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This Article is From Mar 23, 2018

शहीद दिवस: भगत सिंह से सीखें लाइफ में कैसे खुदको बनाएं सफल, जानिए क्या दिया था युवाओं को मंत्र

आज शहीद दिवस के मौके पर क्रांतिकारी भगत सिंह की जिंदगी से हमें कई तरह की प्रेरणाएं मिलती हैं. उनके कई विचार ऐसे हैं, जिनसे किसी के भी रोंगटे खड़े हो सकते हैं. भगत सिंह का मानना था कि जिंदगी तो सिर्फ अपने दम पर ही जी जाती है.

शहीद दिवस: भगत सिंह से सीखें लाइफ में कैसे खुदको बनाएं सफल, जानिए क्या दिया था युवाओं को मंत्र
शहीद भगत सिहं की फाइल फोटो
नई दिल्ली: देश को अंग्रेजों की गुलामी से आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले क्रांतिकारी भगत सिंह को आज ही के दिन 1931 में फांसी दे दी गई थी. भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 को हुआ था. उन्होंने शक्तिशाली ब्रिटिश सरकार से जिस साहस के साथ मुकाबला किया, उसे भुलाया नहीं जा सकता है. ऐसा कहा जाता है कि अमृतसर में हुए जलियांवाला बाग हत्याकांड ने भगत सिंह की सोच पर गहरा प्रभाव डाला था. 

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आज शहीद दिवस के मौके पर क्रांतिकारी भगत सिंह की जिंदगी से हमें कई तरह की प्रेरणाएं मिलती हैं. उनके कई विचार ऐसे हैं, जिनसे किसी के भी रोंगटे खड़े हो सकते हैं. भगत सिंह का मानना था कि जिंदगी तो सिर्फ अपने दम पर ही जी जाती है. भगत सिंह कहते थे कि आमतौर पर लोग जैसी चीजें हैं, उसी के आदी हो जाते हैं. वे बदलाव में विश्वास नहीं रखते और महज उसका विचार आने से ही कांपने लगते हैं. ऐसे में यदि हमें कुछ करना है तो निष्क्रियता की भावना को बदलना होगा. हमें क्रांतिकारी भावना अपनानी होगी.

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उन्होंने कहा था कि राख का हर एक कण मेरी गर्मी से गतिमान है. मैं एक ऐसा पागल हूं जो जेल में भी आजाद है. बता दें कि भगत सिंह ने मौत की सजा मिलने के बाद भी माफीनामा लिखने से साफ मना कर दिया था. बाद में 23 मार्च 1931 को शाम करीब 7 बजकर 33 मिनट पर भगत सिंह तथा इनके दो साथियों सुखदेव व राजगुरु को फांसी दे दी गई थी.  
 

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