Delhi | Reported by: भाषा |सोमवार दिसम्बर 20, 2021 07:59 PM IST अदालत ने टिप्पणी की, ‘‘वर्षों से पूरे शहर को मजाक बनाकर रखा गया है... जब सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट को अतिक्रमण का पता चलता है, फिर धार्मिक समिति का मामला कहां से आया? उसमें (उपराज्यपाल के नोट में) कहां कहा गया है कि अदालत अवैध निर्माण को गिराने का आदेश नहीं दे सकता है?’’