Doordarshan Serials 1985
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साल 1985, दिन रविवार, समय शाम साढ़े चार बजे सूनी हो जाती थीं गलियां, जब आता था दूरदर्शन का यह धारावाहिक
- Sunday March 17, 2024
- Written by: नरेंद्र सैनी
दूरदर्शन के सुनहरी दिनों के तो क्या कहने. एक से एक बढ़कर एक कहानी आती थी. टीवी का पिटाना अपना विस्तार कर रहा था और ऐसी कहानियां पेश कर रहा था जिन्हें देखते हुए टीवी के आगे से उठना दूभर हो जाता था.
- ndtv.in
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मध्यवर्गीय जीवन की खुशियां और गम समेटे हैं दूरदर्शन के यह टॉप 5 फैमिली ड्रामा, कहानी और परफॉर्मेंस सब कुछ है दमदार
- Saturday May 6, 2023
- Edited by: नरेंद्र सैनी
साफ सुथरे डायलोग, तरोताजा कर देने वाला मनोरंजन और बांध कर रखने वाली कहानियां, दूरदर्शन पर आने वाले फैमिली शो की पहचान हुआ करती थीं. इन शोज में देश की मिट्टी की महक थी तो देसी फ्लेवर का तड़का भी था.
- ndtv.in
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साल 1985, दिन रविवार, समय शाम साढ़े चार बजे सूनी हो जाती थीं गलियां, जब आता था दूरदर्शन का यह धारावाहिक
- Sunday March 17, 2024
- Written by: नरेंद्र सैनी
दूरदर्शन के सुनहरी दिनों के तो क्या कहने. एक से एक बढ़कर एक कहानी आती थी. टीवी का पिटाना अपना विस्तार कर रहा था और ऐसी कहानियां पेश कर रहा था जिन्हें देखते हुए टीवी के आगे से उठना दूभर हो जाता था.
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मध्यवर्गीय जीवन की खुशियां और गम समेटे हैं दूरदर्शन के यह टॉप 5 फैमिली ड्रामा, कहानी और परफॉर्मेंस सब कुछ है दमदार
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- Edited by: नरेंद्र सैनी
साफ सुथरे डायलोग, तरोताजा कर देने वाला मनोरंजन और बांध कर रखने वाली कहानियां, दूरदर्शन पर आने वाले फैमिली शो की पहचान हुआ करती थीं. इन शोज में देश की मिट्टी की महक थी तो देसी फ्लेवर का तड़का भी था.
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