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फाइटर पर आया ऋतिक रोशन की एक्स वाइफ सुजैन खान का रिव्यू, लिखी ये बात
- Saturday January 27, 2024
- Written by: रोज़ी पंवार
Sussanne Khan Reviews Fighter: फाइटर सिनेमाघरों में 25 जनवरी को रिलीज हो गई है, जिसे दुनियाभर से प्यार मिल रहा है. वहीं सोशल मीडिया पर भी फैंस और सेलेब्स तारीफ करते नहीं तक रहे हैं.
- ndtv.in
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Fighter OTT Release and Platform: इस ओटीटी पर आएगी ‘फाइटर’, इतने दिन बाद रिलीज होगी ऋतिक रोशन की फिल्म
- Friday January 26, 2024
- Written by: आनंद कश्यप
Fighter OTT Release and Platform: इस बीच ‘फाइटर’ की ओटीटी रिलीज को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. ‘फाइटर’ एक एरियल एक्शन फिल्म है, जिसका निर्देशन सिद्धार्थ आनंद किया है. इससे पहले उन्होंने पिछले साल फिल्म पठान से काफी सुर्खियां बटोरी थीं. पठान ने बॉक्स ऑफिस पर ताबड़तोड़ कमाई की थी
- ndtv.in
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लॉकडाउन में दिल्ली वालों को राहत : प्लम्बर-इलेक्ट्रीशियन सेवाएं चालू, बुक स्टॉल-इलेक्ट्रिक पंखे की दुकानें खुलेंगी
- Tuesday April 28, 2020
- Reported by: शरद शर्मा, Edited by: पवन पांडे
दिल्ली सरकार ने जिन चीजों से प्रतिबंध हटाया है. उनमें- प्लम्बर, इलेक्ट्रीशियन और वाटर फ्यूरीफायर से जुड़ी सेवाएं, बच्चों की पढ़ाई की किताब की दुकान (बुक स्टॉल) और इलेक्ट्रिक पंखे की दुकान शामिल हैं. दिल्ली सरकार के इस फैसले से राज्य के लोगों को गर्मी में राहत मिलने की उम्मीद है.
- ndtv.in
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नोटबंदी के वक्त मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे अरविंद सुब्रमण्यन बोले- बड़ा झटका था वह फैसला, गिर गई थी GDP
- Thursday November 29, 2018
- Reported by: हिमांशु शेखर मिश्र
सुब्रमण्यन ने कहा, 'नोटबंदी एक बड़ा, सख्त और मौद्रिक झटका था. इसके बाद बाजार से 86 फीसदी मुद्रा हटा ली गई थी. इस फैसले की वजह से जीडीपी प्रभावित हुई थी. ग्रोथ पहले भी कई बाप नीचे गिरी है, लेकिन नोटबंदी के बाद यह एक दम से नीचे आ गई.' अपनी किताब के एक चैप्टर 'द टू पज़ल्स ऑफ डिमोनेटाइजेशन- पॉलिटिकल एंड इकॉनोमिक' में उन्होंने लिखा है, 'नोटबंदी से पहले छह तिमाहियों में ग्रोथ औसतन आठ फीसदी थी, जबकि उसके बाद सात तिमाहियों में यह औसत 6.8 रह गई.'
- ndtv.in
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कौन तय करे कि हम क्या पढ़ें?
- Monday May 2, 2016
- Apoorvanand
कोई भी ख्याल रखना एक बात है, लेकिन वह पर्याप्त सूचनाओं पर आधारित और उनसे प्रमाणित हुए बिना ज्ञान के क्षेत्र में स्वीकार नहीं किया जा सकता। बिपन चंद्र और अन्य विद्वानों के वर्षों के शोध के बाद लिखी किताब पर विचार रखने का अधिकार उनके जितना ही बौद्धिक श्रम करने वालों के पास है।
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फाइटर पर आया ऋतिक रोशन की एक्स वाइफ सुजैन खान का रिव्यू, लिखी ये बात
- Saturday January 27, 2024
- Written by: रोज़ी पंवार
Sussanne Khan Reviews Fighter: फाइटर सिनेमाघरों में 25 जनवरी को रिलीज हो गई है, जिसे दुनियाभर से प्यार मिल रहा है. वहीं सोशल मीडिया पर भी फैंस और सेलेब्स तारीफ करते नहीं तक रहे हैं.
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Fighter OTT Release and Platform: इस ओटीटी पर आएगी ‘फाइटर’, इतने दिन बाद रिलीज होगी ऋतिक रोशन की फिल्म
- Friday January 26, 2024
- Written by: आनंद कश्यप
Fighter OTT Release and Platform: इस बीच ‘फाइटर’ की ओटीटी रिलीज को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. ‘फाइटर’ एक एरियल एक्शन फिल्म है, जिसका निर्देशन सिद्धार्थ आनंद किया है. इससे पहले उन्होंने पिछले साल फिल्म पठान से काफी सुर्खियां बटोरी थीं. पठान ने बॉक्स ऑफिस पर ताबड़तोड़ कमाई की थी
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- Tuesday April 28, 2020
- Reported by: शरद शर्मा, Edited by: पवन पांडे
दिल्ली सरकार ने जिन चीजों से प्रतिबंध हटाया है. उनमें- प्लम्बर, इलेक्ट्रीशियन और वाटर फ्यूरीफायर से जुड़ी सेवाएं, बच्चों की पढ़ाई की किताब की दुकान (बुक स्टॉल) और इलेक्ट्रिक पंखे की दुकान शामिल हैं. दिल्ली सरकार के इस फैसले से राज्य के लोगों को गर्मी में राहत मिलने की उम्मीद है.
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नोटबंदी के वक्त मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे अरविंद सुब्रमण्यन बोले- बड़ा झटका था वह फैसला, गिर गई थी GDP
- Thursday November 29, 2018
- Reported by: हिमांशु शेखर मिश्र
सुब्रमण्यन ने कहा, 'नोटबंदी एक बड़ा, सख्त और मौद्रिक झटका था. इसके बाद बाजार से 86 फीसदी मुद्रा हटा ली गई थी. इस फैसले की वजह से जीडीपी प्रभावित हुई थी. ग्रोथ पहले भी कई बाप नीचे गिरी है, लेकिन नोटबंदी के बाद यह एक दम से नीचे आ गई.' अपनी किताब के एक चैप्टर 'द टू पज़ल्स ऑफ डिमोनेटाइजेशन- पॉलिटिकल एंड इकॉनोमिक' में उन्होंने लिखा है, 'नोटबंदी से पहले छह तिमाहियों में ग्रोथ औसतन आठ फीसदी थी, जबकि उसके बाद सात तिमाहियों में यह औसत 6.8 रह गई.'
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कौन तय करे कि हम क्या पढ़ें?
- Monday May 2, 2016
- Apoorvanand
कोई भी ख्याल रखना एक बात है, लेकिन वह पर्याप्त सूचनाओं पर आधारित और उनसे प्रमाणित हुए बिना ज्ञान के क्षेत्र में स्वीकार नहीं किया जा सकता। बिपन चंद्र और अन्य विद्वानों के वर्षों के शोध के बाद लिखी किताब पर विचार रखने का अधिकार उनके जितना ही बौद्धिक श्रम करने वालों के पास है।
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