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Manprit

'Manprit' - 5 News Result(s)
  • क्या सुरक्षा बलों के हालात बदलेगा तेजबहादुर का वीडियो...

    क्या सुरक्षा बलों के हालात बदलेगा तेजबहादुर का वीडियो...

    तेजबहादुर एक बीएसएफ जवान! जो आवाज उठा रहे हैं! और वो मांग रहे हैं! जिस पर उनका हक है. हम सबको वीडियो दिख रहा है दर्द दिख रहा है पर कर कुछ नहीं पा रहे. वो नमक हल्दी की दाल उनके बहुत से साथी भी खाते होंगे, जली हुई रोटी का स्वाद कभी न भुलाते होंगे पर आवाज उठाने की हिम्मत केवल तेजबहादुर ही कर पाए. न जाने कितने डर कैसी समस्याएं जो उनके सामने आने वाली हैं उन सबको भूल यह वीडियो जारी किया होगा.

  • हां मैं एक शॉपॉहॉलिक हूं, पर आज शापिंग न कर पाई!

    हां मैं एक शॉपॉहॉलिक हूं, पर आज शापिंग न कर पाई!

    मॉल के एक कोने से दूसरे कोने तक सारी दुकानें ढूंढ लीं पर मैं निराश ही हुई! अब इतने अच्छे ऑफरों के बावजूद भी मेरी इच्छा कुछ भी न खरीदने की तरफ तेजी से बढ़ रही थीं. ऐसी हालत देख लगा मैं भी बचत की तरफ ध्यान दूं तो ज्यादा बेहतर है.

  • सरकार जी, एक बेहतर कल चाहते हैं हम!

    सरकार जी, एक बेहतर कल चाहते हैं हम!

    नोटबंदी की हर दिन बदलती ख़बरों में आज यह जान पड़ रहा है कि जीवन में अगर बिन बताए खलबली आ जाए तो तकलीफ़ तो होती है. रोज़ के बदलाव करते वक़्त सरकार को कैसा लगता होगा? यह एहसास हो रहा होगा कि कुछ ग़लत हुआ है? या फिर ठीक तरीक़े से लागू नहीं कर पाए.

  • बक्से की दुनिया...और अच्छे जीव का डरावना राक्षस बन जाना!

    बक्से की दुनिया...और अच्छे जीव का डरावना राक्षस बन जाना!

    कैसी होती है जादू की दुनिया? कैसे सबकुछ डराते हुए भी अच्छे होने का एहसास दिलाता है. मैं भी एक ऐसी ही दुनिया में रहना चाहती हूं! पलक झपकते अपने आप हर वह चीज जो मैं कभी हकीकत में न बदल पाऊं, बदलना चाहती हूं.

  • ख़ुश तो बहुत होगे तुम !

    ख़ुश तो बहुत होगे तुम !

    आठ नवंबर की रात जब प्रधानमंत्री ने नोटबंदी का ऐलान किया था तब मुझ जैसी मध्यमवर्गीय, टैक्स देने वाली शख्‍स प्रसन्न थी क्योंकि प्रधानमंत्री के इस निर्णय पर बहुत सारी बहस और स्टोरी देख कर मैं और मेरे जैसा हर व्‍यक्ति थक चुका था!

'Manprit' - 5 News Result(s)
  • क्या सुरक्षा बलों के हालात बदलेगा तेजबहादुर का वीडियो...

    क्या सुरक्षा बलों के हालात बदलेगा तेजबहादुर का वीडियो...

    तेजबहादुर एक बीएसएफ जवान! जो आवाज उठा रहे हैं! और वो मांग रहे हैं! जिस पर उनका हक है. हम सबको वीडियो दिख रहा है दर्द दिख रहा है पर कर कुछ नहीं पा रहे. वो नमक हल्दी की दाल उनके बहुत से साथी भी खाते होंगे, जली हुई रोटी का स्वाद कभी न भुलाते होंगे पर आवाज उठाने की हिम्मत केवल तेजबहादुर ही कर पाए. न जाने कितने डर कैसी समस्याएं जो उनके सामने आने वाली हैं उन सबको भूल यह वीडियो जारी किया होगा.

  • हां मैं एक शॉपॉहॉलिक हूं, पर आज शापिंग न कर पाई!

    हां मैं एक शॉपॉहॉलिक हूं, पर आज शापिंग न कर पाई!

    मॉल के एक कोने से दूसरे कोने तक सारी दुकानें ढूंढ लीं पर मैं निराश ही हुई! अब इतने अच्छे ऑफरों के बावजूद भी मेरी इच्छा कुछ भी न खरीदने की तरफ तेजी से बढ़ रही थीं. ऐसी हालत देख लगा मैं भी बचत की तरफ ध्यान दूं तो ज्यादा बेहतर है.

  • सरकार जी, एक बेहतर कल चाहते हैं हम!

    सरकार जी, एक बेहतर कल चाहते हैं हम!

    नोटबंदी की हर दिन बदलती ख़बरों में आज यह जान पड़ रहा है कि जीवन में अगर बिन बताए खलबली आ जाए तो तकलीफ़ तो होती है. रोज़ के बदलाव करते वक़्त सरकार को कैसा लगता होगा? यह एहसास हो रहा होगा कि कुछ ग़लत हुआ है? या फिर ठीक तरीक़े से लागू नहीं कर पाए.

  • बक्से की दुनिया...और अच्छे जीव का डरावना राक्षस बन जाना!

    बक्से की दुनिया...और अच्छे जीव का डरावना राक्षस बन जाना!

    कैसी होती है जादू की दुनिया? कैसे सबकुछ डराते हुए भी अच्छे होने का एहसास दिलाता है. मैं भी एक ऐसी ही दुनिया में रहना चाहती हूं! पलक झपकते अपने आप हर वह चीज जो मैं कभी हकीकत में न बदल पाऊं, बदलना चाहती हूं.

  • ख़ुश तो बहुत होगे तुम !

    ख़ुश तो बहुत होगे तुम !

    आठ नवंबर की रात जब प्रधानमंत्री ने नोटबंदी का ऐलान किया था तब मुझ जैसी मध्यमवर्गीय, टैक्स देने वाली शख्‍स प्रसन्न थी क्योंकि प्रधानमंत्री के इस निर्णय पर बहुत सारी बहस और स्टोरी देख कर मैं और मेरे जैसा हर व्‍यक्ति थक चुका था!