Narayan Sakar Bhole Baba
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हाथरस भगदड़ के बाद भी बाबा भोले के जन्मदिन पर मैनपुरी आश्रम पहुंच रहे हजारों श्रद्धालु, पुलिस ने लौटाया वापस
- Sunday July 14, 2024
भोले बाबा के मैनपुरी आश्रम में रविवार सुबह से ही भक्तों की भीड़ लगी रही. दूर-दूर से बाबा के भक्त आश्रम पहुंचते रहे. हालांकि पुलिस ने पुलिस बैरियर लगाकर भक्तों को रोका और उन्हें आगे आश्रम तक नहीं जाने दिया.
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121 लोगों की मौत के बाद भी यह कैसा मायाजाल? आश्रम के बाहर भोले बाबा के भक्त टेक रहे माथा
- Friday July 5, 2024
हाथरस (Hathras) में हुए सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लगों की मौत की घटना के बाद हरिनारायण साकार उर्फ भोले बाबा (Bhole Baba) फरार है. पुलिस उसको तलाश रही है. हाथरस में भोले बाबा के चरणों की धूल उठाने के लिए मची प्रतिस्पर्धा के दौरान मची भगदड़ से बड़ी संख्या में मौतें हुईं. इस घटना को लेकर भले ही देश भर में भोले बाबा को कोसा जा रहा हो, लेकिन इसके बावजूद मैनपुरी (Mainpuri) में उनके आश्रम के गेट पर लोग माथा टेकते हुए नजर आ रहे हैं.
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तीन चक्र की सुरक्षा, छूना भी मना, दलित ऐंगल... बाबा के 10 रहस्य
- Friday July 5, 2024
हाथरस में जिस 'भोले बाबा' के कार्यक्रम में 121 लोगों ने भगदड़ में जान गंवा दी, उस भोले बाबा के देश में कई आश्रम हैं. स्वयंभू बाबा भोले नाथ उर्फ़ नारायण हरि साकार उर्फ़ सूरजपाल का मैनपुरी, कानपुर, नोएडा और ग्वालियर में आश्रम हैं. इन आश्रमों में रहने वाले बाबा को इंसान नहीं बल्कि परमात्मा मानते हैं.
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भोले बाबा के दौसा आश्रम में होता था VVIP का जमावड़ा, ज्यादातर महिलाएं ही होती थीं सेवादार
- Thursday July 4, 2024
राजस्थान के दौसा में भोले बाबा (Bhole Baba) यानी नारायण साकार हरि के आश्रम के आसपास के लोगों ने उस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने बताया कि भोले बाबा रसूखदार व्यक्ति है. उसके दौसा आश्रम पर वीवीआईपी लोगों का आना-जाना होता था. जब यहां दरबार लगता था तब कॉलोनी के वाशिंदे कॉलोनी में आने के लिए अपना आई कार्ड बाबा के निजी सुरक्षा गार्ड्स को दिखाकर ही आ पाते थे. साथ ही बाबा भोले के सेवादारों में अधिकांश महिलाएं हुआ करती थीं.
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हाथरस वाले 'भोले बाबा' की फरारी की कहानी, भक्तों का 'भगवान' आखिर है कहां?
- Thursday July 4, 2024
जादुई पानी भर से भक्तों के दुख हर लेने का दावा करने वाला भोले बाबा (Bhole Baba) आखिर है कहां? उसके 121 भक्तों की जान चली गई और बाबा का अब तक कुछ अता पता ही नहीं.
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हाथरस हादसे की FIR में बाबा का नाम क्यों नहीं? कौन दे रहा संरक्षण
- Wednesday July 3, 2024
भोले बाबा अपने समागम में दावा करते हैं कि 18 साल की नौकरी के बाद उन्होंने 90 के दशक में VRS ले लिया था. उसके बाद उन्हें भगवान के दर्शन हुए. भगवान की इच्छा पर ही वो सत्संग में लोगों को मानवता का प्रवचन देते हैं. हालांकि, उनके दावे झूठे हैं.
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हाथरस हादसा : कौन होते हैं सेवादार? जिनके नाम पर इन बाबाओं ने बना लीं फौजें
- Wednesday July 3, 2024
उत्तर प्रदेश के हाथरस (Hathras) जिले के फुलरई गांव में मंगलवार को नारायण साकार विश्व हरि यानी ‘भोले बाबा’ के सत्संग में उनके लाखों अनुयायी पहुंचे. सत्संग समाप्त होने के बाद जब भोले बाबा वहां से जा रहा था तो उसे देखने और उसके चरणों की धूल छूने के लिए लोग टूट पड़े. बाबा के सेवादारों ने लोगों को धक्के मारे जिससे भगदड़ मच गई. इस भगदड़ के दौरान कुचलने से 121 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए. इस घटना से प्रशासन की व्यवस्थाओं पर बाबा के सेवादारों के रवैये पर सवाल उठ रहे हैं. बताया जा रहा है कि सेवादारों के लोगों को धक्के मारने से ही यह भीषण त्रासदी हुई. यह सेवादार होते कौन हैं?
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बाबा की फरारी की कहानी : हादसे के बाद 4 घंटे में 4 लोगों से की बात, फिर बंद किया फोन
- Wednesday July 3, 2024
हादसे के 24 घंटे बाद भोले बाबा का पहला बयान आया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के वकील एपी सिंह के जरिए लिखित बयान जारी किया. इसमें लिखा गया- "समागम से मेरे निकलने के बाद हादसा हुआ. असामाजिक तत्वों ने भगदड़ मचाई है. इन लोगों के खिलाफ लीगल एक्शन लूंगा. घायलों के स्वस्थ होने की कामना करता हूं."
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121 लाशें, कई सवाल : मौत के इस 'सत्संग' पर आखिर कौन देगा जवाब?
- Tuesday July 9, 2024
- Suryakant Pathak
भीड़ में विवेक नहीं होता... भीड़ भेड़ चाल में चलती है... यदि भीड़ को सुव्यवस्थित तरीके से नियंत्रित न किया जाए तो उसके अनुशासन तोड़ने में भी देर नहीं लगती. हाथरस (Hathras) में भीड़ के बेकाबू होने से बड़ा हादसा हुआ. इस तरह की घटना पहली बार नहीं हुई. ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति चिंता में डालने वाली है. देश में खास तौर पर धार्मिक आयोजनों में इस तरह की दुर्घटनाएं होती रही हैं लेकिन इन्हें रोकने के लिए अब तक कोई मैकेनिज्म विकसित नहीं हो सका है. यदि कोई व्यवस्था है भी तो, उसको लेकर प्रशासनिक प्रतिबद्धता के बजाय लापरवाही, सैकड़ों लोगों की मौत का कारण बनती है.
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Hathras Stampede: बाबाओं के सेवादारों के सामने क्यों बेबस है प्रशासन?
- Wednesday July 3, 2024
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ बुधवार को पीड़ितों से मिलने के लिए पहुंचे. बाद में मीडिया से बात करते हुए सीएम योगी ने सेवादारों को घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया.
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हाथरस वाले 'बाबा' पर लगे हैं यौन शोषण के आरोप, पुलिस की नौकरी से किया गया था बर्खास्त
- Wednesday July 3, 2024
नारायण सरकार विश्वास हरि ऊर्फ भोले बाबा का असली नाम सूरजपाल सिंह है. वह कासगंज जिले के बहादुर नगर गांव का रहने वाले हैं.दलित परिवार से आने वाले 58 साल के सूरजपाल सिंह के तीन भाई थे. उसके सबसे बड़े भाई की मौत हो चुकी है.छोटे भाई राकेश अभी भी गांव में ही रहते हैं.
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कोरोना में भी कारनामा कर चुके हैं ये बाबा, भीड़ का VIDEO देख सिर चकरा जाएगा
- Wednesday July 3, 2024
2021 में कोरोना के वक्त भोले बाबा ने एक सत्संग का आयोजन किया था, जिसमें 50 हजार से भी अधिक लोग शामिल हुए थे, जब्कि सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देश के मुताबिक उस वक्त किसी भी समारोह में केवल 50 लोगों को ही शामिल होने की इजाजत प्राप्त थी.
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20 साल से सूरज पाल नहीं आए, लेकिन भक्त आज भी टेकते हैं 'बाबा की कुटिया' पर मत्था
- Wednesday July 3, 2024
उत्तर प्रदेश के आगरा में भोले बाबा उर्फ सूरज पाल के घर के बाहर आज भी लोग मत्था टेकते हैं. आज भी लोग घर के बाहर सफाई करते हैं. खास बात यह है कि इस घर में बाबा कभी रहा करते थे, लेकिन करीब 18-20 साल से घर पर ताला लगा हुआ है.
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हाथरस हादसा : बाबा के कमरे में बस लड़कियों की एंट्री! सफेद सूट वाले नारायण साकार के कई राज!
- Wednesday July 3, 2024
Hathras Stampede: नारायण साकार ने एक आम शख्स से स्वयंभू बाबा तक का सफर बहुत कम समय में पूरा कर लिया. वह मूल रूप से जनपद कासगंज के तहसील पटियाली के गांव बहादुर नगर के रहने वाले हैं. बाबा के पिता एक किसान थे. गांव में ही बाबा ने अपनी पढ़ाई पूरी की थी.
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हाथरस भगदड़ के बाद भी बाबा भोले के जन्मदिन पर मैनपुरी आश्रम पहुंच रहे हजारों श्रद्धालु, पुलिस ने लौटाया वापस
- Sunday July 14, 2024
भोले बाबा के मैनपुरी आश्रम में रविवार सुबह से ही भक्तों की भीड़ लगी रही. दूर-दूर से बाबा के भक्त आश्रम पहुंचते रहे. हालांकि पुलिस ने पुलिस बैरियर लगाकर भक्तों को रोका और उन्हें आगे आश्रम तक नहीं जाने दिया.
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- Friday July 5, 2024
हाथरस (Hathras) में हुए सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लगों की मौत की घटना के बाद हरिनारायण साकार उर्फ भोले बाबा (Bhole Baba) फरार है. पुलिस उसको तलाश रही है. हाथरस में भोले बाबा के चरणों की धूल उठाने के लिए मची प्रतिस्पर्धा के दौरान मची भगदड़ से बड़ी संख्या में मौतें हुईं. इस घटना को लेकर भले ही देश भर में भोले बाबा को कोसा जा रहा हो, लेकिन इसके बावजूद मैनपुरी (Mainpuri) में उनके आश्रम के गेट पर लोग माथा टेकते हुए नजर आ रहे हैं.
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तीन चक्र की सुरक्षा, छूना भी मना, दलित ऐंगल... बाबा के 10 रहस्य
- Friday July 5, 2024
हाथरस में जिस 'भोले बाबा' के कार्यक्रम में 121 लोगों ने भगदड़ में जान गंवा दी, उस भोले बाबा के देश में कई आश्रम हैं. स्वयंभू बाबा भोले नाथ उर्फ़ नारायण हरि साकार उर्फ़ सूरजपाल का मैनपुरी, कानपुर, नोएडा और ग्वालियर में आश्रम हैं. इन आश्रमों में रहने वाले बाबा को इंसान नहीं बल्कि परमात्मा मानते हैं.
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भोले बाबा के दौसा आश्रम में होता था VVIP का जमावड़ा, ज्यादातर महिलाएं ही होती थीं सेवादार
- Thursday July 4, 2024
राजस्थान के दौसा में भोले बाबा (Bhole Baba) यानी नारायण साकार हरि के आश्रम के आसपास के लोगों ने उस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने बताया कि भोले बाबा रसूखदार व्यक्ति है. उसके दौसा आश्रम पर वीवीआईपी लोगों का आना-जाना होता था. जब यहां दरबार लगता था तब कॉलोनी के वाशिंदे कॉलोनी में आने के लिए अपना आई कार्ड बाबा के निजी सुरक्षा गार्ड्स को दिखाकर ही आ पाते थे. साथ ही बाबा भोले के सेवादारों में अधिकांश महिलाएं हुआ करती थीं.
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हाथरस वाले 'भोले बाबा' की फरारी की कहानी, भक्तों का 'भगवान' आखिर है कहां?
- Thursday July 4, 2024
जादुई पानी भर से भक्तों के दुख हर लेने का दावा करने वाला भोले बाबा (Bhole Baba) आखिर है कहां? उसके 121 भक्तों की जान चली गई और बाबा का अब तक कुछ अता पता ही नहीं.
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हाथरस हादसे की FIR में बाबा का नाम क्यों नहीं? कौन दे रहा संरक्षण
- Wednesday July 3, 2024
भोले बाबा अपने समागम में दावा करते हैं कि 18 साल की नौकरी के बाद उन्होंने 90 के दशक में VRS ले लिया था. उसके बाद उन्हें भगवान के दर्शन हुए. भगवान की इच्छा पर ही वो सत्संग में लोगों को मानवता का प्रवचन देते हैं. हालांकि, उनके दावे झूठे हैं.
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हाथरस हादसा : कौन होते हैं सेवादार? जिनके नाम पर इन बाबाओं ने बना लीं फौजें
- Wednesday July 3, 2024
उत्तर प्रदेश के हाथरस (Hathras) जिले के फुलरई गांव में मंगलवार को नारायण साकार विश्व हरि यानी ‘भोले बाबा’ के सत्संग में उनके लाखों अनुयायी पहुंचे. सत्संग समाप्त होने के बाद जब भोले बाबा वहां से जा रहा था तो उसे देखने और उसके चरणों की धूल छूने के लिए लोग टूट पड़े. बाबा के सेवादारों ने लोगों को धक्के मारे जिससे भगदड़ मच गई. इस भगदड़ के दौरान कुचलने से 121 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए. इस घटना से प्रशासन की व्यवस्थाओं पर बाबा के सेवादारों के रवैये पर सवाल उठ रहे हैं. बताया जा रहा है कि सेवादारों के लोगों को धक्के मारने से ही यह भीषण त्रासदी हुई. यह सेवादार होते कौन हैं?
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बाबा की फरारी की कहानी : हादसे के बाद 4 घंटे में 4 लोगों से की बात, फिर बंद किया फोन
- Wednesday July 3, 2024
हादसे के 24 घंटे बाद भोले बाबा का पहला बयान आया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के वकील एपी सिंह के जरिए लिखित बयान जारी किया. इसमें लिखा गया- "समागम से मेरे निकलने के बाद हादसा हुआ. असामाजिक तत्वों ने भगदड़ मचाई है. इन लोगों के खिलाफ लीगल एक्शन लूंगा. घायलों के स्वस्थ होने की कामना करता हूं."
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121 लाशें, कई सवाल : मौत के इस 'सत्संग' पर आखिर कौन देगा जवाब?
- Tuesday July 9, 2024
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भीड़ में विवेक नहीं होता... भीड़ भेड़ चाल में चलती है... यदि भीड़ को सुव्यवस्थित तरीके से नियंत्रित न किया जाए तो उसके अनुशासन तोड़ने में भी देर नहीं लगती. हाथरस (Hathras) में भीड़ के बेकाबू होने से बड़ा हादसा हुआ. इस तरह की घटना पहली बार नहीं हुई. ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति चिंता में डालने वाली है. देश में खास तौर पर धार्मिक आयोजनों में इस तरह की दुर्घटनाएं होती रही हैं लेकिन इन्हें रोकने के लिए अब तक कोई मैकेनिज्म विकसित नहीं हो सका है. यदि कोई व्यवस्था है भी तो, उसको लेकर प्रशासनिक प्रतिबद्धता के बजाय लापरवाही, सैकड़ों लोगों की मौत का कारण बनती है.
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Hathras Stampede: बाबाओं के सेवादारों के सामने क्यों बेबस है प्रशासन?
- Wednesday July 3, 2024
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ बुधवार को पीड़ितों से मिलने के लिए पहुंचे. बाद में मीडिया से बात करते हुए सीएम योगी ने सेवादारों को घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया.
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- Wednesday July 3, 2024
नारायण सरकार विश्वास हरि ऊर्फ भोले बाबा का असली नाम सूरजपाल सिंह है. वह कासगंज जिले के बहादुर नगर गांव का रहने वाले हैं.दलित परिवार से आने वाले 58 साल के सूरजपाल सिंह के तीन भाई थे. उसके सबसे बड़े भाई की मौत हो चुकी है.छोटे भाई राकेश अभी भी गांव में ही रहते हैं.
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कोरोना में भी कारनामा कर चुके हैं ये बाबा, भीड़ का VIDEO देख सिर चकरा जाएगा
- Wednesday July 3, 2024
2021 में कोरोना के वक्त भोले बाबा ने एक सत्संग का आयोजन किया था, जिसमें 50 हजार से भी अधिक लोग शामिल हुए थे, जब्कि सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देश के मुताबिक उस वक्त किसी भी समारोह में केवल 50 लोगों को ही शामिल होने की इजाजत प्राप्त थी.
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20 साल से सूरज पाल नहीं आए, लेकिन भक्त आज भी टेकते हैं 'बाबा की कुटिया' पर मत्था
- Wednesday July 3, 2024
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हाथरस हादसा : बाबा के कमरे में बस लड़कियों की एंट्री! सफेद सूट वाले नारायण साकार के कई राज!
- Wednesday July 3, 2024
Hathras Stampede: नारायण साकार ने एक आम शख्स से स्वयंभू बाबा तक का सफर बहुत कम समय में पूरा कर लिया. वह मूल रूप से जनपद कासगंज के तहसील पटियाली के गांव बहादुर नगर के रहने वाले हैं. बाबा के पिता एक किसान थे. गांव में ही बाबा ने अपनी पढ़ाई पूरी की थी.
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