Ramdhari Singh Dinkar Poetry
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जब नाश मनुज पर छाता है,पहले विवेक मर जाता है...पढ़िए 'दिनकर' की पूरी कविता
- Monday May 12, 2025
- Written by: प्रिया गुप्ता
Ramdhari Dinkar Poem: सोमवार को भारतीय सशस्त्र बलों ने मध्यकाल के भक्त कवि तुलसीदास और राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की काव्य पंक्तियों का सहारा लेते हुए पड़ोसी देश को कड़ा एवं सटीक संदेश दिया कि ‘भय की बिना प्रीति नहीं हो सकती’ और ‘विवेक के मरने पर मुनष्य का नाश तय है.
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Ramdhari Singh Dinkar Poem: रामधारी सिंह दिनकर की पढ़िए 'जला अस्थियाँ बारी-बारी चिटकाई जिनमें चिंगारी'
- Friday May 9, 2025
- Written by: प्रिया गुप्ता
Ramdhari Singh Dinkar Poem: राष्ट्रीय कवि से प्रख्यात रामधारी सिंह के साहित्य में योगदान को शब्दों से नहीं बताया जा सकता. अब पढ़िए दिलों में जोश भरने वाली उनका शानदार रचना.
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Ramdhari Singh Dinkar Poem: रात यों कहने लगा मुझसे गगन का चांद...दिल छू लेगी 'दिनकर' की ये कविता
- Saturday May 3, 2025
- Written by: प्रिया गुप्ता
दिनकर की कविताएं साहस, देशभक्ति और सामाजिक चेतना से भरी होती हैं, जो आज भी युवाओं को प्रेरित करती हैं. आज उनकी रचनाओं में से पेश है 'रात यों कहने लगा मुझसे गगन का चाँद' जो आपकों बेहद पसंद आएगी.
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- Monday May 12, 2025
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