनी बदलावों को लेकर राजनीति नहीं की जा सकती और सभी सियासी दलों को इस विषय में मिलकर विचार-विमर्श करना चाहिये. लोकसभा अध्यक्ष ने इस कानून में संशोधनों का जिक्र करते हुए यहां भाजपा के व्यापारी प्रकोष्ठ के कार्यक्रम में कहा, "सभी राजनीतिक दलों को इस विषय में मिलकर विचार-विमर्श करना चाहिये. इस मुद्दे पर राजनीति नहीं की जा सकती, क्योंकि कानून का मूल स्वरूप बरकरार रखने के लिये संसद में सभी पार्टियों ने मतदान किया था."
- ndtv.in
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SC/ST एक्ट के प्रावधानों में बदलाव पर लोजपा ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की याचिका
- Monday March 26, 2018
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक
SC/ST एक्ट के प्रावधानों में बदलाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने पुनर्विचार यचिका दाखिल की है. याचिका में कहा गया है कि मामले को बड़ी पीठ के समक्ष भेजा जाए. साथ ही इस मामले में उन्हें पक्षकार बनाया जाए.
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आरक्षण नीति पर पुनर्विचार की जरूरत : न्यायमूर्ति पंकज मिथल
- Thursday August 1, 2024
- Reported by: भाषा
न्यायमूर्ति मिथल ने कहा कि संवैधानिक व्यवस्था में कोई जाति व्यवस्था नहीं है और देश जातिविहीन समाज की ओर बढ़ चुका है, सिवाय दलित, पिछड़े या अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को आरक्षण देने के सीमित उद्देश्यों को छोड़कर.
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यूपी: दलित महिलाओं को मंदिर में घुसने से रोकने का VIDEO हुआ वायरल, मामला हुआ दर्ज
- Thursday October 31, 2019
- Reported by: आलोक पांडे, Edited by: आरिफ खान मंसूरी
वीडियो में सुना जा सकता है कि महिलाएं कह रही हैं कि उन्हें पूजा करने का अधिकार है और जब तक उन्हें पूजा नहीं करने दी जाएगी, वे मंदिर से नहीं जाएंगी. इसके बाद वह युवक उंगुली उठाकर कहता है, 'आराम से बात कर'. इस पर एक महिला ने कहा कि "अगर हमें मारना चाहते हैं, तो मारो. लेकिन हम यहां बैठेंगे. हम यहीं रहेंगे.' एक अन्य महिला ने कहा, "तुम हमें मार क्यों नहीं देते? हम यहीं मरेंगे. लाठियां लाओ. हम यहां बैठे रहेंगे. हम नहीं जाएंगे. पूरे गांव को ले आओ.'
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SC/ST Act पर सुमित्रा महाजन: बच्चों को दी जा चुकी चॉकलेट समझा-बुझाकर ही वापस ली जा सकती है
- Friday September 7, 2018
- भाषा
अनुसूचित जाति-जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम (SC/ST Act ) में संशोधनों पर अनारक्षित समुदाय के आक्रोश के बीच लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने गुरुवार को कहा कि इन कानूनी बदलावों को लेकर राजनीति नहीं की जा सकती और सभी सियासी दलों को इस विषय में मिलकर विचार-विमर्श करना चाहिये. लोकसभा अध्यक्ष ने इस कानून में संशोधनों का जिक्र करते हुए यहां भाजपा के व्यापारी प्रकोष्ठ के कार्यक्रम में कहा, "सभी राजनीतिक दलों को इस विषय में मिलकर विचार-विमर्श करना चाहिये. इस मुद्दे पर राजनीति नहीं की जा सकती, क्योंकि कानून का मूल स्वरूप बरकरार रखने के लिये संसद में सभी पार्टियों ने मतदान किया था."
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SC/ST एक्ट के प्रावधानों में बदलाव पर लोजपा ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की याचिका
- Monday March 26, 2018
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक
SC/ST एक्ट के प्रावधानों में बदलाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने पुनर्विचार यचिका दाखिल की है. याचिका में कहा गया है कि मामले को बड़ी पीठ के समक्ष भेजा जाए. साथ ही इस मामले में उन्हें पक्षकार बनाया जाए.
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