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DRDO ने बनाई DIPCOVAN किट, मात्र 75 रुपये में पता चलेगा आपके शरीर में कितनी एंटीबॉडी है
- Saturday May 22, 2021
- Reported by: NDTV इंडिया, Edited by: नितेश श्रीवास्तव
कोरोना के खिलाफ जंग में DRDO को एक अहम कामयाबी मिली है. 2-डीजी जैसी दवा बनाने के बाद संस्थान मे अब कोरोना से लड़ने के लिए एंटीबॉडी डिटेक्शन किट DIPCOVAN भी तैयार की है. इसे दिल्ली के वैनगार्ड डायग्नॉस्टिक्स के सहयोग से विकसित किया गया है. DIPCOVAN किट के जरिए यह पता लगाया जा सकता है कि इंसान के शरीर में कोरोना से लड़ने के लिए जरूरी एंटीबॉडी या प्लाज्मा है या नहीं.
- ndtv.in
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वैक्सीन पर SII के दावे से सवालों के घेरे में सरकार? ब्लैक फंगस से लड़ने के लिए देश ने कसी कमर, 10 बातें
- Saturday May 22, 2021
- Reported by: एजेंसियां, Edited by: नितेश श्रीवास्तव
देश में कोरोनावायरस (Coronavirus) से बचाव के लिए टीकाकरण अभियान (Vaccination Drive in India) जारी है. कई राज्यों में टीके की किल्लत की खबरें भी सामने आ रही हैं. इस बीच सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर सुरेश जाधव की तरफ से पहली बार इसको लेकर बयान आया है. वहीं दूसरी तरफ ब्लैक फंगस के बढ़ते खतरे के बीच इसकी दवाई की किल्लत नई चुनौती बनकर उभरी है. जिसके चलते शुक्रवार को सरकार ने पांच नए फर्मों को इन दवाओं के प्रोडक्शन के लिए आपात लाइसेंस जारी किया है. साथ ही जो फर्म ये दवाएं बना रहे हैं उन्हें प्रोडक्शन बढ़ाने की अनुमति भी दी गई है. इसके अलावा इधर डीआरडीओ ने कोरोना से लड़ने के लिए एंटीबॉडी डिटेक्शन किट तैयार किया है. इसे दिल्ली के वैनगार्ड डायग्नॉस्टिक्स के सहयोग से विकसित किया गया है. DIPCOVAN किट के ज़रिए ये पता लगाया जा सकता है कि इंसान के शरीर में कोरोना से लड़ने के लिए ज़रूरी एंटीबॉडी या प्लाज़्मा है या नहीं. इस किट को 1000 से ज़्यादा मरीज़ों पर टेस्ट किया जाएगा.
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DRDO ने बनाई DIPCOVAN किट, मात्र 75 रुपये में पता चलेगा आपके शरीर में कितनी एंटीबॉडी है
- Saturday May 22, 2021
- Reported by: NDTV इंडिया, Edited by: नितेश श्रीवास्तव
कोरोना के खिलाफ जंग में DRDO को एक अहम कामयाबी मिली है. 2-डीजी जैसी दवा बनाने के बाद संस्थान मे अब कोरोना से लड़ने के लिए एंटीबॉडी डिटेक्शन किट DIPCOVAN भी तैयार की है. इसे दिल्ली के वैनगार्ड डायग्नॉस्टिक्स के सहयोग से विकसित किया गया है. DIPCOVAN किट के जरिए यह पता लगाया जा सकता है कि इंसान के शरीर में कोरोना से लड़ने के लिए जरूरी एंटीबॉडी या प्लाज्मा है या नहीं.
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- Reported by: एजेंसियां, Edited by: नितेश श्रीवास्तव
देश में कोरोनावायरस (Coronavirus) से बचाव के लिए टीकाकरण अभियान (Vaccination Drive in India) जारी है. कई राज्यों में टीके की किल्लत की खबरें भी सामने आ रही हैं. इस बीच सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर सुरेश जाधव की तरफ से पहली बार इसको लेकर बयान आया है. वहीं दूसरी तरफ ब्लैक फंगस के बढ़ते खतरे के बीच इसकी दवाई की किल्लत नई चुनौती बनकर उभरी है. जिसके चलते शुक्रवार को सरकार ने पांच नए फर्मों को इन दवाओं के प्रोडक्शन के लिए आपात लाइसेंस जारी किया है. साथ ही जो फर्म ये दवाएं बना रहे हैं उन्हें प्रोडक्शन बढ़ाने की अनुमति भी दी गई है. इसके अलावा इधर डीआरडीओ ने कोरोना से लड़ने के लिए एंटीबॉडी डिटेक्शन किट तैयार किया है. इसे दिल्ली के वैनगार्ड डायग्नॉस्टिक्स के सहयोग से विकसित किया गया है. DIPCOVAN किट के ज़रिए ये पता लगाया जा सकता है कि इंसान के शरीर में कोरोना से लड़ने के लिए ज़रूरी एंटीबॉडी या प्लाज़्मा है या नहीं. इस किट को 1000 से ज़्यादा मरीज़ों पर टेस्ट किया जाएगा.
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