विज्ञापन

Hra Rules

'Hra Rules' - 2 News Result(s)
  • HRA: सैलरी में नहीं मिल रहा हाउस रेंट अलाउंस? फिर भी पा सकते हैं टैक्स छूट, जानिए कितनी कर सकते हैं क्लेम

    HRA: सैलरी में नहीं मिल रहा हाउस रेंट अलाउंस? फिर भी पा सकते हैं टैक्स छूट, जानिए कितनी कर सकते हैं क्लेम

    House Rent Allowance: ये छूट आपकी सालाना आय और किराए के आधार पर तय होती है. आइए जानते हैं कि सेक्शन 80GG के तहत टैक्स छूट पाने का तरीका और इससे जुड़ी जरूरी बातें क्या हैं.

  • अगर एम्प्लॉयर को दे रहे हैं टैक्स डिक्लेयरेशन : इन 10 बदलावों का रखें खास ध्यान...

    अगर एम्प्लॉयर को दे रहे हैं टैक्स डिक्लेयरेशन : इन 10 बदलावों का रखें खास ध्यान...

    हर वित्तवर्ष की शुरुआत में हर नौकरीपेशा शख्स अपने नियोक्ता को उस रकम की जानकारी देता है, जो वह इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम, बीमा पॉलिसी प्रीमियम, मकान किराया, होम लोन, एजुकेशन लोन या बच्चों की ट्यूशन फीस पर खर्च करने वाला है, और इसी घोषणा के आधार पर नियोक्ता तय करता है कि नौकरी करने वाले शख्स की एनुअल टैक्स लायबिलिटी, यानी वार्षिक कर देनदारी कितनी होगी, और उसे आपके वेतन से कितना टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती या टैक्स डिडक्टिड एट सोर्स) काटना होगा. यदि ध्यान से और सोचसमझकर किया जाए, तो यह घोषणा भी आपको सालभर के लिए टैक्स प्लानिंग करने में मददगार साबित हो सकती है... इस साल कुछ नियम बदल गए हैं, सो, जब आप अपने नियोक्ता को अपनी बचत की जानकारी दें, तो 1 अप्रैल, 2017 से बदल चुके इन नियमों का ध्यान रखें...

'Hra Rules' - 2 News Result(s)
  • HRA: सैलरी में नहीं मिल रहा हाउस रेंट अलाउंस? फिर भी पा सकते हैं टैक्स छूट, जानिए कितनी कर सकते हैं क्लेम

    HRA: सैलरी में नहीं मिल रहा हाउस रेंट अलाउंस? फिर भी पा सकते हैं टैक्स छूट, जानिए कितनी कर सकते हैं क्लेम

    House Rent Allowance: ये छूट आपकी सालाना आय और किराए के आधार पर तय होती है. आइए जानते हैं कि सेक्शन 80GG के तहत टैक्स छूट पाने का तरीका और इससे जुड़ी जरूरी बातें क्या हैं.

  • अगर एम्प्लॉयर को दे रहे हैं टैक्स डिक्लेयरेशन : इन 10 बदलावों का रखें खास ध्यान...

    अगर एम्प्लॉयर को दे रहे हैं टैक्स डिक्लेयरेशन : इन 10 बदलावों का रखें खास ध्यान...

    हर वित्तवर्ष की शुरुआत में हर नौकरीपेशा शख्स अपने नियोक्ता को उस रकम की जानकारी देता है, जो वह इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम, बीमा पॉलिसी प्रीमियम, मकान किराया, होम लोन, एजुकेशन लोन या बच्चों की ट्यूशन फीस पर खर्च करने वाला है, और इसी घोषणा के आधार पर नियोक्ता तय करता है कि नौकरी करने वाले शख्स की एनुअल टैक्स लायबिलिटी, यानी वार्षिक कर देनदारी कितनी होगी, और उसे आपके वेतन से कितना टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती या टैक्स डिडक्टिड एट सोर्स) काटना होगा. यदि ध्यान से और सोचसमझकर किया जाए, तो यह घोषणा भी आपको सालभर के लिए टैक्स प्लानिंग करने में मददगार साबित हो सकती है... इस साल कुछ नियम बदल गए हैं, सो, जब आप अपने नियोक्ता को अपनी बचत की जानकारी दें, तो 1 अप्रैल, 2017 से बदल चुके इन नियमों का ध्यान रखें...