File Facts | Reported by: आशीष भार्गव |मंगलवार जनवरी 29, 2019 11:54 AM IST केंद्र ने अयोध्या में विवादास्पद राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद स्थल के पास अधिग्रहण की गई 67 एकड़ जमीन को उसके मूल मालिकों को लौटाने की अनुमति मांगने के लिये न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है. लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार की यह कोशिश एक चुनावी दांव के तौर पर देखा जा रहा है. बीजेपी महासचिव राम माधव ने मोदी सरकार के इस कदम को 'बहुप्रतीक्षित' बताया है. वहीं विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है. विहिप ने कहा कि यह सही दिशा में उठाया गया कदम है. वहीं सुप्रीम कोर्ट में बार-बार सुनवाई टलने के मुद्दे पर केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने सोमवार को कहा था कि अयोध्या ममाला जो करीब 70 सालों से लंबित है, उसकी जल्द सुनवाई होनी चाहिए क्योंकि देश के लोग वहां एक भव्य राम मंदिर का निर्माण होने की उम्मीद कर रहे हैं, जहां कभी बाबरी मस्जिद हुआ करती थी. प्रसाद ने कहा, "अयोध्या मामला पिछले 70 सालों से लंबित है. (2010 में) इलाहाबाद उच्च न्यायालय का आदेश मंदिर के पक्ष में था, लेकिन अब यह मामला सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है. इस मामले का जल्द निपटारा होना चाहिए." फिलहाल अब देखने वाली बात यह कोर्ट सरकार की ओर से दायर इस याचिका पर क्या कहता है.