Bhagat Singh Death Anniversary
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Bhagat Singh jayanti 2022 : भगत सिंह से जुड़ी ये 5 बातें जो आप बिल्कुल नहीं जानते, जान गए तो हो जाएंगे हैरान
- Wednesday September 28, 2022
Bhagat Singh Birth Anniversary : भगत सिंह की जयंती पर चलिए जानते हैं उनके 23 साल के जीवन की वो महत्वपूर्ण घटनाएं जो लोगों के अंदर देशभक्ति के जुनून को पैदा करती हैं.
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American Youtuber की गुजराती सुन आपके कान भी हो जाएंगे खड़े, रेस्टोरेंट के मालिक ने भी कर दिया था सब FREE
- Wednesday March 23, 2022
एरिया स्मिथ नाम के शख्स एक फेमस यूट्यूबर हैं, जिनके चैनल का नाम @Xiaomanyc है, जिसको 40 लाख से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं. इस यूट्यूब चैनल पर हाल ही में एक वीडियो शेयर किया गया है, जिसमें स्मिथ एक इंडियन रेस्टोरेंट में जाकर फर्राटेदार गुजराती में खाना ऑर्डर करते हैं. उनकी गुजराती को सुनकर रेस्टोरेंट के मालिक ने उनसे खाने के पैसे तक नहीं लिए. वीडियो में स्मिथ की गुजराती को सुनकर आपके भी कान खड़े हो जाएंगे.
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Shaheed Diwas 2021: भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव को आज ही के दिन दी गई थी फांसी, जानिए इतिहास के पन्नों में दर्ज इस दिन की घटनाएं
- Tuesday March 23, 2021
History of 23 March: देश और दुनिया के इतिहास में यूं तो कई महत्वपूर्ण घटनाएं 23 मार्च की तारीख पर दर्ज हैं. लेकिन भगत सिंह और उनके साथी राजगुरु और सुखदेव को फांसी दिया जाना भारत के इतिहास में दर्ज इस दिन की सबसे बड़ी एवं महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है. वर्ष 1931 में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान क्रांतिकारी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को 23 मार्च को ही फांसी दी गई थी.
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Shaheed Diwas 2021: क्यों मनाया जाता है शहीद दिवस? जानिए भगत सिंह के जीवन से जुड़ी अहम बातें
- Tuesday March 23, 2021
Shaheed Diwas: भगत सिंह (Bhagat Singh), शिवराम राजगुरु (Shivaram Rajguru) और सुखदेव थापर (Sukhdev Thapar) को आज ही के दिन 23 मार्च 1931 को फांसी पर चढ़ाया गया था और इन तीन देशभक्तों ने हंसते-हंसते शहादत को गले लगा लिया था. भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की याद में ही हर साल 23 मार्च को शहीद दिवस (Shaheed Diwas) मनाया जाता है. भगत सिंह ने अंग्रेजों से लोहा लिया और असेंबली में बम फेंक कर उन्हें सोती नींद से जगाने का काम किया था, असेंबली में बम फेंकने के बाद वे भागे नहीं और जिसके नतीजतन उन्हें फांसी की सजा हो गई.
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Mahatma Gandhi Death Anniversary: गांधीजी ने हत्या से पहले किया था ये काम, अचानक पहुंच गए थे दरगाह
- Thursday January 30, 2020
Mahatma Gandhi Death Anniversary: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) 18 जनवरी 1948 को अपना अंतिम उपवास समाप्त करने के बाद दिल्ली में शांति लाने के उद्देश्य से महरौली स्थित कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी दरगाह गए थे.
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शहीद दिवस : पढ़ें- फांसी के फंदे को चूमने से पहले भगत सिंह ने अपने आखिरी खत में क्या लिखा था
- Saturday March 23, 2019
- NDTVKhabar News Desk
र्ष 1931 में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान क्रांतिकारी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को 23 मार्च को ही फांसी दी गई थी. 23 मार्च को शहीद दिवस (Shahid Diwas) के रूप में भी जाना जाता है.
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शहीद दिवस: भगत सिंह से सीखें लाइफ में कैसे खुदको बनाएं सफल, जानिए क्या दिया था युवाओं को मंत्र
- Friday March 23, 2018
भगत सिंह कहते थे कि आमतौर पर लोग जैसी चीजें हैं, उसी के आदी हो जाते हैं. वे बदलाव में विश्वास नहीं रखते और महज उसका विचार आने से ही कांपने लगते हैं. ऐसे में यदि हमें कुछ करना है तो निष्क्रियता की भावना को बदलना होगा. हमें क्रांतिकारी भावना अपनानी होगी.
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शहीद दिवस: फांसी से एक दिन पहले भगत सिंह ने आखिरी खत में लिखा था कुछ ऐसा, जिसे जानकर भावुक हो जाएंगे आप
- Friday March 23, 2018
- NDTVKhabar News Desk
भगत सिंह ने खत में लिखा, ‘साथियों स्वाभाविक है जीने की इच्छा मुझमें भी होनी चाहिए. मैं इसे छिपाना नहीं चाहता हूं, लेकिन मैं एक शर्त पर जिंदा रह सकता हूं कि कैंद होकर या पाबंद होकर न रहूं.
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Bhagat Singh jayanti 2022 : भगत सिंह से जुड़ी ये 5 बातें जो आप बिल्कुल नहीं जानते, जान गए तो हो जाएंगे हैरान
- Wednesday September 28, 2022
Bhagat Singh Birth Anniversary : भगत सिंह की जयंती पर चलिए जानते हैं उनके 23 साल के जीवन की वो महत्वपूर्ण घटनाएं जो लोगों के अंदर देशभक्ति के जुनून को पैदा करती हैं.
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American Youtuber की गुजराती सुन आपके कान भी हो जाएंगे खड़े, रेस्टोरेंट के मालिक ने भी कर दिया था सब FREE
- Wednesday March 23, 2022
एरिया स्मिथ नाम के शख्स एक फेमस यूट्यूबर हैं, जिनके चैनल का नाम @Xiaomanyc है, जिसको 40 लाख से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं. इस यूट्यूब चैनल पर हाल ही में एक वीडियो शेयर किया गया है, जिसमें स्मिथ एक इंडियन रेस्टोरेंट में जाकर फर्राटेदार गुजराती में खाना ऑर्डर करते हैं. उनकी गुजराती को सुनकर रेस्टोरेंट के मालिक ने उनसे खाने के पैसे तक नहीं लिए. वीडियो में स्मिथ की गुजराती को सुनकर आपके भी कान खड़े हो जाएंगे.
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Shaheed Diwas 2021: भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव को आज ही के दिन दी गई थी फांसी, जानिए इतिहास के पन्नों में दर्ज इस दिन की घटनाएं
- Tuesday March 23, 2021
History of 23 March: देश और दुनिया के इतिहास में यूं तो कई महत्वपूर्ण घटनाएं 23 मार्च की तारीख पर दर्ज हैं. लेकिन भगत सिंह और उनके साथी राजगुरु और सुखदेव को फांसी दिया जाना भारत के इतिहास में दर्ज इस दिन की सबसे बड़ी एवं महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है. वर्ष 1931 में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान क्रांतिकारी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को 23 मार्च को ही फांसी दी गई थी.
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Shaheed Diwas 2021: क्यों मनाया जाता है शहीद दिवस? जानिए भगत सिंह के जीवन से जुड़ी अहम बातें
- Tuesday March 23, 2021
Shaheed Diwas: भगत सिंह (Bhagat Singh), शिवराम राजगुरु (Shivaram Rajguru) और सुखदेव थापर (Sukhdev Thapar) को आज ही के दिन 23 मार्च 1931 को फांसी पर चढ़ाया गया था और इन तीन देशभक्तों ने हंसते-हंसते शहादत को गले लगा लिया था. भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की याद में ही हर साल 23 मार्च को शहीद दिवस (Shaheed Diwas) मनाया जाता है. भगत सिंह ने अंग्रेजों से लोहा लिया और असेंबली में बम फेंक कर उन्हें सोती नींद से जगाने का काम किया था, असेंबली में बम फेंकने के बाद वे भागे नहीं और जिसके नतीजतन उन्हें फांसी की सजा हो गई.
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- Thursday January 30, 2020
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शहीद दिवस : पढ़ें- फांसी के फंदे को चूमने से पहले भगत सिंह ने अपने आखिरी खत में क्या लिखा था
- Saturday March 23, 2019
- NDTVKhabar News Desk
र्ष 1931 में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान क्रांतिकारी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को 23 मार्च को ही फांसी दी गई थी. 23 मार्च को शहीद दिवस (Shahid Diwas) के रूप में भी जाना जाता है.
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शहीद दिवस: भगत सिंह से सीखें लाइफ में कैसे खुदको बनाएं सफल, जानिए क्या दिया था युवाओं को मंत्र
- Friday March 23, 2018
भगत सिंह कहते थे कि आमतौर पर लोग जैसी चीजें हैं, उसी के आदी हो जाते हैं. वे बदलाव में विश्वास नहीं रखते और महज उसका विचार आने से ही कांपने लगते हैं. ऐसे में यदि हमें कुछ करना है तो निष्क्रियता की भावना को बदलना होगा. हमें क्रांतिकारी भावना अपनानी होगी.
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शहीद दिवस: फांसी से एक दिन पहले भगत सिंह ने आखिरी खत में लिखा था कुछ ऐसा, जिसे जानकर भावुक हो जाएंगे आप
- Friday March 23, 2018
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भगत सिंह ने खत में लिखा, ‘साथियों स्वाभाविक है जीने की इच्छा मुझमें भी होनी चाहिए. मैं इसे छिपाना नहीं चाहता हूं, लेकिन मैं एक शर्त पर जिंदा रह सकता हूं कि कैंद होकर या पाबंद होकर न रहूं.
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