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This Article is From Sep 28, 2022

Bhagat Singh jayanti 2022 : भगत सिंह से जुड़ी ये 5 बातें जो आप बिल्कुल नहीं जानते, जान गए तो हो जाएंगे हैरान

Bhagat Singh Birth Anniversary : भगत सिंह की जयंती पर चलिए जानते हैं उनके 23 साल के जीवन की वो महत्वपूर्ण घटनाएं जो लोगों के अंदर देशभक्ति के जुनून को पैदा करती हैं.

Bhagat Singh jayanti 2022 : भगत सिंह से जुड़ी ये 5 बातें जो आप बिल्कुल नहीं जानते, जान गए तो हो जाएंगे हैरान
History of 28 september : ''अगर मेरा विवाह गुलाम भारत में हुआ, तो मेरी वधु केवल मृत्यु होगी". 

Bhagat Singh jayanti 2022 : आज देश शहीद भगत सिंह की जयंती मना रहा है. आज भगत सिंह की 115वीं जयंती है. केवल 23 साल की उम्र में देश के लिए जान दे देने वाले  भगत सिंह हर नौजवान भारतीय के प्रेरणा स्त्रोत हैं, उन्होंने अपने देश की आजादी के लिए लोगों में ऐसा जोश भरा की अंग्रेजी हुकुमत की जड़े हिल गई. ऐसे में आज उनकी जयंती पर चलिए जानते हैं उनके 23 साल के जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में जो लोगों के अंदर देशभक्ति के जुनून को पैदा करती हैं. इस लेख में आपको उनसे जुड़ी 5 महत्वपूर्ण बातें बताएंगे.

भगत सिंह से जुड़ी 5 महत्वपूर्ण बातें 

- भगत सिंह के माता पिता उनकी शादी कराना चाहते थे, लेकिन भगत विवाह खिलाफ थे. उनका कहना था कि अगर मेरा विवाह गुलाम भारत में हुआ, तो मेरी वधु केवल मृत्यु होगी". 

- आपको बता दें कि भगत सिंह ने लाला राजपत राय की मौत का बदला लेने के लिए लाहौर में पुलिस अधीक्षक जेम्स स्कॉट को मारने की साजिश रची थी, लेकिन उसकी सही पहचान ना कर पाने के कारण उन्होंने ब्रिटिश पुलिस अधिकारी जॉन सॉन्डर्स को गोली मार दी.

- भगत सिंह सिख धर्म से थे. जिसमें पगड़ी और दाढ़ी रखना बहुत जरूरी होता है लेकिन उन्होंने अंग्रेजों की नजर से बचने के लिए कटवा दिए थे. जॉन सॉन्डर्स की हत्या के लगभग एक साल बाद उन्होंने अपने सहयोगी बटुकेश्वर दत्त के साथ दिल्ली के सेंट्रल असेंबली हॉल में बम फेंके और इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगाए थे. यहीं पर उनकी गिरफ्तारी भी हो गई थी.

- भगत सिंह गिरफ्तारी के बाद जेल में भी देश की स्वतंत्रता को लेकर कैदियों को प्रेरित करते रहे जिसको लेकर अंग्रेजी हुकूमत परेशान हुई. उनके ऊपर जब केस चला तो उन्होंने कोई भी बचाव अपनी ओर से पेश नहीं किया था. इस दौरान भी वो लगातार आजादी को लेकर लोगों को प्रेरित करते रहे.

- भगत सिंह को सजा-ए मौत की सजा 7 अक्टूबर 1930 को सुनाई गई. फांसी की सजा सुनाने वाला न्यायाधीश का नाम जी.सी. हिल्टन था. 

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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