Isro Sun Mission
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राष्ट्रपति मुर्मू ने सूर्य अभियान Aditya-L1 की सफलता पर ISRO को दी बधाई
- Saturday January 6, 2024
इसरो ने सूर्य का अध्ययन करने के लिए देश के पहले अंतरिक्ष आधारित मिशन ‘आदित्य एल1’ यान को आज पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर इसकी अंतिम गंतव्य कक्षा में स्थापित किया.
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आदित्य-एल1 ने अंतिम कक्षा में किया प्रवेश, PM ने कहा- "भारत के लिए एक और मील का पत्थर"
- Sunday January 7, 2024
Aditya-L1 Mission: ISRO की सफलता पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट कर बधाई दी है. उन्हें लिखा है कि यह उपलब्धि सबसे जटिल अंतरिक्ष अभियानों को साकार करने में हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है.
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देश के सूर्य मिशन के लिए आज बड़ा दिन, आदित्य-L1 आज अंतिम कक्षा में करेगा प्रवेश
- Saturday January 6, 2024
इसरो अधिकारियों के अनुसार, अंतरिक्ष यान पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के ‘लैग्रेंज प्वाइंट 1 (एल 1) के आसपास एक ‘हेलो’ (Sun Mission Aditya L1) कक्षा में पहुंचेगा.
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Aditya L1 Mission ने सोलर विंड को ऑवजर्ब करना किया शुरू, ISRO ने शेयर की पहली फोटो
- Saturday December 2, 2023
इसरो ने कहा कि STEPS ने 10 सितंबर को एक्शन शुरू कर दी थी जबकि SWIS उपकरण शनिवार को एक्टिवेट हो गया और इसने ऑपटिमल परफॉर्मेंस दर्ज किया है.
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आदित्य एल1 अंतरिक्ष यान अपने अंतिम चरण के निकट : ISRO प्रमुख सोमनाथ
- Saturday November 25, 2023
इसरो के अनुसार, ‘आदित्य-एल1’ सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली अंतरिक्ष-आधारित वेधशाला है. अंतरिक्ष यान 125 दिन में पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर की यात्रा करने के बाद लैग्रेंजियन बिंदु ‘एल1’ के आसपास एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित होगा.
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भारत का सूर्य मिशन आदित्य एल1 पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र से निकला बाहर : इसरो
- Saturday September 30, 2023
इसरो ने अपनी पोस्ट में लिखा, "अंतरिक्ष यान पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र से सफलतापूर्वक बचकर पृथ्वी से 9.2 लाख किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर चुका है. अब यह सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंज प्वाइंट 1 (एल1) की ओर अपना रास्ता तय कर रहा है."
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Aditya-L1 ने चौथी बार सफलतापूर्वक कक्षा परिवर्तन की प्रक्रिया पूरी की: ISRO
- Friday September 15, 2023
अंतरिक्ष एजेंसी (ISRO) से ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘चौथी बार पृथ्वी की कक्षा परिवर्तन की प्रक्रिया (ईबीएन-4) को सफलतापूर्वक निष्पादित किया गया. मॉरीशस, बेंगलुरु, एसडीएससी-एसएचएआर और पोर्ट ब्लेयर में इसरो के ‘ग्राउंड स्टेशनों’ ने इस अभियान (Mission) के दौरान उपग्रह की निगरानी की.’’
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चांद के बाद सूरज की बारी, ISRO ने लॉन्च किया देश का पहला सोलर मिशन आदित्य-एल1
- Saturday September 2, 2023
सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से रवाना हुए अंतरिक्ष यान को वैज्ञानिक शुरू में पृथ्वी की निचली कक्षा में रखेंगे, और बाद में इसे अधिक दीर्घवृत्तकार किया जाएगा.
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इसरो का सूर्य मिशन आदित्य-एल1, लक्ष्य तक पहुंचने में लगेंगे 125 दिन
- Saturday September 2, 2023
भारत ने आज अपने पहले सूर्य मिशन ‘आदित्य एल1’ को लॉन्च कर दिया है. यह प्रक्षेपण इसरो के विश्वसनीय रॉकेट पीएसएलवी के माध्यम से पूर्वाह्न 11.50 बजे श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से किया गया.
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भारत के पहले सूर्य मिशन ‘आदित्य एल1’ के प्रक्षेपण की उलटी गिनती शुरू
- Friday September 1, 2023
Aditya-L1 Mission: इसरो के मुताबिक- सूर्य का अध्ययन करने के लिए भारत के पहले सौर मिशन ‘आदित्य-एल1’ का 2 सितंबर को पूर्वाह्न 11 बजकर 50 मिनट पर श्रीहरिकोटा स्पेसपोर्ट से प्रक्षेपण किया जाएगा.
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आदित्य L1 मिशन : लैग्रेंज प्वाइंट 1 क्या है, किस स्थान से ISRO करेगा सूर्य का अध्ययन?
- Thursday August 31, 2023
चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक उतारने के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) दो सितंबर को सुबह 11:50 बजे श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से अपना पहला अंतरिक्ष-आधारित सौर मिशन आदित्य एल1 लॉन्च करने के लिए पूरी तरह तैयार है. आदित्य एल1 सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंज बिंदु एल1 पर एक दूरस्थ स्थान से सौर कोरोना का निरीक्षण करेगा, जो पृथ्वी से लगभग 1.5 किलोमीटर दूर है.
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चंद्रयान-3 की सफलता के बाद अब सूरज की बारी, 2 सितंबर को ISRO लॉन्च कर सकता है आदित्य-L1 मिशन
- Saturday August 26, 2023
Aditya L-1 सूर्य-पृथ्वी के लैग्रेंजियन पॉइंट पर रहकर सूर्य पर उठने वाले तूफानों को समझेगा. यह पॉइंट पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर है. यहां तक पहुंचने में इसे करीब 109 दिन लगेंगे.
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राष्ट्रपति मुर्मू ने सूर्य अभियान Aditya-L1 की सफलता पर ISRO को दी बधाई
- Saturday January 6, 2024
इसरो ने सूर्य का अध्ययन करने के लिए देश के पहले अंतरिक्ष आधारित मिशन ‘आदित्य एल1’ यान को आज पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर इसकी अंतिम गंतव्य कक्षा में स्थापित किया.
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आदित्य-एल1 ने अंतिम कक्षा में किया प्रवेश, PM ने कहा- "भारत के लिए एक और मील का पत्थर"
- Sunday January 7, 2024
Aditya-L1 Mission: ISRO की सफलता पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट कर बधाई दी है. उन्हें लिखा है कि यह उपलब्धि सबसे जटिल अंतरिक्ष अभियानों को साकार करने में हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है.
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देश के सूर्य मिशन के लिए आज बड़ा दिन, आदित्य-L1 आज अंतिम कक्षा में करेगा प्रवेश
- Saturday January 6, 2024
इसरो अधिकारियों के अनुसार, अंतरिक्ष यान पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के ‘लैग्रेंज प्वाइंट 1 (एल 1) के आसपास एक ‘हेलो’ (Sun Mission Aditya L1) कक्षा में पहुंचेगा.
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Aditya L1 Mission ने सोलर विंड को ऑवजर्ब करना किया शुरू, ISRO ने शेयर की पहली फोटो
- Saturday December 2, 2023
इसरो ने कहा कि STEPS ने 10 सितंबर को एक्शन शुरू कर दी थी जबकि SWIS उपकरण शनिवार को एक्टिवेट हो गया और इसने ऑपटिमल परफॉर्मेंस दर्ज किया है.
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आदित्य एल1 अंतरिक्ष यान अपने अंतिम चरण के निकट : ISRO प्रमुख सोमनाथ
- Saturday November 25, 2023
इसरो के अनुसार, ‘आदित्य-एल1’ सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली अंतरिक्ष-आधारित वेधशाला है. अंतरिक्ष यान 125 दिन में पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर की यात्रा करने के बाद लैग्रेंजियन बिंदु ‘एल1’ के आसपास एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित होगा.
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भारत का सूर्य मिशन आदित्य एल1 पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र से निकला बाहर : इसरो
- Saturday September 30, 2023
इसरो ने अपनी पोस्ट में लिखा, "अंतरिक्ष यान पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र से सफलतापूर्वक बचकर पृथ्वी से 9.2 लाख किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर चुका है. अब यह सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंज प्वाइंट 1 (एल1) की ओर अपना रास्ता तय कर रहा है."
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Aditya-L1 ने चौथी बार सफलतापूर्वक कक्षा परिवर्तन की प्रक्रिया पूरी की: ISRO
- Friday September 15, 2023
अंतरिक्ष एजेंसी (ISRO) से ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘चौथी बार पृथ्वी की कक्षा परिवर्तन की प्रक्रिया (ईबीएन-4) को सफलतापूर्वक निष्पादित किया गया. मॉरीशस, बेंगलुरु, एसडीएससी-एसएचएआर और पोर्ट ब्लेयर में इसरो के ‘ग्राउंड स्टेशनों’ ने इस अभियान (Mission) के दौरान उपग्रह की निगरानी की.’’
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चांद के बाद सूरज की बारी, ISRO ने लॉन्च किया देश का पहला सोलर मिशन आदित्य-एल1
- Saturday September 2, 2023
सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से रवाना हुए अंतरिक्ष यान को वैज्ञानिक शुरू में पृथ्वी की निचली कक्षा में रखेंगे, और बाद में इसे अधिक दीर्घवृत्तकार किया जाएगा.
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इसरो का सूर्य मिशन आदित्य-एल1, लक्ष्य तक पहुंचने में लगेंगे 125 दिन
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भारत ने आज अपने पहले सूर्य मिशन ‘आदित्य एल1’ को लॉन्च कर दिया है. यह प्रक्षेपण इसरो के विश्वसनीय रॉकेट पीएसएलवी के माध्यम से पूर्वाह्न 11.50 बजे श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से किया गया.
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भारत के पहले सूर्य मिशन ‘आदित्य एल1’ के प्रक्षेपण की उलटी गिनती शुरू
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Aditya-L1 Mission: इसरो के मुताबिक- सूर्य का अध्ययन करने के लिए भारत के पहले सौर मिशन ‘आदित्य-एल1’ का 2 सितंबर को पूर्वाह्न 11 बजकर 50 मिनट पर श्रीहरिकोटा स्पेसपोर्ट से प्रक्षेपण किया जाएगा.
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आदित्य L1 मिशन : लैग्रेंज प्वाइंट 1 क्या है, किस स्थान से ISRO करेगा सूर्य का अध्ययन?
- Thursday August 31, 2023
चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक उतारने के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) दो सितंबर को सुबह 11:50 बजे श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से अपना पहला अंतरिक्ष-आधारित सौर मिशन आदित्य एल1 लॉन्च करने के लिए पूरी तरह तैयार है. आदित्य एल1 सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंज बिंदु एल1 पर एक दूरस्थ स्थान से सौर कोरोना का निरीक्षण करेगा, जो पृथ्वी से लगभग 1.5 किलोमीटर दूर है.
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चंद्रयान-3 की सफलता के बाद अब सूरज की बारी, 2 सितंबर को ISRO लॉन्च कर सकता है आदित्य-L1 मिशन
- Saturday August 26, 2023
Aditya L-1 सूर्य-पृथ्वी के लैग्रेंजियन पॉइंट पर रहकर सूर्य पर उठने वाले तूफानों को समझेगा. यह पॉइंट पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर है. यहां तक पहुंचने में इसे करीब 109 दिन लगेंगे.
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