Petitioner Death
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न्यायालय ने भूमि विवाद की याचिका स्वीकार की, लेकिन उससे पहले ही 108 वर्षीय याची की मौत
- Thursday July 22, 2021
- Reported by: भाषा
भूमि विवाद को लेकर वर्ष 1968 में दाखिल वाद और 27 साल तक बंबई उच्च न्यायालय में लंबित रहने के बाद मामला खारिज करने के फैसले के खिलाफ अपील उच्चतम न्यायालय ने स्वीकार कर ली लेकिन इस पल को देखने के लिए 108 वर्षीय वादी जिंदा नहीं रहा.
- ndtv.in
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जज लोया की मौत की जांच नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को लगाई कड़ी फटकार, फैसले की 10 बातें
- Thursday April 19, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
सीबीआई जज बीएच लोया की मौत मामले में एसआईटी जांच वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया. याचिकाकर्ताओं को कड़ी फटकार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एसआईटी जांच वाली याचिका में कोई दम नहीं है. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड की बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि ऐसी याचिकाओं के लिए कोर्ट के पास समय नहीं है. इससे कोर्ट का वक्त बर्बाद होता है.
- ndtv.in
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जज लोया मामला: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने की SIT जांच की मांग
- Friday February 9, 2018
- Reported by: आशीष कुमार भार्गव
सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को जज बीएच लोया की मौत की स्वतंत्र जांच वाली याचिका पर सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार ने जनहित याचिका को 'मोटिवेटेड' है. सुनावाई के दौरान मुकुल रोहतगी ने कहा कि जब चार जजों ने बयान दे दिए हैं तो या तो कोर्ट उन पर भरोसा करे या फिर कहे कि वो झूठ बोल रहे हैं.
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न्यायालय ने भूमि विवाद की याचिका स्वीकार की, लेकिन उससे पहले ही 108 वर्षीय याची की मौत
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भूमि विवाद को लेकर वर्ष 1968 में दाखिल वाद और 27 साल तक बंबई उच्च न्यायालय में लंबित रहने के बाद मामला खारिज करने के फैसले के खिलाफ अपील उच्चतम न्यायालय ने स्वीकार कर ली लेकिन इस पल को देखने के लिए 108 वर्षीय वादी जिंदा नहीं रहा.
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सीबीआई जज बीएच लोया की मौत मामले में एसआईटी जांच वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया. याचिकाकर्ताओं को कड़ी फटकार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एसआईटी जांच वाली याचिका में कोई दम नहीं है. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड की बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि ऐसी याचिकाओं के लिए कोर्ट के पास समय नहीं है. इससे कोर्ट का वक्त बर्बाद होता है.
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सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को जज बीएच लोया की मौत की स्वतंत्र जांच वाली याचिका पर सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार ने जनहित याचिका को 'मोटिवेटेड' है. सुनावाई के दौरान मुकुल रोहतगी ने कहा कि जब चार जजों ने बयान दे दिए हैं तो या तो कोर्ट उन पर भरोसा करे या फिर कहे कि वो झूठ बोल रहे हैं.
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