Gazipur Border
- सब
- ख़बरें
- वीडियो
-
'जिन्होंने जिंदगी भर खिलाया, हम उनके साथ; महात्मा गांधी की 87 वर्षीय पोती का किसान आंदोलन को समर्थन
- Sunday February 14, 2021
- Reported by: रवीश रंजन शुक्ला, Edited by: प्रमोद कुमार प्रवीण
उन्होंने सीधे किसानों से कहा कि आपकी वजह से हम जिंदा हैं. किसान के हित में ही देश का हित है, और हमारा हित है. तारा गांधी ने कहा कि यह क्रांति की धरती हैय बता दें कि देश की आजादी के लिए पहली क्रांति 1857 में मेरठ से ही हुई थी. बापू की पोती ने कहा कि इतने दिनों से चल रहा किसानों का आंदोलन अद्भुत है.
- ndtv.in
-
चक्का जाम सफल होने पर किसानों ने ली राहत की सांस, जाम में फंसे लोगों को खिलाया खाना
- Saturday February 6, 2021
- Reported by: सौरभ शुक्ला, Edited by: सिद्धार्थ चौरसिया
किसानों के किसी ग्रुप ने जबरन चक्का जाम करने की कोशिश नहीं की. इस बीच, खुद राकेश टिकैत ने पुलिस के कांटों के बदले फूल लगाने की मिसाल से किसानों का रवैया उजागर किया. किसानों ने चक्का जाम के दौरान एंबुलेंस को आने जाने का रास्ता दिया, जैसे ही 3 बजे किसानों ने हार्न बजाकर अपना चक्का जाम खत्म कर दिया. अब किसान संगठन इस बात को लेकर राहत की सांस ले रहे हैं कि चक्का जाम में 26 जनवरी जैसे हालात नहीं बने और ये संदेश भी गया कि किसान शांतिपूर्ण तरीके से ही आंदोलन कर रहे हैं.
- ndtv.in
-
दिल्ली की तीन सीमाओं पर स्थित विरोध स्थलों पर फिर से इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से निलंबित
- Saturday February 6, 2021
- Reported by: भाषा
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि शनिवार को किसान यूनियनों के ‘चक्का जाम’ के आह्वान के मद्देनजर इंटरनेट सेवाएं निलंबित की गई हैं. इससे पहले सिंघू, गाजीपुर और टीकरी सीमाओं और इनके आसपास के इलाकों में 29 जनवरी की रात 11 बजे से 31 जनवरी की रात 11 बजे तक इंटरनेट सेवाओं को निलंबित करने के आदेश दिये गये थे. बाद में इंटरनेट सेवाओं के निलंबन की अवधि को दो फरवरी तक बढ़ा दिया गया था. गौरतलब है कि किसानों की ‘‘ट्रैक्टर परेड’’ के दौरान व्यापक पैमाने पर हुई हिंसा के कारण 26 जनवरी को दिल्ली के कुछ हिस्सों में इंटरनेट सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया था.
- ndtv.in
-
राकेश टिकैत को क्यों रोना पड़ा और क्यों नाराज़ हुए किसान
- Friday January 29, 2021
- रवीश कुमार
गोदी मीडिया से आप क्या नहीं करा सकते हैं. ये वो मीडिया है जो किसी को भी हत्यारा साबित कर दे. लोग जाने कब समझेंगे कि इसके कारण सीमा पर अपना बेटा भेजने वाला किसान अपने ही गाँव में अपने ही देश में सफ़ाई दे रहा है कि वह आतंकवादी नहीं है.
- ndtv.in
-
किसान आंदोलन: गाज़ीपुर बॉर्डर पर डटे किसान, लाइब्रेरी बनाकर दिया जा रहा है बच्चों को ज्ञान
- Tuesday January 12, 2021
- Written by: नेहा फरहीन
दिल्ली के गाज़ीपुर बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन के बीच बच्चों की पढ़ाई को ध्यान में रखते हुए NH-9 पर एक अस्थायी लाइब्रेरी बनाई गई है. दरअसल, किसान आंदोलन में बच्चे भी बढ़-चढ़कर अपने माता-पिता के साथ हिस्सा ले रहे हैं, ऐसे बच्चों की पढ़ाई के लिए खास इंतजाम किए गए हैं. लाइब्रेरी में बच्चों की किताबों के अलावा बड़े लोगों के लिए इतिहास की किताबें भी मौजूद हैं, ताकि आंदोलन में हिस्सा ले रहे लोग इन किताबों के माध्यम से अपने देश के इतिहास को और बेहतर तरीके से जान सकें.
- ndtv.in
-
किसान आंदोलन : दिल्ली आने वाले कई रास्ते बंद, घर से निकलने से पहले जरूर पढ़ लें ट्रैफिक पुलिस की एडवाइजरी
- Saturday December 5, 2020
- Edited by: पवन पांडे
दिल्ली और हरियाणा के बीच ढांसा, दौराला, कापसहेड़ा, रजोकरी एनएच-8, बिजवासन/ बजघेड़ा, पालम विहार और डूंडाहेड़ा बॉर्डर खुले हैं. दिल्ली यातायात पुलिस ने ट्वीट किया, ‘‘बडोसराय बॉर्डर केवल कार और दो-पहिया जैसे हल्के वाहनों के लिए खुला है. झटीकरा बॉर्डर केवल दो-पहिया वाहनों के लिए खुला है.’’
- ndtv.in
-
दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर सैकड़ों मजदूरों का जमावड़ा, UP पुलिस बोली- पास के बगैर राज्य में नहीं घुसने देंगे
- Sunday May 17, 2020
- Reported by: ANI, Edited by: राहुल सिंह
प्रवासी मजदूर उत्तर प्रदेश की सीमा में दाखिल होना चाहते थे लेकिन UP पुलिस ने उन्हें वहीं रोक दिया. UP पुलिस के सब-इंस्पेक्टर प्रचंड त्यागी मौके पर पहुंचे. उन्होंने बताया कि गाजीपुर में काफी संख्या में भीड़ जमा है. हम उन्हें ट्रेन या बसे से जाने के लिए कह रहे हैं. मान्य पास के बगैर हम किसी भी व्यक्ति को राज्य में दाखिल नहीं होने देंगे.
- ndtv.in
-
'जिन्होंने जिंदगी भर खिलाया, हम उनके साथ; महात्मा गांधी की 87 वर्षीय पोती का किसान आंदोलन को समर्थन
- Sunday February 14, 2021
- Reported by: रवीश रंजन शुक्ला, Edited by: प्रमोद कुमार प्रवीण
उन्होंने सीधे किसानों से कहा कि आपकी वजह से हम जिंदा हैं. किसान के हित में ही देश का हित है, और हमारा हित है. तारा गांधी ने कहा कि यह क्रांति की धरती हैय बता दें कि देश की आजादी के लिए पहली क्रांति 1857 में मेरठ से ही हुई थी. बापू की पोती ने कहा कि इतने दिनों से चल रहा किसानों का आंदोलन अद्भुत है.
- ndtv.in
-
चक्का जाम सफल होने पर किसानों ने ली राहत की सांस, जाम में फंसे लोगों को खिलाया खाना
- Saturday February 6, 2021
- Reported by: सौरभ शुक्ला, Edited by: सिद्धार्थ चौरसिया
किसानों के किसी ग्रुप ने जबरन चक्का जाम करने की कोशिश नहीं की. इस बीच, खुद राकेश टिकैत ने पुलिस के कांटों के बदले फूल लगाने की मिसाल से किसानों का रवैया उजागर किया. किसानों ने चक्का जाम के दौरान एंबुलेंस को आने जाने का रास्ता दिया, जैसे ही 3 बजे किसानों ने हार्न बजाकर अपना चक्का जाम खत्म कर दिया. अब किसान संगठन इस बात को लेकर राहत की सांस ले रहे हैं कि चक्का जाम में 26 जनवरी जैसे हालात नहीं बने और ये संदेश भी गया कि किसान शांतिपूर्ण तरीके से ही आंदोलन कर रहे हैं.
- ndtv.in
-
दिल्ली की तीन सीमाओं पर स्थित विरोध स्थलों पर फिर से इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से निलंबित
- Saturday February 6, 2021
- Reported by: भाषा
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि शनिवार को किसान यूनियनों के ‘चक्का जाम’ के आह्वान के मद्देनजर इंटरनेट सेवाएं निलंबित की गई हैं. इससे पहले सिंघू, गाजीपुर और टीकरी सीमाओं और इनके आसपास के इलाकों में 29 जनवरी की रात 11 बजे से 31 जनवरी की रात 11 बजे तक इंटरनेट सेवाओं को निलंबित करने के आदेश दिये गये थे. बाद में इंटरनेट सेवाओं के निलंबन की अवधि को दो फरवरी तक बढ़ा दिया गया था. गौरतलब है कि किसानों की ‘‘ट्रैक्टर परेड’’ के दौरान व्यापक पैमाने पर हुई हिंसा के कारण 26 जनवरी को दिल्ली के कुछ हिस्सों में इंटरनेट सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया था.
- ndtv.in
-
राकेश टिकैत को क्यों रोना पड़ा और क्यों नाराज़ हुए किसान
- Friday January 29, 2021
- रवीश कुमार
गोदी मीडिया से आप क्या नहीं करा सकते हैं. ये वो मीडिया है जो किसी को भी हत्यारा साबित कर दे. लोग जाने कब समझेंगे कि इसके कारण सीमा पर अपना बेटा भेजने वाला किसान अपने ही गाँव में अपने ही देश में सफ़ाई दे रहा है कि वह आतंकवादी नहीं है.
- ndtv.in
-
किसान आंदोलन: गाज़ीपुर बॉर्डर पर डटे किसान, लाइब्रेरी बनाकर दिया जा रहा है बच्चों को ज्ञान
- Tuesday January 12, 2021
- Written by: नेहा फरहीन
दिल्ली के गाज़ीपुर बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन के बीच बच्चों की पढ़ाई को ध्यान में रखते हुए NH-9 पर एक अस्थायी लाइब्रेरी बनाई गई है. दरअसल, किसान आंदोलन में बच्चे भी बढ़-चढ़कर अपने माता-पिता के साथ हिस्सा ले रहे हैं, ऐसे बच्चों की पढ़ाई के लिए खास इंतजाम किए गए हैं. लाइब्रेरी में बच्चों की किताबों के अलावा बड़े लोगों के लिए इतिहास की किताबें भी मौजूद हैं, ताकि आंदोलन में हिस्सा ले रहे लोग इन किताबों के माध्यम से अपने देश के इतिहास को और बेहतर तरीके से जान सकें.
- ndtv.in
-
किसान आंदोलन : दिल्ली आने वाले कई रास्ते बंद, घर से निकलने से पहले जरूर पढ़ लें ट्रैफिक पुलिस की एडवाइजरी
- Saturday December 5, 2020
- Edited by: पवन पांडे
दिल्ली और हरियाणा के बीच ढांसा, दौराला, कापसहेड़ा, रजोकरी एनएच-8, बिजवासन/ बजघेड़ा, पालम विहार और डूंडाहेड़ा बॉर्डर खुले हैं. दिल्ली यातायात पुलिस ने ट्वीट किया, ‘‘बडोसराय बॉर्डर केवल कार और दो-पहिया जैसे हल्के वाहनों के लिए खुला है. झटीकरा बॉर्डर केवल दो-पहिया वाहनों के लिए खुला है.’’
- ndtv.in
-
दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर सैकड़ों मजदूरों का जमावड़ा, UP पुलिस बोली- पास के बगैर राज्य में नहीं घुसने देंगे
- Sunday May 17, 2020
- Reported by: ANI, Edited by: राहुल सिंह
प्रवासी मजदूर उत्तर प्रदेश की सीमा में दाखिल होना चाहते थे लेकिन UP पुलिस ने उन्हें वहीं रोक दिया. UP पुलिस के सब-इंस्पेक्टर प्रचंड त्यागी मौके पर पहुंचे. उन्होंने बताया कि गाजीपुर में काफी संख्या में भीड़ जमा है. हम उन्हें ट्रेन या बसे से जाने के लिए कह रहे हैं. मान्य पास के बगैर हम किसी भी व्यक्ति को राज्य में दाखिल नहीं होने देंगे.
- ndtv.in