Complete Story Of Rani Padmawati
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आखिर संजय लीला भंसाली से क्यों हुई मारपीट, पढ़ें - रानी पद्मिनी (पद्मावती) की पूरी कहानी
- Sunday January 29, 2017
शुक्रवार को रानी पद्मावती पर एक फिल्म बना रहे बॉलीवुड निर्देशक संजय लीला भंसाली को करणी सेना के कार्यकर्ताओं में से एक ने थप्पड़ मार दिया. करणी सेना के लोगों का आरोप है कि भंसाली अपनी फिल्म में रानी पद्ममिनी (पद्मावती) के जीवन से जुड़े तथ्यों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. आखिर क्या है रानी पद्मावती की कहानी. रानी पद्मिनी के जीवन को आज राजस्थान में पढ़ाया जाता है, गौरव बताया जाता है और देश दुनिया से आने वाले पर्यटकों को चित्तौड़गढ़ के किले में वह स्थान दिखाए, बताए और समझाए जाते हैं जहां पर सुल्तान खिलजी ने उन्हें देखा था. 12वीं और 13वीं सदी में दिल्ली पर सल्तनत का राज था. विस्तारवादी नीति के तहत सुल्तान ने अपनी शक्ति बढ़ाने के लिए मेवाड़ पर कई आक्रमण किए. इन आक्रमणों में से एक आक्रमण अलाउदीन खिलजी ने सुंदर रानी पद्मिनी (Padmini or Padmavati) को पाने के लिए किया था. ये कहानी अलाउदीन के इतिहासकारों ने किताबो में लिखी थी ताकि वो राजपूत प्रदेशों पर आक्रमण को सिद्ध कर सके. कुछ इतिहासकार इस कहानी को गलत बताते हैं. उनका कहना है कि ये कहानी मुस्लिमों ने राजपूतों को उकसाने के लिए लिखी थी.
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ndtv.in
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आखिर संजय लीला भंसाली से क्यों हुई मारपीट, पढ़ें - रानी पद्मिनी (पद्मावती) की पूरी कहानी
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शुक्रवार को रानी पद्मावती पर एक फिल्म बना रहे बॉलीवुड निर्देशक संजय लीला भंसाली को करणी सेना के कार्यकर्ताओं में से एक ने थप्पड़ मार दिया. करणी सेना के लोगों का आरोप है कि भंसाली अपनी फिल्म में रानी पद्ममिनी (पद्मावती) के जीवन से जुड़े तथ्यों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. आखिर क्या है रानी पद्मावती की कहानी. रानी पद्मिनी के जीवन को आज राजस्थान में पढ़ाया जाता है, गौरव बताया जाता है और देश दुनिया से आने वाले पर्यटकों को चित्तौड़गढ़ के किले में वह स्थान दिखाए, बताए और समझाए जाते हैं जहां पर सुल्तान खिलजी ने उन्हें देखा था. 12वीं और 13वीं सदी में दिल्ली पर सल्तनत का राज था. विस्तारवादी नीति के तहत सुल्तान ने अपनी शक्ति बढ़ाने के लिए मेवाड़ पर कई आक्रमण किए. इन आक्रमणों में से एक आक्रमण अलाउदीन खिलजी ने सुंदर रानी पद्मिनी (Padmini or Padmavati) को पाने के लिए किया था. ये कहानी अलाउदीन के इतिहासकारों ने किताबो में लिखी थी ताकि वो राजपूत प्रदेशों पर आक्रमण को सिद्ध कर सके. कुछ इतिहासकार इस कहानी को गलत बताते हैं. उनका कहना है कि ये कहानी मुस्लिमों ने राजपूतों को उकसाने के लिए लिखी थी.
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