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स्पेस में अब तक क्यों फंसी हैं सुनीता विलियम्स? क्या रेस्क्यू ऑपरेशन में ISRO कर सकता है NASA की मदद?
- Saturday August 24, 2024
- Edited by: अंजलि कर्मकार
सुनीता विलियम्स 5 जून 2024 को बोइंग स्टारलाइनर नाम के स्पेसक्राफ्ट से NASA के मिशन पर गई थीं. ये अमेरिकी एयरक्राफ्ट कंपनी बोइंग और नासा का संयुक्त ‘क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन’ है. सुनीता स्पेसक्राफ्ट की पायलट थीं. जबकि बुश विलमोर इस मिशन के कमांडर थे. दोनों को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में 8 दिन रुकने के बाद वापस पृथ्वी पर आना था. लेकिन उनका स्पेसक्राफ्ट खराब हो गया.
- ndtv.in
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ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए भरेंगे उड़ान : 5 प्रमुख बातें
- Friday August 2, 2024
- Edited by: ख़बर न्यूज़ डेस्क
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए आगामी भारत-अमेरिका मिशन के लिए प्रधान अंतरिक्ष यात्री (Prime Astronaut) के रूप में चुना गया है. वे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की ओर से नामित अंतरिक्ष यात्रियों में सबसे कम उम्र के हैं.
- ndtv.in
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जहां नहीं दे पाए एंट्रेंस, वहां से की PhD : जानिए कैसे पूरा हुआ 'गांव के लड़के' ISRO चीफ का सपना
- Friday July 19, 2024
- Reported by: पल्लव बागला, Edited by: अंजलि कर्मकार
सोमनाथ कहते हैं, "ये PhD मेरे पिछले 35 साल के काम का नतीजा है. आखिरी समय पर की गई कोशिशों, पेपर वर्क, सेमिनार... सब मिलाकर मेरी PhD डिग्री बनी. हालांकि, आप सिर्फ आखिरी फेज देख रहे हैं. लेकिन यात्रा बहुत लंबी है."
- ndtv.in
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Exclusive: NASA दो भारतीयों को देगा ट्रेनिंग, उनमें से एक को भेजेगा अंतरिक्ष में - ISRO चीफ ने NDTV से कहा
- Saturday June 29, 2024
- Reported by: पल्लव बागला, Edited by: सूर्यकांत पाठक
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) के साथ संयुक्त परियोजना के तहत अंतरिक्ष यात्री को अंतरिक्ष में भेजने का काम तय कार्यक्रम के अनुसार चल रहा है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के प्रमुख डॉ एस सोमनाथ (Dr S Somanath) ने NDTV को दिए गए एक विशेष इंटरव्यू में यह जानकारी दी. डॉ सोमनाथ ने बताया कि भारत ने जिन चार अंतरिक्ष यात्रियों को चुना है, उनमें से दो को ट्रेनिंग के लिए नेशनल एरोनाटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) भेजा जाएगा और उनमें से एक को स्पेस मिशन के लिए चुना जाएगा.
- ndtv.in
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'सिर्फ 4 सेकेंड...' : चंद्रयान-3 को अंतरिक्ष में तबाह होने से ISRO के वैज्ञानिकों ने ऐसे बचाया
- Monday April 29, 2024
- Reported by: NDTV इंडिया, Edited by: अंजलि कर्मकार
चंद्रयान-3 मिशन को 14 जुलाई 2023 को दोपहर 2:35 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया था. चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग के साथ ही भारत अमेरिका, चीन और तत्कालीन सोवियत संघ के बाद ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया. वहीं, चांद के साउथ पोल पर लैंडिंग करने वाला भारत पहला देश है.
- ndtv.in
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अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय पर्यटक बनेंगे गोपीचंद थोटाकुरा, जानें कैसे सच होगा उनका सपना?
- Friday April 12, 2024
- Reported by: NDTV इंडिया, Written by: पीयूष
गोपीचंद थोटाकुरा, एक उद्यमी और पायलट (Pilot) है. जो कि उन 31 उम्मीदवारों की एक प्रतिष्ठित सूची में शामिल हो गए हैं, जिन्होंने पृथ्वी के वायुमंडल और बाहरी अंतरिक्ष के बीच की सीमा, कर्मन रेखा से आगे उड़ान भरी है.
- ndtv.in
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खगोलीय मुठभेड़ : ऐतिहासिक घटना, जब भारत ने अपने ही सैटेलाइट को मार गिराया था
- Wednesday March 27, 2024
- Reported by: पल्लव बागला, Edited by: सूर्यकांत पाठक
यह भारत के इतिहास में किसी भी अन्य घटना से अलग एक खगोलीय मुठभेड़ थी, जिसमें करीब 300 किलोमीटर की दूरी पर हमला किया गया था. पांच साल पहले इसी दिन यानी 27 मार्च को भारत के रक्षा वैज्ञानिकों ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा बनाए गए एक लाइव सैटेलाइट को मार गिराया था. तब देश ने 'हिट-टू-किल' की अनूठी उपलब्धि का जश्न मनाया था.
- ndtv.in
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मछुआरों को मिला नया सुरक्षा कवच, ISRO ने सेकेंड जनरेशन का 'संकट चेतावनी ट्रांसमीटर' किया विकसित
- Wednesday January 17, 2024
- Reported by: भाषा
इसरो के एक बयान के अनुसार, संदेश एक संचार उपग्रह के माध्यम से भेजे जाते हैं और केंद्रीय नियंत्रण स्टेशन (आईएनएमसीसी: भारतीय मिशन नियंत्रण केंद्र) पर प्राप्त होते हैं, जहां मछली पकड़ने वाली नाव की पहचान और स्थान के लिए चेतावनी संकेतों का विश्लेषण किया जाता है.
- ndtv.in
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पहली बार भारत SpaceX के फाल्कन-9 रॉकेट के जरिए अपना सैटेलाइट लॉन्च करेगा
- Wednesday January 3, 2024
- Written by: पल्लव बागला, Edited by: सूर्यकांत पाठक
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो अपने अगली पीढ़ी के भारी संचार उपग्रह जीसैट-20 को लॉन्च करने के लिए स्पेसएक्स पर निर्भर रहेगी. यह पहली बार है जब अंतरिक्ष विभाग और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) फाल्कन-9 हेवी लिफ्ट लांचर का उपयोग करेगा. इस भारतीय मिशन के लिए फ्लोरिडा से उड़ान भरी जा सकती है.
- ndtv.in
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इसरो साल 2040 तक चंद्रमा पर पहला अंतरिक्ष यात्री भेजेगा
- Tuesday December 12, 2023
- Reported by: भाषा
परीक्षण वाहन (टीवी-डी1) की पहली विकास उड़ान 21 अक्टूबर, 2023 को लॉन्च की गई थी और इसने ‘क्रू एस्केप सिस्टम’ का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया. इसके बाद क्रू मॉड्यूल को अलग किया गया और बंगाल की खाड़ी से भारतीय नौसेना ने इसे सुरक्षित प्राप्त किया.
- ndtv.in
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‘गगनयान’ मिशन के लिए अंतरिक्ष यात्री तैयार, 2025 तक भेजने का होगा प्रयास : ISRO प्रमुख सोमनाथ
- Sunday December 3, 2023
- Reported by: भाषा
इसरो प्रमुख ने कहा कि इसरो एक अंतरिक्ष स्टेशन बनाने पर भी विचार कर रहा है, जो वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति तथा उद्योगों के लिए विभिन्न क्षेत्रों में काम करने के लिए जरूरी है.
- ndtv.in
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आदित्य एल1 अंतरिक्ष यान अपने अंतिम चरण के निकट : ISRO प्रमुख सोमनाथ
- Saturday November 25, 2023
- Reported by: भाषा
इसरो के अनुसार, ‘आदित्य-एल1’ सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली अंतरिक्ष-आधारित वेधशाला है. अंतरिक्ष यान 125 दिन में पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर की यात्रा करने के बाद लैग्रेंजियन बिंदु ‘एल1’ के आसपास एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित होगा.
- ndtv.in
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गगनयान की पहली टेस्टिंग उड़ान 21 अक्टूबर को, इसरो प्रमुख ने दी मिशन से जुड़ी जानकारी
- Sunday October 15, 2023
- Reported by: ANI
'गगनयान' में 3 दिनों के मिशन के लिए 3 सदस्यों के दल को 400 KM ऊपर पृथ्वी की कक्षा में भेजा जाएगा. इसके बाद क्रू मॉड्यूल को सुरक्षित रूप से समुद्र में लैंड कराया जाएगा.
- ndtv.in
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भारत का सूर्य मिशन आदित्य एल1 पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र से निकला बाहर : इसरो
- Saturday September 30, 2023
- Edited by: अभिषेक पारीक
इसरो ने अपनी पोस्ट में लिखा, "अंतरिक्ष यान पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र से सफलतापूर्वक बचकर पृथ्वी से 9.2 लाख किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर चुका है. अब यह सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंज प्वाइंट 1 (एल1) की ओर अपना रास्ता तय कर रहा है."
- ndtv.in
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आदित्य L1 मिशन : लैग्रेंज प्वाइंट 1 क्या है, किस स्थान से ISRO करेगा सूर्य का अध्ययन?
- Thursday August 31, 2023
- Edited by: सूर्यकांत पाठक
चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक उतारने के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) दो सितंबर को सुबह 11:50 बजे श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से अपना पहला अंतरिक्ष-आधारित सौर मिशन आदित्य एल1 लॉन्च करने के लिए पूरी तरह तैयार है. आदित्य एल1 सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंज बिंदु एल1 पर एक दूरस्थ स्थान से सौर कोरोना का निरीक्षण करेगा, जो पृथ्वी से लगभग 1.5 किलोमीटर दूर है.
- ndtv.in
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स्पेस में अब तक क्यों फंसी हैं सुनीता विलियम्स? क्या रेस्क्यू ऑपरेशन में ISRO कर सकता है NASA की मदद?
- Saturday August 24, 2024
- Edited by: अंजलि कर्मकार
सुनीता विलियम्स 5 जून 2024 को बोइंग स्टारलाइनर नाम के स्पेसक्राफ्ट से NASA के मिशन पर गई थीं. ये अमेरिकी एयरक्राफ्ट कंपनी बोइंग और नासा का संयुक्त ‘क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन’ है. सुनीता स्पेसक्राफ्ट की पायलट थीं. जबकि बुश विलमोर इस मिशन के कमांडर थे. दोनों को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में 8 दिन रुकने के बाद वापस पृथ्वी पर आना था. लेकिन उनका स्पेसक्राफ्ट खराब हो गया.
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ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए भरेंगे उड़ान : 5 प्रमुख बातें
- Friday August 2, 2024
- Edited by: ख़बर न्यूज़ डेस्क
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए आगामी भारत-अमेरिका मिशन के लिए प्रधान अंतरिक्ष यात्री (Prime Astronaut) के रूप में चुना गया है. वे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की ओर से नामित अंतरिक्ष यात्रियों में सबसे कम उम्र के हैं.
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जहां नहीं दे पाए एंट्रेंस, वहां से की PhD : जानिए कैसे पूरा हुआ 'गांव के लड़के' ISRO चीफ का सपना
- Friday July 19, 2024
- Reported by: पल्लव बागला, Edited by: अंजलि कर्मकार
सोमनाथ कहते हैं, "ये PhD मेरे पिछले 35 साल के काम का नतीजा है. आखिरी समय पर की गई कोशिशों, पेपर वर्क, सेमिनार... सब मिलाकर मेरी PhD डिग्री बनी. हालांकि, आप सिर्फ आखिरी फेज देख रहे हैं. लेकिन यात्रा बहुत लंबी है."
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Exclusive: NASA दो भारतीयों को देगा ट्रेनिंग, उनमें से एक को भेजेगा अंतरिक्ष में - ISRO चीफ ने NDTV से कहा
- Saturday June 29, 2024
- Reported by: पल्लव बागला, Edited by: सूर्यकांत पाठक
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) के साथ संयुक्त परियोजना के तहत अंतरिक्ष यात्री को अंतरिक्ष में भेजने का काम तय कार्यक्रम के अनुसार चल रहा है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के प्रमुख डॉ एस सोमनाथ (Dr S Somanath) ने NDTV को दिए गए एक विशेष इंटरव्यू में यह जानकारी दी. डॉ सोमनाथ ने बताया कि भारत ने जिन चार अंतरिक्ष यात्रियों को चुना है, उनमें से दो को ट्रेनिंग के लिए नेशनल एरोनाटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) भेजा जाएगा और उनमें से एक को स्पेस मिशन के लिए चुना जाएगा.
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'सिर्फ 4 सेकेंड...' : चंद्रयान-3 को अंतरिक्ष में तबाह होने से ISRO के वैज्ञानिकों ने ऐसे बचाया
- Monday April 29, 2024
- Reported by: NDTV इंडिया, Edited by: अंजलि कर्मकार
चंद्रयान-3 मिशन को 14 जुलाई 2023 को दोपहर 2:35 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया था. चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग के साथ ही भारत अमेरिका, चीन और तत्कालीन सोवियत संघ के बाद ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया. वहीं, चांद के साउथ पोल पर लैंडिंग करने वाला भारत पहला देश है.
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अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय पर्यटक बनेंगे गोपीचंद थोटाकुरा, जानें कैसे सच होगा उनका सपना?
- Friday April 12, 2024
- Reported by: NDTV इंडिया, Written by: पीयूष
गोपीचंद थोटाकुरा, एक उद्यमी और पायलट (Pilot) है. जो कि उन 31 उम्मीदवारों की एक प्रतिष्ठित सूची में शामिल हो गए हैं, जिन्होंने पृथ्वी के वायुमंडल और बाहरी अंतरिक्ष के बीच की सीमा, कर्मन रेखा से आगे उड़ान भरी है.
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खगोलीय मुठभेड़ : ऐतिहासिक घटना, जब भारत ने अपने ही सैटेलाइट को मार गिराया था
- Wednesday March 27, 2024
- Reported by: पल्लव बागला, Edited by: सूर्यकांत पाठक
यह भारत के इतिहास में किसी भी अन्य घटना से अलग एक खगोलीय मुठभेड़ थी, जिसमें करीब 300 किलोमीटर की दूरी पर हमला किया गया था. पांच साल पहले इसी दिन यानी 27 मार्च को भारत के रक्षा वैज्ञानिकों ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा बनाए गए एक लाइव सैटेलाइट को मार गिराया था. तब देश ने 'हिट-टू-किल' की अनूठी उपलब्धि का जश्न मनाया था.
- ndtv.in
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मछुआरों को मिला नया सुरक्षा कवच, ISRO ने सेकेंड जनरेशन का 'संकट चेतावनी ट्रांसमीटर' किया विकसित
- Wednesday January 17, 2024
- Reported by: भाषा
इसरो के एक बयान के अनुसार, संदेश एक संचार उपग्रह के माध्यम से भेजे जाते हैं और केंद्रीय नियंत्रण स्टेशन (आईएनएमसीसी: भारतीय मिशन नियंत्रण केंद्र) पर प्राप्त होते हैं, जहां मछली पकड़ने वाली नाव की पहचान और स्थान के लिए चेतावनी संकेतों का विश्लेषण किया जाता है.
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पहली बार भारत SpaceX के फाल्कन-9 रॉकेट के जरिए अपना सैटेलाइट लॉन्च करेगा
- Wednesday January 3, 2024
- Written by: पल्लव बागला, Edited by: सूर्यकांत पाठक
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो अपने अगली पीढ़ी के भारी संचार उपग्रह जीसैट-20 को लॉन्च करने के लिए स्पेसएक्स पर निर्भर रहेगी. यह पहली बार है जब अंतरिक्ष विभाग और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) फाल्कन-9 हेवी लिफ्ट लांचर का उपयोग करेगा. इस भारतीय मिशन के लिए फ्लोरिडा से उड़ान भरी जा सकती है.
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इसरो साल 2040 तक चंद्रमा पर पहला अंतरिक्ष यात्री भेजेगा
- Tuesday December 12, 2023
- Reported by: भाषा
परीक्षण वाहन (टीवी-डी1) की पहली विकास उड़ान 21 अक्टूबर, 2023 को लॉन्च की गई थी और इसने ‘क्रू एस्केप सिस्टम’ का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया. इसके बाद क्रू मॉड्यूल को अलग किया गया और बंगाल की खाड़ी से भारतीय नौसेना ने इसे सुरक्षित प्राप्त किया.
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‘गगनयान’ मिशन के लिए अंतरिक्ष यात्री तैयार, 2025 तक भेजने का होगा प्रयास : ISRO प्रमुख सोमनाथ
- Sunday December 3, 2023
- Reported by: भाषा
इसरो प्रमुख ने कहा कि इसरो एक अंतरिक्ष स्टेशन बनाने पर भी विचार कर रहा है, जो वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति तथा उद्योगों के लिए विभिन्न क्षेत्रों में काम करने के लिए जरूरी है.
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आदित्य एल1 अंतरिक्ष यान अपने अंतिम चरण के निकट : ISRO प्रमुख सोमनाथ
- Saturday November 25, 2023
- Reported by: भाषा
इसरो के अनुसार, ‘आदित्य-एल1’ सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली अंतरिक्ष-आधारित वेधशाला है. अंतरिक्ष यान 125 दिन में पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर की यात्रा करने के बाद लैग्रेंजियन बिंदु ‘एल1’ के आसपास एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित होगा.
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गगनयान की पहली टेस्टिंग उड़ान 21 अक्टूबर को, इसरो प्रमुख ने दी मिशन से जुड़ी जानकारी
- Sunday October 15, 2023
- Reported by: ANI
'गगनयान' में 3 दिनों के मिशन के लिए 3 सदस्यों के दल को 400 KM ऊपर पृथ्वी की कक्षा में भेजा जाएगा. इसके बाद क्रू मॉड्यूल को सुरक्षित रूप से समुद्र में लैंड कराया जाएगा.
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भारत का सूर्य मिशन आदित्य एल1 पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र से निकला बाहर : इसरो
- Saturday September 30, 2023
- Edited by: अभिषेक पारीक
इसरो ने अपनी पोस्ट में लिखा, "अंतरिक्ष यान पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र से सफलतापूर्वक बचकर पृथ्वी से 9.2 लाख किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर चुका है. अब यह सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंज प्वाइंट 1 (एल1) की ओर अपना रास्ता तय कर रहा है."
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आदित्य L1 मिशन : लैग्रेंज प्वाइंट 1 क्या है, किस स्थान से ISRO करेगा सूर्य का अध्ययन?
- Thursday August 31, 2023
- Edited by: सूर्यकांत पाठक
चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक उतारने के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) दो सितंबर को सुबह 11:50 बजे श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से अपना पहला अंतरिक्ष-आधारित सौर मिशन आदित्य एल1 लॉन्च करने के लिए पूरी तरह तैयार है. आदित्य एल1 सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंज बिंदु एल1 पर एक दूरस्थ स्थान से सौर कोरोना का निरीक्षण करेगा, जो पृथ्वी से लगभग 1.5 किलोमीटर दूर है.
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