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Rani Padmawati

'Rani Padmawati' - 3 News Result(s)
  • संजय भंसाली पर हमला करने वालों ने अब चित्तौड़गढ़ किले में की तोड़फोड़, महल के आईने तोड़े

    संजय भंसाली पर हमला करने वालों ने अब चित्तौड़गढ़ किले में की तोड़फोड़, महल के आईने तोड़े

    राजस्थान के 13वीं शताब्दी के चित्तौड़गढ़ किले में रविवार की रात करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने तोड़फोड़ की और रानी पद्मिनी महल के शीशे तोड़ डाले.

  • रानी पद्मावती (पद्मिनी) पर पिछले साल राजस्थान सरकार के इस ट्वीट पर हुआ था हंगामा

    रानी पद्मावती (पद्मिनी) पर पिछले साल राजस्थान सरकार के इस ट्वीट पर हुआ था हंगामा

    पिछले साल में प्रदेश में बीजेपी सरकार के पर्यटन मंत्रालय (Rajasthan Tourism Department) ने अपने ट्वीट में चितौड़ की इन्हीं रानी पद्मिनी (पद्मावती) को आक्रमणकारी अलाउद्दीन खिलजी की प्रेमिका बताकर एक बड़े विवाद को जन्म दे दिया था. इस बार भी संजय लीला भंसाली भी कुछ ऐसा ही दृश्य फिल्मा रहे थे जिसे लेकर करणी सेना के लोगों ने हंगामा किया है.

  • आखिर संजय लीला भंसाली से क्यों हुई मारपीट, पढ़ें - रानी पद्मिनी (पद्मावती) की पूरी कहानी

    आखिर संजय लीला भंसाली से क्यों हुई मारपीट, पढ़ें - रानी पद्मिनी (पद्मावती) की पूरी कहानी

    शुक्रवार को रानी पद्मावती पर एक फिल्म बना रहे बॉलीवुड निर्देशक संजय लीला भंसाली को करणी सेना के कार्यकर्ताओं में से एक ने थप्पड़ मार दिया. करणी सेना के लोगों का आरोप है कि भंसाली अपनी फिल्म में रानी पद्ममिनी (पद्मावती) के जीवन से जुड़े तथ्यों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. आखिर क्या है रानी पद्मावती की कहानी. रानी पद्मिनी के जीवन को आज राजस्थान में पढ़ाया जाता है, गौरव बताया जाता है और देश दुनिया से आने वाले पर्यटकों को चित्तौड़गढ़ के किले में वह स्थान दिखाए, बताए और समझाए जाते हैं जहां पर सुल्तान खिलजी ने उन्हें देखा था. 12वीं और 13वीं सदी में दिल्ली पर सल्तनत का राज था. विस्तारवादी नीति के तहत सुल्तान ने अपनी शक्ति बढ़ाने के लिए मेवाड़ पर कई आक्रमण किए. इन आक्रमणों में से एक आक्रमण अलाउदीन खिलजी ने सुंदर रानी पद्मिनी (Padmini or Padmavati) को पाने के लिए किया था. ये कहानी अलाउदीन के इतिहासकारों ने किताबो में लिखी थी ताकि वो राजपूत प्रदेशों पर आक्रमण को सिद्ध कर सके. कुछ इतिहासकार इस कहानी को गलत बताते हैं. उनका कहना है कि ये कहानी मुस्लिमों ने राजपूतों को उकसाने के लिए लिखी थी.

'Rani Padmawati' - 3 News Result(s)
  • संजय भंसाली पर हमला करने वालों ने अब चित्तौड़गढ़ किले में की तोड़फोड़, महल के आईने तोड़े

    संजय भंसाली पर हमला करने वालों ने अब चित्तौड़गढ़ किले में की तोड़फोड़, महल के आईने तोड़े

    राजस्थान के 13वीं शताब्दी के चित्तौड़गढ़ किले में रविवार की रात करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने तोड़फोड़ की और रानी पद्मिनी महल के शीशे तोड़ डाले.

  • रानी पद्मावती (पद्मिनी) पर पिछले साल राजस्थान सरकार के इस ट्वीट पर हुआ था हंगामा

    रानी पद्मावती (पद्मिनी) पर पिछले साल राजस्थान सरकार के इस ट्वीट पर हुआ था हंगामा

    पिछले साल में प्रदेश में बीजेपी सरकार के पर्यटन मंत्रालय (Rajasthan Tourism Department) ने अपने ट्वीट में चितौड़ की इन्हीं रानी पद्मिनी (पद्मावती) को आक्रमणकारी अलाउद्दीन खिलजी की प्रेमिका बताकर एक बड़े विवाद को जन्म दे दिया था. इस बार भी संजय लीला भंसाली भी कुछ ऐसा ही दृश्य फिल्मा रहे थे जिसे लेकर करणी सेना के लोगों ने हंगामा किया है.

  • आखिर संजय लीला भंसाली से क्यों हुई मारपीट, पढ़ें - रानी पद्मिनी (पद्मावती) की पूरी कहानी

    आखिर संजय लीला भंसाली से क्यों हुई मारपीट, पढ़ें - रानी पद्मिनी (पद्मावती) की पूरी कहानी

    शुक्रवार को रानी पद्मावती पर एक फिल्म बना रहे बॉलीवुड निर्देशक संजय लीला भंसाली को करणी सेना के कार्यकर्ताओं में से एक ने थप्पड़ मार दिया. करणी सेना के लोगों का आरोप है कि भंसाली अपनी फिल्म में रानी पद्ममिनी (पद्मावती) के जीवन से जुड़े तथ्यों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. आखिर क्या है रानी पद्मावती की कहानी. रानी पद्मिनी के जीवन को आज राजस्थान में पढ़ाया जाता है, गौरव बताया जाता है और देश दुनिया से आने वाले पर्यटकों को चित्तौड़गढ़ के किले में वह स्थान दिखाए, बताए और समझाए जाते हैं जहां पर सुल्तान खिलजी ने उन्हें देखा था. 12वीं और 13वीं सदी में दिल्ली पर सल्तनत का राज था. विस्तारवादी नीति के तहत सुल्तान ने अपनी शक्ति बढ़ाने के लिए मेवाड़ पर कई आक्रमण किए. इन आक्रमणों में से एक आक्रमण अलाउदीन खिलजी ने सुंदर रानी पद्मिनी (Padmini or Padmavati) को पाने के लिए किया था. ये कहानी अलाउदीन के इतिहासकारों ने किताबो में लिखी थी ताकि वो राजपूत प्रदेशों पर आक्रमण को सिद्ध कर सके. कुछ इतिहासकार इस कहानी को गलत बताते हैं. उनका कहना है कि ये कहानी मुस्लिमों ने राजपूतों को उकसाने के लिए लिखी थी.