6 फरवरी को कृषि कानूनों के विरोध (Farm Laws Protest) में बुलाया गया किसानों का चक्का जाम (Chakka Jam) दोपहर 12 बजे से लेकर 3 बजे तक पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहा. इस बीच किसानों के चक्का जाम (Chakka Jam) का सबसे ज्यादा असर पंजाब और हरियाणा में देखने को मिला. दोपहर के 12 बजते ही किसानों ने पंजाब और हरियाणा के ज्यादातर हाईवे बंद कर दिए. यहां तक कि दिल्ली से गुजरने वाले ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे को भी सोनीपत के पास जाम कर दिया गया.
सबसे खूबसूरत बात ये रही कि किसानों ने चक्का जाम (Chakka Jam) के दौरान जाम में फंस गए लोगों को खाना भी खिलाया और असुविधा के लिए माफी भी मांगी. किसानों ने पहले ही साफ किया था कि उनका चक्का जाम (Chakka Jam) दिल्ली में नहीं होगा फिर भी दिल्ली पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद रही. किसानों की तरफ से भी किसी ने दिल्ली में घुसने का प्रयास नहीं किया.
हॉर्न बजाकर किसानों ने खत्म किया 'चक्का जाम', देश के कई राजमार्गों पर लगाया गया जाम
वहीं, गाजीपुर बार्डर में चल रहे किसान आंदोलन के मद्देनजर 12 जगहों पर प्रशासन ने खास सुरक्षा बंदोबस्त किए थे. गाजियाबाद प्रशासन ने कई जगहों पर एहतियाती कदम उठाए, लेकिन आंदोलन शांतिपूर्वक ही चलता रहा. किसानों के किसी ग्रुप ने जबरन चक्का जाम (Chakka Jam) करने की कोशिश नहीं की. इस बीच, खुद राकेश टिकैत ने पुलिस के कांटों के बदले फूल लगाने की मिसाल से किसानों का रवैया उजागर किया.
किसानों ने चक्का जाम (Chakka Jam) के दौरान एंबुलेंस को आने जाने का रास्ता दिया, जैसे ही 3 बजे किसानों ने हार्न बजाकर अपना चक्का जाम (Chakka Jam) खत्म कर दिया. अब किसान संगठन इस बात को लेकर राहत की सांस ले रहे हैं कि चक्का जाम (Chakka Jam) में 26 जनवरी जैसे हालात नहीं बने और ये संदेश भी गया कि किसान शांतिपूर्ण तरीके से ही आंदोलन कर रहे हैं.
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