Foreigners Tribunal
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बांग्लादेशी पुशबैक को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए असम सरकार का बड़ा फैसला, नए SOP को दी मंजूरी
- Tuesday September 9, 2025
अप्रवासी अधिनियम 1950 के अनुसार विदेशी न्यायाधिकरण (एफटी) सीधे फैसला नहीं ले सकता है. अगर किसी व्यक्ति के विदेशी होने का संदेह है तो उसे उपायुक्त (डीसी) को अपने सभी कानूनी दस्तावेज दिखाने होंगे.
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वह कानून जिससे अवैध विदेशियों को वापस भेजना चाहते हैं असम के सीएम, कौन तय करेगा नागरिकता
- Tuesday June 10, 2025
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व सरमा ने कहा है कि अवैध विदेशियों को पहचान कर बाहर निकालने के लिए अप्रवासी (असम से निष्कासन) अधिनियम, 1950 को कानून लागू किया जाएगा.इस कानून में जिला आयुक्त के पास अवैध विदेशियों की पहचान कर उन्हें बाहर भेजने का अधिकार है.
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"दिमाग का बिल्कुल इस्तेमाल नहीं..." : HC ने पूर्व सैनिक को विदेशी घोषित करने का आदेश किया रद्द
- Friday February 24, 2023
उच्च न्यायालय ने कहा कि सेवानिवृत्त सैनिक के इस मामले में मतदाता पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) द्वारा एफटी के पास इस विषय को भेज जाना ‘दिमाग का बिल्कुल इस्तेमाल नहीं करने का’ परिणाम लगता है.
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एक बार नागरिक घोषित हो जाने के बाद दूसरी बार मामले की सुनवाई नहीं : गौहाटी हाई कोर्ट
- Friday May 6, 2022
राष्ट्रीयता से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान, कोर्ट ने कहा कि किसी व्यक्ति की नागरिकता के संबंध में ट्रिब्यूनल की राय "रेस ज्यूडिकाटा" (पूर्व निर्णीत मामला) के रूप में काम करेगी - जिसका अर्थ है कि मामला पहले ही तय हो चुका है और उसे फिर से अदालत में नहीं लाया जा सकता है
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असम में विदेशी नागरिकों से संबंधित अधिकरण ने मृत व्यक्ति को नोटिस भेजा!
- Thursday March 24, 2022
असम के कछार जिले में विदेशी नागरिकों से संबंधित अधिकरण ने एक मृत व्यक्ति को नोटिस जारी करके 30 मार्च को उपस्थित होने का निर्देश दिया है क्योंकि वह अपनी भारतीय नागरिकता प्रमाणित करने के लिए वैध दस्तावेज पेश नहीं कर सका था. कछार स्थित विदेशी नागरिकों से संबंधित तृतीय अधिकरण ने जिले के उधारबंद इलाके के थालीग्राम गांव में रहने वाले श्यामन चरण दास को नोटिस भेजा है, जिनकी मौत मई 2016 में ही हो चुकी है.
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पहले भारतीय घोषित महिला अब विदेशी कैसे हो गई? कोर्ट ने असम ट्रिब्यूनल की खिंचाई की
- Thursday December 16, 2021
असम में एक महिला को स्वदेशी और फिर विदेशी घोषित किए जाने का अजीब मामला सामने आया. ट्रिब्यूनल ने पहले उसे भारतीय और पांच साल से कम समय बाद विदेशी घोषित किया. इस कार्यवाही ने गुवाहाटी उच्च न्यायालय को परेशान किया और उसने न्यायाधिकरण को खिंचाई की. कोर्ट ने उस महिला को डिटेंशन कैंप से रिहा करने का आदेश दिया है. दारांग जिले में ट्रिब्यूनल द्वारा विदेशी घोषित किए जाने के बाद हसीना भानु 19 अक्टूबर से तेजपुर जेल के अंदर तेजपुर डिटेंशन कैंप में बंद थी.
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फैक्ट फाइंडिंग टीम ने असम एनआरसी और फॉरेन ट्रिब्यूनल की हकीकत बताई
- Wednesday September 18, 2019
यूनाइटेड अगेंस्ट हेट की एक फैक्ट फाइंडिंग टीम ने एनआरसी की अंतिम सूची का पता लगाने के लिए असम का दौरा करने के बाद मंगलवार को प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की. प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा गया कि असम में 19 लाख लोगों को विदेशी घोषित करने के साथ उनकी नागरिकता छीनने से असम में बेचैनी है. टीम के सदस्यों ने फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट की जानकारी देते हुए कहा कि जो अंतिम एनआरसी सूची से हटा दिए गए थे उन समुदायों की पीड़ा के बारे में पूरी तरह कह पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है. उन्होंने कहा कि उन विदेशी ट्रिब्यूनलों की अक्षमता के बारे में भी बात की जो बाहर किए गए लोगों के दावों की फिर से जांच करने जा रहे हैं. डिटेंशन सेंटर के बारे में बताया कि वे दुर्भाग्य से उन मजदूरों द्वारा ही बनाए जा रहे हैं, जिन्हें स्वयं एनआरसी से बाहर रखा गया है और भविष्य में उन्हें उन्हीं केंद्रों में रहना पड़ सकता है.
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बांग्लादेशी पुशबैक को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए असम सरकार का बड़ा फैसला, नए SOP को दी मंजूरी
- Tuesday September 9, 2025
अप्रवासी अधिनियम 1950 के अनुसार विदेशी न्यायाधिकरण (एफटी) सीधे फैसला नहीं ले सकता है. अगर किसी व्यक्ति के विदेशी होने का संदेह है तो उसे उपायुक्त (डीसी) को अपने सभी कानूनी दस्तावेज दिखाने होंगे.
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वह कानून जिससे अवैध विदेशियों को वापस भेजना चाहते हैं असम के सीएम, कौन तय करेगा नागरिकता
- Tuesday June 10, 2025
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व सरमा ने कहा है कि अवैध विदेशियों को पहचान कर बाहर निकालने के लिए अप्रवासी (असम से निष्कासन) अधिनियम, 1950 को कानून लागू किया जाएगा.इस कानून में जिला आयुक्त के पास अवैध विदेशियों की पहचान कर उन्हें बाहर भेजने का अधिकार है.
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"दिमाग का बिल्कुल इस्तेमाल नहीं..." : HC ने पूर्व सैनिक को विदेशी घोषित करने का आदेश किया रद्द
- Friday February 24, 2023
उच्च न्यायालय ने कहा कि सेवानिवृत्त सैनिक के इस मामले में मतदाता पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) द्वारा एफटी के पास इस विषय को भेज जाना ‘दिमाग का बिल्कुल इस्तेमाल नहीं करने का’ परिणाम लगता है.
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एक बार नागरिक घोषित हो जाने के बाद दूसरी बार मामले की सुनवाई नहीं : गौहाटी हाई कोर्ट
- Friday May 6, 2022
राष्ट्रीयता से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान, कोर्ट ने कहा कि किसी व्यक्ति की नागरिकता के संबंध में ट्रिब्यूनल की राय "रेस ज्यूडिकाटा" (पूर्व निर्णीत मामला) के रूप में काम करेगी - जिसका अर्थ है कि मामला पहले ही तय हो चुका है और उसे फिर से अदालत में नहीं लाया जा सकता है
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असम में विदेशी नागरिकों से संबंधित अधिकरण ने मृत व्यक्ति को नोटिस भेजा!
- Thursday March 24, 2022
असम के कछार जिले में विदेशी नागरिकों से संबंधित अधिकरण ने एक मृत व्यक्ति को नोटिस जारी करके 30 मार्च को उपस्थित होने का निर्देश दिया है क्योंकि वह अपनी भारतीय नागरिकता प्रमाणित करने के लिए वैध दस्तावेज पेश नहीं कर सका था. कछार स्थित विदेशी नागरिकों से संबंधित तृतीय अधिकरण ने जिले के उधारबंद इलाके के थालीग्राम गांव में रहने वाले श्यामन चरण दास को नोटिस भेजा है, जिनकी मौत मई 2016 में ही हो चुकी है.
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पहले भारतीय घोषित महिला अब विदेशी कैसे हो गई? कोर्ट ने असम ट्रिब्यूनल की खिंचाई की
- Thursday December 16, 2021
असम में एक महिला को स्वदेशी और फिर विदेशी घोषित किए जाने का अजीब मामला सामने आया. ट्रिब्यूनल ने पहले उसे भारतीय और पांच साल से कम समय बाद विदेशी घोषित किया. इस कार्यवाही ने गुवाहाटी उच्च न्यायालय को परेशान किया और उसने न्यायाधिकरण को खिंचाई की. कोर्ट ने उस महिला को डिटेंशन कैंप से रिहा करने का आदेश दिया है. दारांग जिले में ट्रिब्यूनल द्वारा विदेशी घोषित किए जाने के बाद हसीना भानु 19 अक्टूबर से तेजपुर जेल के अंदर तेजपुर डिटेंशन कैंप में बंद थी.
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फैक्ट फाइंडिंग टीम ने असम एनआरसी और फॉरेन ट्रिब्यूनल की हकीकत बताई
- Wednesday September 18, 2019
यूनाइटेड अगेंस्ट हेट की एक फैक्ट फाइंडिंग टीम ने एनआरसी की अंतिम सूची का पता लगाने के लिए असम का दौरा करने के बाद मंगलवार को प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की. प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा गया कि असम में 19 लाख लोगों को विदेशी घोषित करने के साथ उनकी नागरिकता छीनने से असम में बेचैनी है. टीम के सदस्यों ने फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट की जानकारी देते हुए कहा कि जो अंतिम एनआरसी सूची से हटा दिए गए थे उन समुदायों की पीड़ा के बारे में पूरी तरह कह पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है. उन्होंने कहा कि उन विदेशी ट्रिब्यूनलों की अक्षमता के बारे में भी बात की जो बाहर किए गए लोगों के दावों की फिर से जांच करने जा रहे हैं. डिटेंशन सेंटर के बारे में बताया कि वे दुर्भाग्य से उन मजदूरों द्वारा ही बनाए जा रहे हैं, जिन्हें स्वयं एनआरसी से बाहर रखा गया है और भविष्य में उन्हें उन्हीं केंद्रों में रहना पड़ सकता है.
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