Dushyant Kumar Birth Anniversary
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Dushyant Kumar ki Kavityane: हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए...क्या पढ़ी आपने दुष्यंत कुमार की ये शानदार रचना
- Monday May 5, 2025
- Written by: प्रिया गुप्ता
Dushyant Kumar Poem: दुष्यंत कुमार हिंदी साहित्य के जाने-माने कवि है. उनकी रचनाएं बहुत ही बेहतरीन है.
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ndtv.in
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दुष्यंत कुमार की स्मृति में : साधारण जन-जीवन की असाधारण शायरी
- Friday September 1, 2017
- धर्मेंद्र सिंह
दुष्यंत की गजलों और कविताओं में भारतीय समाज की अभाव-वेदना और दुर्बल वर्गों की निरुपायता के इतने 'मंजर' भरे पड़े हैं कि लगता है कि खुद दुष्यंत कुमार ने अपने दौर को उन्हीं की नजरों से जिया था. यही कारण है कि सरल हिंदी में कलमबद्ध उनकी गजलें हर उस व्यक्ति और समूह के लिए नारों में तब्दील हो गईं जो परिवर्तनकामी था. अपने परिवेश की बुनियाद को हिलाने की आरजू लिए था.
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ndtv.in
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नोटबंदी हो या मन की बात, दुष्यंत कुमार (Dushyant Kumar) की कविताएं आम आदमी को देती हैं जुबान...
- Friday September 1, 2017
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
1 सितंबर का दिन कई मायनों में खास है. साल 1939 में जहां आज ही के दिन द्वितीय विश्वयुद्ध शुरू हुआ था वहीं, आज ही के दिन 1933 में एक ऐसे कवि का जन्म हुआ था जिसकी लेखनी आज भी युवाओं के दिलों में गूंजती है और बुजुर्गों की जबानों पर बसती है.
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Dushyant Kumar Poem: दुष्यंत कुमार हिंदी साहित्य के जाने-माने कवि है. उनकी रचनाएं बहुत ही बेहतरीन है.
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