पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नागपुर में RSS मुख्यालय के कार्यक्रम में राष्ट्र, राष्ट्रवाद और देशभक्ति की सीख दी. उन्होंने कहा कि भारत की संविधान में आस्था ही असली देशभक्ति है. विविधता हमारी सबसे बड़ी ताक़त है. हम विविधता में एकता को देखते हैं, हम सबकी एक ही पहचान है भारतीयता. धर्म और क्षेत्र के आधार पर राष्ट्र की पहचान नहीं हो सकती.